News Platform : Nov 08, 2019, 04:32 PM
नई दिल्ली. इराक की 66 साल की एक महिला के गालों में खाने के बाद सूजन जा जाती थी। जांच कराई तो महिला की पैरोटिड ग्लेंड (लार ग्रंथि) में स्टोन थे। यही सूजन की वजह बन रहे थे। स्टोन भी एक-दो नहीं बल्कि 53 थे। इराक के डॉक्टरों ने कहा कि चेहरे पर बिना कोई निशान छोड़े स्टोन निकालना वहां संभव नहीं है। महिला कोई रिस्क नहीं लेना चाहती थी, इसलिए वह भारत आ गई और यहां सर्जरी कराई।
दिल्ली के गंगाराम अस्पताल के डॉक्टरों ने महिला की सर्जरी कर सभी 53 स्टोन (पथरी) निकाल दिए। डॉक्टरों का दावा है कि पैरोटिड ग्लेंड में एक साथ इतने स्टोन मिलने और उन्हें निकालने का दुनिया में यह पहला मामला है।
सर्जरी में दो घंटे लगे
सर्जरी करने वाली टीम के चिकित्सक और गंगाराम अस्पताल में ईएनटी के कंसलटेंट डॉ. वरुण राय ने कहा कि सबसे बड़ी चुनौती यह थी कि 3 मिमी चौड़ी नली पर कोई जख्म लगे बिना सभी पत्थरों को हटा दिया जाए। पूरी प्रक्रिया में दो घंटे लगे। पैरोटिड ग्लैंड के भीतर से 25 से अधिक पथरियों के निकालने की घटना अभी तक कहीं भी रिपोर्ट नहीं हुई है। स्टोन से लार नहीं निकल पा रही थीलार ग्रंथि में पथरी के केस दुनिया में 0.02 फीसदी से भी कम हैं। उसमें भी 53 पथरियों का निकलना दुर्लभ मामला है। महिला कुछ भी खाती थी तो पैरोटिड ग्लैंड से लार नहीं निकल पाती थी। इससे चेहरे पर सूजन आ जाती थी। लार न निकलने देने में पथरी रुकावट बन रही थी।
दिल्ली के गंगाराम अस्पताल के डॉक्टरों ने महिला की सर्जरी कर सभी 53 स्टोन (पथरी) निकाल दिए। डॉक्टरों का दावा है कि पैरोटिड ग्लेंड में एक साथ इतने स्टोन मिलने और उन्हें निकालने का दुनिया में यह पहला मामला है।
सर्जरी में दो घंटे लगे
सर्जरी करने वाली टीम के चिकित्सक और गंगाराम अस्पताल में ईएनटी के कंसलटेंट डॉ. वरुण राय ने कहा कि सबसे बड़ी चुनौती यह थी कि 3 मिमी चौड़ी नली पर कोई जख्म लगे बिना सभी पत्थरों को हटा दिया जाए। पूरी प्रक्रिया में दो घंटे लगे। पैरोटिड ग्लैंड के भीतर से 25 से अधिक पथरियों के निकालने की घटना अभी तक कहीं भी रिपोर्ट नहीं हुई है। स्टोन से लार नहीं निकल पा रही थीलार ग्रंथि में पथरी के केस दुनिया में 0.02 फीसदी से भी कम हैं। उसमें भी 53 पथरियों का निकलना दुर्लभ मामला है। महिला कुछ भी खाती थी तो पैरोटिड ग्लैंड से लार नहीं निकल पाती थी। इससे चेहरे पर सूजन आ जाती थी। लार न निकलने देने में पथरी रुकावट बन रही थी।