FEMA Violation / ED ने 5551 करोड़ का मांगा हिसाब, Xiaomi समेत 3 बैंकों पर कसा शिकंजा!

ईडी ने श्याओमी टेक्नोलॉजी इंडिया, सीएफओ समीर राव, पूर्व एमडी मनु जैन समेत 3 बैंकों को 5,551 करोड़ रुपए के फेमा उल्लंघन मामले में कारण बताओ नोटिस जारी किया है. ईडी ने अपनी जांच में पाया कि श्याओमी इंडिया ने साल 2014 में भारत में काम करना शुरू किया. ये चीन की प्रमुख मोबाइल हैंडसेट कंपनी श्याओमी के पूर्ण मालिकाना हक वाली सब्सिडियरी है. श्याओमी इंडिया ने साल 2015 से अपनी पेरेंट कंपनी को पैसे भेजना शुरू किया.

Vikrant Shekhawat : Jun 09, 2023, 09:25 PM
FEMA Violation: ईडी ने श्याओमी टेक्नोलॉजी इंडिया, सीएफओ समीर राव, पूर्व एमडी मनु जैन समेत 3 बैंकों को 5,551 करोड़ रुपए के फेमा उल्लंघन मामले में कारण बताओ नोटिस जारी किया है. ईडी ने अपनी जांच में पाया कि श्याओमी इंडिया ने साल 2014 में भारत में काम करना शुरू किया. ये चीन की प्रमुख मोबाइल हैंडसेट कंपनी श्याओमी के पूर्ण मालिकाना हक वाली सब्सिडियरी है. श्याओमी इंडिया ने साल 2015 से अपनी पेरेंट कंपनी को पैसे भेजना शुरू किया. कंपनी ने विदेशी कंपनियों को कुल 5,551.27 करोड़ रुपए भेज चुकी है.

ईडी का कहना है कि फेमा की धारा 10(4) और 10(5) के उल्लंघन मामले में सीआईटीआई बैंक, एचएसबीसी बैंक और ड्यूश बैंक एजी को भी नोटिस भेजे गए हैं, विदेशों में रॉयल्टी के रूप में विदेशी प्रेषण की अनुमति देकर कंपनी से बिना उचित जांच-पड़ताल किए समझौता किया.

पिछले साल, फेडरल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी ने फेमा के प्रावधानों के तहत पड़ी ‘चीन स्थित श्याओमी ग्रुप की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी’ से संबंधित 5,551.27 करोड़ रुपए जब्त किए थे. जांच एजेंसी ने कहा कि पैसा चीनी स्मार्टफोन दिग्गज के बैंक खातों में था और फरवरी में कथित ‘अवैध बाहरी प्रेषण’ के संबंध में जब्त किया गया था.

जांच एजेंसी की पुष्टि

जांच एजेंसी ने कहा कि फेमा की धारा 37ए के तहत नियुक्त सक्षम प्राधिकारी (Appointed Competent Authority) ने इस जब्ती आदेश की पुष्टि की है. अथॉरिटी ने जब्ती की पुष्टि करते हुए कहा कि ईडी का यह मानना ​​सही है कि 5,551 करोड़ रुपए के बराबर फोरेन करेंसी को शाओमी इंडिया की तरफ से अनऑथराइज्ड तरीके से देश के बाहर भेजा गया. जांच एजेंसी का कहना है कि फेमा, 1999 की धारा 4 और फेमा की धारा 37ए के प्रावधानों के अनुसार इसे जब्त किया जा सकता है.

फेमा के तहत जांच पूरी हो जाने के बाद ईडी की तरफ से कारण बताओ नोटिस जारी किया जाता है. एक बार जब आरोप तय हो जाता है तो संबंधित कंपनियों को नियमों के अनुसार जुर्माने का भुगतान करना होता है.