Champions Trophy 2025 / साउथ अफ्रीका सेमीफाइनल भारत की वजह से हारा? डेविड मिलर का बड़ा बयान

साउथ अफ्रीका का आईसीसी ट्रॉफी जीतने का इंतजार जारी है। चैंपियंस ट्रॉफी 2025 के सेमीफाइनल में न्यूजीलैंड से 50 रन की हार के बाद डेविड मिलर ने आईसीसी की यात्रा व्यवस्था पर सवाल उठाए। मिलर ने अतिरिक्त सफर को अनुचित बताया, हालांकि उन्होंने सेमीफाइनल में शानदार शतक जड़ा।

Champions Trophy 2025: आईसीसी टूर्नामेंट में साउथ अफ्रीका का चोक करने का सिलसिला एक बार फिर जारी रहा। चैंपियंस ट्रॉफी 2025 के सेमीफाइनल में न्यूजीलैंड के खिलाफ मिली 50 रनों की हार के बाद एक और बार साउथ अफ्रीकी टीम फाइनल में जगह बनाने से चूक गई। हाई स्कोरिंग मुकाबले में 363 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए भी टीम उम्मीदों पर खरी नहीं उतर सकी। हार के बाद टीम के अनुभवी बल्लेबाज डेविड मिलर ने आईसीसी की यात्रा व्यवस्था को लेकर कड़ा बयान दिया और इसे हार का एक बड़ा कारण बताया।

डेविड मिलर ने आईसीसी पर उठाए सवाल

सेमीफाइनल में हार के बाद डेविड मिलर ने टूर्नामेंट के हाइब्रिड मॉडल को लेकर अपनी नाराजगी जाहिर की। इस चैंपियंस ट्रॉफी में टीम इंडिया ने अपने सभी मैच दुबई में खेले, जबकि बाकी टीमों के मुकाबले पाकिस्तान में आयोजित किए गए। स्थिति तब और जटिल हो गई जब अंतिम ग्रुप स्टेज मैच तक यह तय नहीं था कि भारत सेमीफाइनल में किस टीम के खिलाफ खेलेगा। इस कारण ग्रुप बी से सेमीफाइनल में पहुंचने वाली साउथ अफ्रीका और ऑस्ट्रेलिया को पाकिस्तान से दुबई आना पड़ा, लेकिन भारत की न्यूजीलैंड पर जीत के बाद साउथ अफ्रीका को वापस पाकिस्तान लौटना पड़ा, क्योंकि उनका सेमीफाइनल मुकाबला लाहौर में था।

डेविड मिलर ने कहा, "फ्लाइट केवल एक घंटे 40 मिनट की थी, लेकिन हमें यह यात्रा करनी पड़ी, जो सही नहीं था। यह एक सुबह की फ्लाइट थी, हमें मैच के बाद यात्रा करनी पड़ी। फिर हम दुबई पहुंचे शाम 4 बजे और सुबह 7:30 बजे हमें वापस लौटना पड़ा। ऐसा नहीं था कि हम 5 घंटे की फ्लाइट से वापस आ रहे थे, और हमारे पास आराम करने और पूरी तरह से ठीक होने का पर्याप्त समय था। लेकिन यह स्थिति बिल्कुल आदर्श नहीं थी।" मिलर के मुताबिक, इस अतिरिक्त यात्रा ने खिलाड़ियों की फिटनेस और मानसिक तैयारी पर असर डाला।

मिलर की जुझारू पारी बेकार गई

साउथ अफ्रीका की हार के बावजूद डेविड मिलर ने सेमीफाइनल में जबरदस्त बल्लेबाजी का प्रदर्शन किया। उन्होंने 67 गेंदों पर नाबाद 100 रन की शानदार पारी खेली, जिसमें 10 चौके और 4 छक्के शामिल थे। यह चैंपियंस ट्रॉफी इतिहास का सबसे तेज शतक था, लेकिन उनकी यह पारी टीम को जीत तक नहीं पहुंचा सकी।

क्या साउथ अफ्रीका का दुर्भाग्य जारी रहेगा?

साउथ अफ्रीका को 'चोकर्स' का तमगा मिला हुआ है, और एक बार फिर से यह टीम आईसीसी टूर्नामेंट के नॉकआउट में उम्मीदों पर खरी नहीं उतर सकी। चाहे 1999 विश्व कप का सेमीफाइनल हो, 2007 टी20 विश्व कप का बड़ा मुकाबला या 2015 विश्व कप का दर्दनाक सेमीफाइनल – साउथ अफ्रीकी टीम हमेशा दबाव में बिखरती नजर आई है। अब देखना होगा कि यह टीम कब इस मानसिक अवरोध को तोड़कर आईसीसी ट्रॉफी अपने नाम कर पाएगी।