देश / टिड्डी दलों के हमले से विमानों को खतरा, DGCA ने जारी की गाइडलाइंस

देश के कई इलाकों में टिड्डी दलों के हमले से विमानों को उड़ान भरने और लैंड करने में दिक्कत आ रही है। इसी को ध्यान में रखते हुए नागर विमानन महानिदेशालय ने शुक्रवार को पायलटों और हवाई यातायात नियंत्रकों इत्यादि के लिए दिशानिर्देश जारी किए। भारत में इन दिनों टिड्डी दलों के हमले का कोहराम है। पिछले 20 सालों में टिड्डी दल का यह पहला बड़ा हमला है।

Live Hindustan : May 29, 2020, 11:54 PM
नई दिल्ली | देश के कई इलाकों में टिड्डी दलों के हमले से विमानों को उड़ान भरने और लैंड करने में दिक्कत आ रही है। इसी को ध्यान में रखते हुए नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने शुक्रवार (29 मई) को पायलटों और हवाई यातायात नियंत्रकों इत्यादि के लिए दिशानिर्देश जारी किए। भारत में इन दिनों टिड्डी दलों के हमले का कोहराम है। पिछले 20 सालों में टिड्डी दल का यह पहला बड़ा हमला है। राजस्थान में इससे फसलों को नुकसान पहुंचा है। अब इनका रुख पंजाब, गुजरात, महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश की ओर है।

डीजीसीए ने अपने परिपत्र में कहा, ''यद्यपि एक अकेला टिड्डी आकार में काफी छोटा होता है, लेकिन बड़ी संख्या में टिड्डियों के होने से पायलट को सामने की ओर सही तरीके से दिखाई नहीं देता। यह विमान के उड़ान भरने, लैडिंग करने और उसे पार्किंग तक ले जाने के दौरान काफी बाधा उत्पन्न करने वाला है।"

नागर विमानन क्षेत्र नियामक ने कहा कि ऐसे समय में वाइपर का इस्तेमाल करने से पायलट के सामने के कांच पर टिड्डियों के धब्बे और फैल सकते हैं। यह उनकी दृश्य क्षमता को और खराब कर सकता है। इसलिए पायलट को वाइपर का इस्तेमाल करने से पहले इस बारे में विचार करना चाहिए। बड़ी संख्या में टिड्डियों के होने से पायलट का जमीन का दृश्य भी कमजोर होता है। इसके लिए भी उन्हें सचेत रहना चाहिए।

डीजीसीए ने हवाई यातायात नियंत्रकों को उनके नियंत्रण वाले हवाईअड्डों पर टिड्डियों से जुड़ी जानकारी हर आगमन और प्रस्थान वाली उड़ान के साथ साझा करने की सलाह दी है। साथ पायलट भी यदि कहीं टिड्डियों को देखते हैं, तो उन्हें उनके स्थान की जानकारी साझा करना चाहिए।