Vikrant Shekhawat : Sep 11, 2021, 04:20 PM
गांधीनगर: गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने शनिवार को राज्यपाल आचार्य देवव्रत को अपना इस्तीफा सौंपा। रूपाणी ने इस्तीफे के बाद पीएम मोदी का शुक्रिया अदा किया और कहा कि आगे जो भी जिम्मेदारी मिलेगी, उसे निभाएंगे। राज्य में एक चुनाव से ठीक एक साल पहले भारतीय जनता पार्टी यहां चेहरा बदलने जा रही है। नए मुख्यमंत्री के नामों को लेकर अटकलें चल रही हैं।बताया जा रहा है कि रूपाणी और पार्टी संगठन में काफी दिनों से मतभेद चल रहा था। बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सीआर पाटिल से उनकी अनबन चल रही थी। बताया जा रहा है कि पिछले साल ही संगठन ने रूपाणी के खिलाफ पार्टी को रिपोर्ट दी थी। राजनीतिक जानकारों का यह भी कहना है कि विजय रूपाणी के नेतृत्व में सरकार की पकड़ ढीली पड़ रही थी। कामकाज को लेकर रूपाणी सरकार की छवि कमजोर हो रही थी।विजय रूपाणी ने इस्तीफे के बाद कहा, ''गुजरात के विकास यात्रा में मुझे जो योगदान का अवसर मिला उसके लिए पीएम मोदी का आभारी हूं। गुजरात के विकास की यह यात्रा नए उत्साह और नए नेतृत्व के साथ आगे बढ़ना चाहिए। बीजेपी की यह परंपरा रही है कि समय के साथ कार्यकर्ताओं के दायित्व बदलते रहते हैं। जो पार्टी की ओर से दायित्व दिया जाता है कार्यकर्ता उसका पालन करता है। अब मैंने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है और पार्टी संगठन में काम करने की इच्छा जाहिर की है। जो भी मुझे दायित्व दिया जाएगा वह करूंगा।''2016 में मिली थी कुर्सी65 वर्षीय रूपाणी ने अगस्त 2016 में हार्दिक पटेल की अगुवाई वाले पाटीदार आंदोलन के चलते तत्कालीन मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल के इस्तीफे के बाद यह पद पहली बार संभाला था। 2017 के चुनाव में भाजपा के अपेक्षाकृत लचर प्रदर्शन के बावजूद उन्हें दूसरी बार भी मुख्यमंत्री बनाया गया था। उनके आज पीएम मोदी के शिरकत वाले पाटीदार समाज के ही एक बड़े कार्यक्रम के अचानक बाद राज्यपाल आचार्य देवव्रत को इस्तीफा सौंपने को लेकर रजनीतिक हलकों में अटकलों का बाज़ार गर्म है। उस कार्यक्रम में राज्य के कई दिग्गज पाटीदार नेता मौजूद थे। वैसे रूपाणी को पद से हटाए जाने की अटकलें पिछले कुछ समय से गुजरात में सुनी जा रही थीं।