Vikrant Shekhawat : Mar 26, 2021, 07:18 AM
Delhi: कृषि कानूनों के खिलाफ संयुक्त किसान मोर्चा ने 26 मार्च को भारत बंद का आह्वान किया है। मोर्चा का दावा है कि उन्हें देशभर में इसका समर्थन मिल रहा है। वहीं दिल्ली के कारोबारियों में असमंजस की स्थिति बनी हुई थी। इसी मुद्दे पर दिल्ली में व्यापारियों के शीर्ष संगठन चैंबर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री (सीटीआई) ने सभी व्यापारियों से चर्चा की, जिसमें ज्यादातर व्यापारियों ने दुकान बंद न करने का फैसला लिया है।
सीटीआई के चेयरमैन बृजेश गोयल ने बताया कि 26 मार्च के भारत बंद को लेकर दिल्ली के व्यापारियों से चर्चा करके हमने सभी का फीडबैक लिया है। अधिकांश व्यापारियों ने कहा कि वे किसानों के मुद्दों का समर्थन करते हैं। केंद्र सरकार को जल्द से जल्द इस मुद्दे का समाधान निकालना चाहिए। किसानों को राहत देनी चाहिए, लेकिन जहां तक बाजारों को बंद करने का सवाल है, तो 98 प्रतिशत व्यापारियों का कहना था कि 1 दिन दुकानें बंद करने से समस्या का समाधान नहीं होगा। कोरोना के कारण पहले ही व्यापारियों को काफी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा है।सीटीआई ने बताया कि ज्यादातर व्यापारियों का कहना है कि केंद्र सरकार को किसानों से बात करके उनकी समस्या का समाधान करना चाहिए, जिससे कि दिल्ली के बॉर्डर खुल सकें, क्योंकि बॉर्डर पर जाम की समस्या होने से माल की आवाजाही भी काफी प्रभावित हुई है। बहुत से व्यापारियों की फैक्ट्रियां और गोदाम सोनीपत, कुंडली, राई, नोएडा और गाजियाबाद में हैं। व्यापारियों, कर्मचारियों और ग्राहकों को भी बॉर्डर से आने-जाने में काफी तकलीफ उठानी पड़ रही है।इसके अलावा एक पक्ष यह भी है कि दिल्ली और पूरे देश में कोरोना के केस बढ़ रहे हैं और जिस तरह से होली आदि त्योहारों को मनाने पर रोक लगा दी गई है, तो निकट भविष्य में अगर कोरोना के केस ज्यादा बढ़े, तो लाॅकडाउन की संभावना भी हो सकती है। यही कारण है कि अधिकांश व्यापारी अब अपनी दुकानें बंद करने के पक्ष में नहीं हैं।यही कारण है कि 26 मार्च को दिल्ली में चांदनी चौक, सदर बाजार, खारी बावली, नया बाजार, चावड़ी बाजार, कश्मीरी गेट, करोल बाग, कनॉट प्लेस, लाजपत नगर, सरोजनी नगर, लक्ष्मी नगर, गांधीनगर, कमला नगर, नेहरू प्लेस, साउथ एक्स, रोहिणी, पीतमपुरा आदि सभी प्रमुख बाजारों समेत दिल्ली के तमाम छोटे-बड़े बाजार खुले रहेंगे। इसके साथ ही 28 औद्योगिक क्षेत्रों में सभी फैक्ट्रियां भी खुली रहेंगी। गौरतलब है कि 26 फरवरी को एक व्यापारी संगठन ने जीएसटी के प्रावधानों के खिलाफ भारत बंद बुलाया था, लेकिन उसका दिल्ली में कोई असर नहीं हुआ था और दिल्ली के तमाम बाजार खुले हुए थे।दिल्ली की सीमाओं पर किसानों के संघर्ष को 26 मार्च को 4 महीने पूरे होने पर संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर भारत बंद का ऐलान किया गया है। यह बंद सुबह 6 से शाम 6 बजे तक किया जाएगा। एम्बुलेंस व अन्य आवश्यक सेवाओं को छोड़कर सभी सेवाएं बंद करने की योजना है। दिल्ली की जिन सीमाओं पर किसानों के धरने चल रहे हैं, वे सड़के पहले से बंद हैं। इस दौरान वैकल्पिक रास्ते खोले गए थे। आज के भारत बंद के दौरान सुबह 6 से शाम 6 बजे तक इन वैकल्पिक रास्तों को भी बंद किया जाएगा।संयुक्त किसान मोर्चा की मांग है कि तीन कृषि कानूनों को रद्द किया जाए। एमएसपी व खरीद पर कानून बने, किसानों पर किए सभी पुलिस केस रद्द किए जाएंत। बिजली बिल और प्रदूषण बिल वापस किए जाएं, इसके साथ ही डीजल, पेट्रोल और गैस की कीमतें भी कम की जाएं। वहीं संयुक्त किसान मोर्चा के डॉ। दर्शन पाल सिंह ने प्रदर्शनकारियों से अपील की है कि ये शांतमयी होते हुए इस बंद को सफल बनाएं, किसी भी प्रकार की नाजायज बहस में न उलझें। यह किसानों के सब्र का ही परिणाम है कि आन्दोलन इतना लम्बा चला है। हमें निरन्तर सफलताएं मिल रही हैं।
सीटीआई के चेयरमैन बृजेश गोयल ने बताया कि 26 मार्च के भारत बंद को लेकर दिल्ली के व्यापारियों से चर्चा करके हमने सभी का फीडबैक लिया है। अधिकांश व्यापारियों ने कहा कि वे किसानों के मुद्दों का समर्थन करते हैं। केंद्र सरकार को जल्द से जल्द इस मुद्दे का समाधान निकालना चाहिए। किसानों को राहत देनी चाहिए, लेकिन जहां तक बाजारों को बंद करने का सवाल है, तो 98 प्रतिशत व्यापारियों का कहना था कि 1 दिन दुकानें बंद करने से समस्या का समाधान नहीं होगा। कोरोना के कारण पहले ही व्यापारियों को काफी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा है।सीटीआई ने बताया कि ज्यादातर व्यापारियों का कहना है कि केंद्र सरकार को किसानों से बात करके उनकी समस्या का समाधान करना चाहिए, जिससे कि दिल्ली के बॉर्डर खुल सकें, क्योंकि बॉर्डर पर जाम की समस्या होने से माल की आवाजाही भी काफी प्रभावित हुई है। बहुत से व्यापारियों की फैक्ट्रियां और गोदाम सोनीपत, कुंडली, राई, नोएडा और गाजियाबाद में हैं। व्यापारियों, कर्मचारियों और ग्राहकों को भी बॉर्डर से आने-जाने में काफी तकलीफ उठानी पड़ रही है।इसके अलावा एक पक्ष यह भी है कि दिल्ली और पूरे देश में कोरोना के केस बढ़ रहे हैं और जिस तरह से होली आदि त्योहारों को मनाने पर रोक लगा दी गई है, तो निकट भविष्य में अगर कोरोना के केस ज्यादा बढ़े, तो लाॅकडाउन की संभावना भी हो सकती है। यही कारण है कि अधिकांश व्यापारी अब अपनी दुकानें बंद करने के पक्ष में नहीं हैं।यही कारण है कि 26 मार्च को दिल्ली में चांदनी चौक, सदर बाजार, खारी बावली, नया बाजार, चावड़ी बाजार, कश्मीरी गेट, करोल बाग, कनॉट प्लेस, लाजपत नगर, सरोजनी नगर, लक्ष्मी नगर, गांधीनगर, कमला नगर, नेहरू प्लेस, साउथ एक्स, रोहिणी, पीतमपुरा आदि सभी प्रमुख बाजारों समेत दिल्ली के तमाम छोटे-बड़े बाजार खुले रहेंगे। इसके साथ ही 28 औद्योगिक क्षेत्रों में सभी फैक्ट्रियां भी खुली रहेंगी। गौरतलब है कि 26 फरवरी को एक व्यापारी संगठन ने जीएसटी के प्रावधानों के खिलाफ भारत बंद बुलाया था, लेकिन उसका दिल्ली में कोई असर नहीं हुआ था और दिल्ली के तमाम बाजार खुले हुए थे।दिल्ली की सीमाओं पर किसानों के संघर्ष को 26 मार्च को 4 महीने पूरे होने पर संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर भारत बंद का ऐलान किया गया है। यह बंद सुबह 6 से शाम 6 बजे तक किया जाएगा। एम्बुलेंस व अन्य आवश्यक सेवाओं को छोड़कर सभी सेवाएं बंद करने की योजना है। दिल्ली की जिन सीमाओं पर किसानों के धरने चल रहे हैं, वे सड़के पहले से बंद हैं। इस दौरान वैकल्पिक रास्ते खोले गए थे। आज के भारत बंद के दौरान सुबह 6 से शाम 6 बजे तक इन वैकल्पिक रास्तों को भी बंद किया जाएगा।संयुक्त किसान मोर्चा की मांग है कि तीन कृषि कानूनों को रद्द किया जाए। एमएसपी व खरीद पर कानून बने, किसानों पर किए सभी पुलिस केस रद्द किए जाएंत। बिजली बिल और प्रदूषण बिल वापस किए जाएं, इसके साथ ही डीजल, पेट्रोल और गैस की कीमतें भी कम की जाएं। वहीं संयुक्त किसान मोर्चा के डॉ। दर्शन पाल सिंह ने प्रदर्शनकारियों से अपील की है कि ये शांतमयी होते हुए इस बंद को सफल बनाएं, किसी भी प्रकार की नाजायज बहस में न उलझें। यह किसानों के सब्र का ही परिणाम है कि आन्दोलन इतना लम्बा चला है। हमें निरन्तर सफलताएं मिल रही हैं।