बिजनेस / क्रिप्टोकरेंसी से जुड़ी चिंताएं बेहद गंभीर हैं: आरबीआई गवर्नर

आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने मंगलवार को क्रिप्टोकरेंसी को लेकर कहा, "जब केंद्रीय बैंक कहता है कि मैक्रो अर्थव्यवस्था व आर्थिक स्थिरता के दृष्टिकोण से यह गंभीर चिंता का विषय है तो इसका मतलब है कि ये समस्याएं बहुत गहरी हैं।" उन्होंने कहा, "मैंने अभी तक सार्वजनिक रूप से इस मुद्दे पर एक अच्छी चर्चा नहीं देखी है।"

Vikrant Shekhawat : Nov 17, 2021, 12:54 PM
नई दिल्ली: भारत में क्रिप्टोकरेंसी के भविष्य को लेकर आशंकाओं के बीच भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने एक अहम बयान दिया है। शक्तिकांत दास ने कहा कि क्रिप्टोकरेंसी को लेकर गंभीर चिंताएं हैं। इसमें कई बड़े मुद्दे शामिल हैं। इस पर व्यापक चर्चा की जरूरत है। आरबीआई गवर्नर का ये बयान ऐसे समय में आया है जब सरकार संसद के आगामी शीतकालीन सत्र में क्रिप्टोक्यूरेंसी बिल पेश करने की तैयारी में जुटी है। 

आरबीआई के गवर्नर ने कहा कि महामारी की मार झेल चुकी अर्थव्यवस्था के तमाम वृहत संकेतक आर्थिक पुनरुद्धार के मजबूत होने का इशारा कर रहे हैं। हालांकि, दास ने आर्थिक वृद्धि के टिकाऊ होने के लिए निजी पूंजी निवेश में वृद्धि को जरूरी बताया। उन्होंने कहा कि महामारी के बाद के दौर में भारतीय अर्थव्यवस्था समुचित तेज रफ्तार से बढ़ने का सामर्थ्य रखती है, लेकिन उसके लिए निजी पूंजी का निवेश बढ़ना जरूरी है।

कई अर्थशास्त्रियों ने चालू वित्त वर्ष के लिए वृद्धि दर के अनुमान को घटाकर 8.5-10 प्रतिशत के बीच कर दिया है, लेकिन रिजर्व बैंक 9.5 प्रतिशत की वृद्धि दर के अपने अनुमान पर टिका हुआ है। शक्तिकांत दास ने बैंकिंग क्षेत्र के एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि निवेश का माहौल सुधरने पर बैंकों को भी निवेश के लिए तैयार रहना होगा। केंद्रीय बैंक ने अगले वित्त वर्ष से निवेश चक्र में तेजी आने की उम्मीद जताई है।

वर्ष-2013 से ही अर्थव्यवस्था में निजी पूंजी की आवक कम रही है। कई जानकारों का मानना है कि अगले वित्त वर्ष के मध्य से निजी निवेश में फिर से तेजी आ सकती है। शक्तिकांत दास ने बैंकों के बही खातों के बेहतर होने का जिक्र करते हुए कहा कि बैंकों का सकल फंसा कर्ज जुलाई-सितंबर की तिमाही में पहली तिमाही की तुलना में कम हुआ है। उन्होंने बैंकों से अपनी पूंजी प्रबंधन प्रक्रिया को बेहतर करने को भी कहा।