Farmers Protest / किसानों का प्रदर्शन लगातार छठे दिन जारी, नए कृषि कानूनों पर केन्द्र सरकार ने किसान को दिया ये प्रस्ताव

नए कृषि संबंधी कानूनों के खिलाफ किसानों के प्रदर्शन मंगलवार को छठा दिन है। केन्द्र सरकार के साथ किसान संगठनों के प्रतिनिधियों के बीच नई दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में दोपहर 3 बजे से करीब साढे छह बजे सात लंबी चर्चा चली। समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, केन्द्र की तरफ से नए कृषि कानूनों पर समिति बनाने का प्रस्ताव रखा गया है।

Vikrant Shekhawat : Dec 01, 2020, 07:08 PM
नए कृषि संबंधी कानूनों के खिलाफ किसानों के प्रदर्शन मंगलवार को छठा दिन है। केन्द्र सरकार के साथ किसान संगठनों के प्रतिनिधियों के बीच नई दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में दोपहर 3 बजे से करीब साढे छह बजे सात लंबी चर्चा चली। समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, केन्द्र की तरफ से नए कृषि कानूनों पर समिति बनाने का प्रस्ताव रखा गया है। इस बैठक के दौरान सरकार ने किसान नेताओं से कहा है कि वे उनके संगठनों के 4 से 5 लोगों के नाम दें और एक समिति बनाई जाएगी जिसमें सरकार के साथ कृषि विशेषज्ञ भी होंगे जो नए कृषि कानूनों पर चर्चा करेंगे।

किसान नेताओं और सरकार के बीच मंगलवार को हुई बैठक के बाद अगले दौर की एक और बैठक 3 दिसंबर को होगी। इधर, केन्द्रीय कृषि मंत्री के साथ मिलने वाले किसान प्रतिनिधिमंडल के सदस्य चंदा सिंह ने कहा- हमारा आंदोलन जारी रहेगा। निश्चित रूप से सरकार से हम कुछ लेंगे चाहे वह गोली हो या फिर शांतिपूर्ण समाधान। हम फिर और बातचीत के लिए आएंगे।

यह बैठक शुरुआत में गुरुवार को होनी थी, लेकिन केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर और केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बीच सोमवार को दोबारा मिलकर चर्चा करने के बाद यह बातचीत पहले ही करने का फैसला किया गया। समाचार एजेंसी एएआई के मुताबिक, अजय चौटाला की जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) के संस्थापक ने किसान प्रदर्शन पर पूछा कि जब सरकार के नेताओं की तरफ से यह कहा जा रहा है कि वे न्यूनतम समर्थन मूल्य जारी रखेंगे तो फिर बिल में एमएसपी को शामिल करने में क्या दिक्कत है।

इधर, दिल्ली सरकार में मंत्री कैलाश गहलोत बुराड़ी में प्रदर्शन स्थल का दौरा करने के बाद कहा कि सही बातचीत होनी चाहिए और केन्द्र सरकार को किसानों की सभी मांगें माननी चाहिए क्यों वे सभी वास्तविक हैं। उन्होंने कहा कि प्रदर्शन स्थल का दौरा करने का मेरा उद्देश्य प्रदर्शनकारी किसानों की मूलभूत सुविधाओं को सुनिश्चित करना है।