महाराष्ट्र / महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख 6 नवंबर तक ईडी की हिरासत में भेजे गए

मुंबई की एक अदालत ने मंगलवार को महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख को 6 नवंबर तक प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की हिरासत में भेज दिया। मनी लॉन्डरिंग के मामले में ईडी ने करीब 12 घंटे की पूछताछ के बाद देशमुख को सोमवार देर रात गिरफ्तार किया था। शिवसेना सांसद संजय राउत ने देशमुख की गिरफ्तारी को 'अनैतिक' बताया है।

Vikrant Shekhawat : Nov 03, 2021, 09:23 AM
Anil Deshmukh Arrested: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख को गिरफ्तार कर लिया है. उनकी गिरफ्तारी को लेकर ईडी की ओर से जानकारी दी गई है. ईडी कार्यालय से मिली जानकारी में बताया गया है कि अनिल देशमुख को जबरन वसूली और मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में गिरफ्तार किया गया है. गिरफ्तारी को लेकर ईडी ने कहा है कि वह जांच एजेंसी के साथ पूछताछ में सहयोग नहीं कर रहे थे. ऐसे में सभी के मन में यह सवाल उठ रहा है कि आखिर कौन हैं अनिल देशमुख और इन्हें किस माममले में गिरफ्तार किया गया है. तो आपको सबसे पहले बताते हैं कि अनिल देशमुख कौन हैं? बहुत ही कम लोग हैं जो इनके बारे में जानते हैं ऐसे में हम आपको बता रहे हैं अनिल देशमुख के बारे में खास बातें- 

जनता के बीच अच्छी पकड़

अनिल देशमुख राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के नेता हैं. देशमुख उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में चल रही महाविकास आघाड़ी गठबंधन की सरकार में गृहमंत्री रह चुके हैं. विदर्भ क्षेत्र से संबंध रखने वाले अनिल देशमुख महाराष्ट्र के नागपुर जिले के कटोल इलाके के रहने वाले हैं. कटोल क्षेत्र की जनता के बीच उनकी अच्छी खासी पकड़ मानी जाती है. 

सितारे रहे हैं बुलंद

कटोल इलाके के रहने वाले अनिल देशमुख साल 1995 में यहां से विधानसभा चुनाव मैदान में उतरे. पहली बार निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर देशमुख ने चुनाव लड़ा और जीत हासिल कर विधानसभा पहुंचे. जनता के बीच देशमुख ने इतनी जबरदस्त पकड़ बनाई कि उन्होंने साल 1999, 2004, 2009 और 2019 में हुए विधानसभा चुनाव में भी जीत हासिल कर विधानसभा पहुंचे.

PWD से लेकर गृह मंत्री तक का सफर

उद्धव सरकार से पहले वह साल 2004 में पीडब्ल्यूडी मंत्री भी रह चुके हैं. वहीं साल 2009 से लेकर 2014 तक भी वह महाराष्ट्र के तत्कालीन सरकार में मंत्री रह चुके हैं. हालांकि साल 2014 के चुनाव में वह 5557 वोटों से हार गए. जिसके बाद उन्होंने 2019 में हुए विधानसभा चुनाव में एक बार फिर जीत हासिल की और महाराष्ट्र सरकार में गृह मंत्री बने.