शर्मनाक / श्रमिक स्पेशल के टॉयलेट में पांच दिन तक पड़ा रहा प्रवासी मजदूर का शव, सेनेटाइज करते समय हुआ खुलासा

लाख मुश्किलें झेलकर प्रवासी मजदूरों की घर वापसी का सिलसिला जारी है। ऐसे में उनके साथ रास्ते में कोई हादसा हो जाए तो भी कोई मदद करने वाला नहीं है। मानवता को शर्मशार करने वाला एक मामला गुरुवार शाम झांसी स्टेशन पर सामने आया। झांसी से गोरखपुर के लिए 23 मई को रवाना हुई श्रमिक स्पेशल के शौचालय में शव पड़ा रहा। पांच दिन बाद जब ट्रेन को सेनेटाइज किया जा रहा था तब शव मिलने की सूचना पर रेलवे प्रशासन सकते में आ गया।

Live Hindustan : May 30, 2020, 12:00 AM
India lockdown: लाख मुश्किलें झेलकर प्रवासी मजदूरों की घर वापसी का सिलसिला जारी है। ऐसे में उनके साथ रास्ते में कोई हादसा हो जाए तो भी कोई मदद करने वाला नहीं है। मानवता को शर्मशार करने वाला एक मामला गुरुवार शाम झांसी स्टेशन पर सामने आया। झांसी से गोरखपुर के लिए 23 मई को रवाना हुई श्रमिक स्पेशल के शौचालय में शव पड़ा रहा। पांच दिन बाद जब ट्रेन को सेनेटाइज किया जा रहा था तब शव मिलने की सूचना पर रेलवे प्रशासन सकते में आ गया। छानबीन में पता चला 23 मई को इसी ट्रेन से गोरखपुर जाने के लिए बस्ती का प्रवासी मजदूर सवार हुआ था। जीआरपी ने कोरोना जांच और पोस्टमार्टम कराने के बाद शव शुक्रवार को परिजनों के सुपुर्द कर दिया। परिजनों ने झांसी में ही दाह संस्कार कर दिया। 

गोरखपुर से 27 मई को लौटी 04168 श्रमिक स्पेशल ट्रेन को शाम के वक्त अगली यात्रा के लिए रेलवे यार्ड में तैयार किया जा रहा था। सेनेटाइज के समय एस ई 068226 बोगी का शौचालय नहीं खुल रहा था। दरवाजा तोड़ा गया तो रेलकर्मियों ने 38 वर्षीय युवक का शव देखकर सन्न रह गए। तत्काल  जीआरपी और आरपीएफ को सूचना दी गई। तलाशी के दौरान युवक की जेब से मोबाइल फोन, 27282 रुपये नगद, आधार कार्ड, पैन कार्ड, एटीएम के अलावा 23 मई का झांसी से गोरखपुर जाने का यात्रा टिकट मिला। आधार कार्ड में मृतक का नाम मोहन शर्मा पुत्र सुभाष शर्मा निवासी हलुआ थाना गौर जिला बस्ती लिखा था। इसकी जानकारी जीआरपी ने परिजनों को दी। फूफा कन्हैया लाल शर्मा, साढू भाई व चाचा शुक्रवार सुबह जीआरपी थाने पहुंचे। फूफा ने बताया कि मोहन शुगर का मरीज था। काफी लंबे समय से उसकी दवाएं चल रही थीं। हालांकि मेडिकल कॉलेज से अभी कोरोना जांच की रिपोर्ट नहीं मिली है।  

मौत का कारण स्पष्ट नहीं, विसरा सुरक्षित

पोस्टमार्टम में मौत का कारण स्पष्ट न होने पर जीआरपी ने विसरा जांच के लिए सुरक्षित रख लिया है। फूफा ने बताया कि मोहन के पिता का काफी पहले देहांत हो गया था। पत्नी व चार मासूम बच्चों की परवरिश के लिए वह कमाने मुंबई गया था। चिप्स फैक्ट्री में ड्रावर था। लॉकडाउन के कारण काम धंधा बंद होने से वह घर वापस लौटने के लिए झांसी से गोरखपुर जाने वाली श्रमिक ट्रेन में सवार हुआ था। वह मुंबई से झांसी तक बस से आया था।

विजय नारायण पांडे, उप निरीक्षक, जीआरपी का कहना है कि  सूचना मिलते ही शव को उतरवा कर मेडिकल कॉलेज कोरोना जांच के लिए भेज दिया गया है। पोस्टमार्टम में भी मौत का कारण स्पष्ट नहीं है। परिजनों का कहना है कि युवक शुगर का मरीज था।