Vikrant Shekhawat : Dec 08, 2022, 08:23 PM
Gujarat Election Result 2022 : गुजरात में भाजपा ने 156 सीटों के साथ जीत का नया रिकॉर्ड बना दिया है। कांग्रेस ने 1985 में माधव सिंह सोलंकी की अगुआई में 149 विधानसभा सीटें जीती थीं। वहीं, नरेंद्र मोदी के CM रहते भाजपा ने 2002 के चुनाव में 127 सीटें जीती थीं। इस जीत के साथ भाजपा ने दोनों रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। CM भूपेंद्र पटेल 12 दिसंबर को गांधीनगर में विधानसभा के पीछे हेलीपैड मैदान में शपथ लेंगे।
गुजरात में तो भाजपा ने परचम लहराया ही है, लेकिन मोरबी की जीत पार्टी के लिए खास है। मोरबी में पहले फेज में 1 दिसंबर को वोटिंग हुई थी। चुनाव से ठीक 31 दिन पहले 30 अक्टूबर को यहां मच्छू नदी पर बना फुट ब्रिज टूटने से 143 लोगों की जान चली गई थी। इसके बाद PM मोदी भी हादसे की जगह पर गए थे।
लोगों को बचाने नदी में कूद गए थे अमृतियाहादसे के पीछे लापरवाही को लेकर राज्य की भाजपा सरकार पर भी सवाल उठे थे। माना जा रहा था कि भाजपा को चुनाव में इसका नुकसान होगा, लेकिन नतीजों ने सारी आशंकाओं को निराधार साबित कर दिया। मोरबी से भाजपा के कांति लाल अमृतिया ने जीत दर्ज की है। उन्होंने कांग्रेस के जयंती जेराजभाई पटेल को 61,196 वोटों से हराया है। मोरबी में पुल टूटने के तुरंत बाद अमृतिया लोगों को बचाने के लिए नदी में कूद गए थे। अब भाजपा समर्थक जीत का जश्न मना रहे हैं।
भाजपा 150 के पार, कांग्रेस 20 के अंदर सिमटीगुजरात की 182 विधानसभा सीटों में से भाजपा ने 156 सीटें जीती हैं। उसे 2017 के मुकाबले 58 सीटों का फायदा हुआ है। वहीं, कांग्रेस को सबसे ज्यादा 60 सीटों का नुकसान हुआ है। पार्टी ने पिछली बार 77 सीटें जीती थीं। इस बार उसे 17 सीटें ही मिली हैं।
निर्दलीय और अन्य कैंडिडेट्स ने गुजरात में 4 सीटें जीती हैं। दिलचस्प बात यह है चुनाव प्रचार के दौरान PM मोदी ने कहा था- नरेंद्र का रिकॉर्ड भूपेंद्र तोड़ेंगे। चुनाव नतीजों में बिल्कुल यही नजर आ रहा है।
मोदी बोले- गुजरात की जन-शक्ति के आगे सिर झुकाता हूंगुजरात में BJP की विराट जीत के बाद पीएम मोदी ने गुजरात की जनता को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा- गुजरात आपका धन्यवाद। ऐसे नतीजे देखकर मैं अभिभूत हूं। लोगों ने विकास की राजनीति को अपना आशीर्वाद दिया है और यह भी बता दिया है कि वे इस विकास को और भी तेजी से जारी रखना चाहते हैं। मैं गुजरात की जन-शक्ति के आगे सिर झुकाता हूं।
12 दिसंबर को गांधीनगर में CM की शपथ लेंगे पटेलगुजरात में गुरुवार सुबह 8 बजे से पहले आधे घंटे में पोस्टल बैलेट्स की गिनती के बाद EVM से काउंटिंग शुरू हुई थी। गुजरात भाजपा प्रमुख CR पाटिल ने बताया कि 12 दिसंबर को दोपहर 2 बजे गुजरात के नए मुख्यमंत्री शपथ लेंगे। शपथ ग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह शामिल होंगे।
सभी मंत्री जीते, CM बोले- जनता को भाजपा पर भरोसागुजरात के CM भूपेंद्र पटेल ने कहा कि गुजरात विधानसभा चुनाव का जनादेश अब स्पष्ट हो चुका है, यहां की जनता ने मन बना लिया है कि दो दशक से चली आ रही गुजरात की इस विकास यात्रा को अविरत चालू रखना है। यहां के लोगों ने एक बार फिर BJP पर अटूट भरोसा दिखाया है।
AAP पांच सीटों पर सिमटी, लेकिन राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिलाआम आदमी पार्टी गुजरात में महज 5 सीटें जीत सकी है। उसके तीनों बड़े नेता चुनाव हार गए हैं। इनमें मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार इसुदान गढ़वी, प्रदेश अध्यक्ष गोपाल इटालिया और पाटीदार नेता अल्पेश कथीरिया शामिल हैं। इसके बावजूद वोट शेयर के आधार पर AAP को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिल गया है। अब पार्टी पूरे देश में अपने नाम और चुनाव चिह्न के साथ लड़ सकेगी।
ओवैसी के सभी 13 कैंडिडेट चित, भाजपा के बागी भी हारेअसदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM ने पहली बार गुजरात विधानसभा चुनाव में हिस्सा लिया था। AIMIM ने कुल 13 में से 2 हिंदू कैंडिडेट भी मैदान में उतारे थे। पार्टी के सभी कैंडिडेट चुनाव हार गए हैं। वडोदरा की वाघोडिया सीट से भाजपा के बागी मधु श्रीवास्तव भी चुनाव हार गए हैं। कुतियाणा में लेडी डॉन संतोकबेन जडेजा के बेटे कांधल जडेजा निर्दलीय कैंडिडेट के तौर पर चुनाव जीत गए हैं।
गुजरात की 9 हॉट सीटें, सभी पर भाजपा जीती
1. घाटलोडिया (अहमदाबाद) से CM भूपेंद्र पटेल जीते: गुजरात को दो मुख्यमंत्री (भूपेंद्र पटेल और आनंदीबेन पटेल) देने वाली घाटलोदिया सीट से इस बार राज्य के CM भूपेंद्र पटेल मैदान में उतरे। पाटीदार वोटर्स के असर वाली इस सीट पर कांग्रेस ने राज्यसभा सांसद अमी बेन याग्निक को टिकट दिया था। AAP से विजय पटेल चुनाव लड़ रहे थे।
2. राजकोट वेस्ट से भाजपा की दर्शिता शाह जीतीं: राजकोट-पश्चिम से नरेंद्र मोदी ने 2002 में अपना पहला चुनाव लड़ा था। पिछले चुनाव में गुजरात के CM रहे विजय रूपाणी ने यहां से 53 हजार वोटों से जीत दर्ज की थी। इस बार उनकी जगह भाजपा ने दर्शिता शाह को मैदान में उतारा। यहां कांग्रेस से मनसखभाई और AAP से दिनेश जोशी लड़ रहे थे।
3. जामनगर नॉर्थ से भाजपा की रिवाबा जडेजा जीतीं: यहां क्रिकेटर रवींद्र जडेजा की पत्नी रिवाबा भाजपा के टिकट पर मैदान में थीं। कांग्रेस से दिग्गज नेता बिपेंद्र सिंह जडेजा और AAP के कर्सन करमोर चुनाव लड़े। खास बात यह है कि रिवाबा की ननद नयनाबा उनके खिलाफ प्रचार कर रही थीं। वे जामनगर जिला कांग्रेस की महामंत्री हैं। रिवाबा के ससुर अनिरुद्ध जडेजा भी कांग्रेस कैंडिडेट के समर्थन में ही प्रचार कर रहे थे।
4. विरमगाम (अहमदाबाद) से भाजपा के हार्दिक पटेल जीते: कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए हार्दिक पटेल विरमगाम सीट से कैंडिडेट थे। पिछले दो टर्म से इस सीट पर कांग्रेस का कब्जा था। 2002 और 2007 में यह सीट जीतने वाली कांग्रेस ने पुराने दिग्गज लाखाभाई भारवाड़ को टिकट दिया था। AAP ने अमर सिंह ठाकोर को चुनाव में उतारा था।
5. मोरबी से भाजपा के कांति लाल अमृतिया जीते: कांति लाल अमृतिया साल भाजपा के टिकट पर मोरबी से पांच बार जीत चुके हैं। 2017 में उन्हें कांग्रेस के बृजेश मेरजा ने हराया था। चुनाव के बाद मेरजा विधायकी छोड़कर भाजपा में आ गए थे। इस वजह से 2018 में उपचुनाव हुए। इसमें मेरजा ही जीते।
इस बार भाजपा ने उनका टिकट काटकर एक बार फिर अमृतिया को मैदान में उतारा। मोरबी पुल हादसे के वक्त वे लोगों की जान बचाने के लिए मच्छू नदी में कूदे थे। कांग्रेस ने जयंति पटेल और AAP ने पंकज रणसरिया को टिकट दिया था।
6. मणिनगर (अहमदाबाद) से भाजपा के अमूल भट्ट जीते: गुजरात के CM रहते हुए मोदी 2007 और 2012 के चुनाव अहमदाबाद की मणिनगर की सीट से जीते थे। इस सीट पर पिछले 8 चुनाव से भाजपा का कब्जा है। पार्टी ने यहां से अमूल भट्ट को टिकट दिया। AAP ने विपुलभाई पटेल और कांग्रेस ने सीएम राजपूत को मैदान में उतारा था।
7. नारणपुरा (अहमदाबाद) से भाजपा के जितेंद्र पटेल जीते: अहमदाबाद की नारणपुरा विधानसभा सीट 2008 में हुए परिसीमन के बाद 2012 में अस्तित्व में आई। पहली बार यहां से अमित शाह ने बड़ी जीत दर्ज की थी। इसके बाद 2017 में बीजेपी के कौशिकभाई पटेल ने यह सीट जीती। इस बार भाजपा ने जितेंद्र भाई पटेल को उतारा था। कांग्रेस से सोनल पटेल और AAP से पंकज पटेल मैदान में थे।
8. खंभालिया (द्वारका) से AAP के इसुदान गढ़वी हारे: खंभालिया सीट इसलिए खास है, क्योंकि यहां AAP के CM कैंडिडेट इसुदान गढ़वी चुनाव लड़े। भाजपा ने मुलुभाई हरदासभाई बेरा और कांग्रेस ने सिटिंग MLA विक्रम माडम को टिकट दिया। उन्होंने 2017 में भाजपा कैंडिडेट को 11 हजार 46 वोटों से हराया था। ओवैसी की AIMIM ने भी यहां अपना कैंडिडेट उतारा था।
9. बायड (अरावली) से शंकर सिंह वाघेला के बेटे हारे: यहां से पूर्व मुख्यमंत्री शंकर सिंह वाघेला के बेटे महेंद्र वाघेला मैदान में थे। महेंद्र ने 2012 का चुनाव कांग्रेस के टिकट पर जीता था। उन्होंने 2017 का चुनाव नहीं लड़ा था और भाजपा में शामिल हो गए थे। हालांकि तीन महीने बाद ही वे कांग्रेस में लौट आए थे। यहां भाजपा ने भीखीबेन परमार और AAP ने चुनीभाई पटेल को टिकट दिया था।
62 साल के गुजरात में 35 साल कांग्रेस राजगुजरात में अब तक बनी सरकारों की बात करें, तो 1960 में राज्य बनने के बाद से 1975 तक यहां कांग्रेस की सरकार रही। 1975 में पहली गैर कांग्रेसी सरकार बनी, लेकिन अगले ही चुनाव यानी 1980 में कांग्रेस ने सत्ता में वापसी कर ली।
पिछले 27 साल से भाजपा सत्ता पर काबिजगुजरात में 1975 के 15 साल बाद यानी 1990 में एक बार फिर गैर कांग्रेसी सरकार बनी, लेकिन रियल टर्निंग पॉइंट आया 1995 में... जब भाजपा ने पहली बार अपने दम पर सरकार बनाई। तब केशुभाई पटेल राज्य के मुख्यमंत्री बने थे। 2001 में भाजपा ने पटेल को हटाकर नरेंद्र मोदी को गुजरात का मुख्यमंत्री बनाया।
इसके बाद 2002, 2007 और 2012 में नरेंद्र मोदी की अगुआई में भाजपा ने विधानसभा चुनाव जीते। हालांकि राज्य में पिछला यानी 2017 का चुनाव भी भाजपा ने मोदी के चेहरे पर ही लड़ा था, लेकिन सरकार बचने के बावजूद उसकी सीटें घट गई थीं।
दक्षिण गुजरात में सबसे ज्यादा 70% वोटिंगगुजरात को सियासी जानकार चार हिस्सों में बांटकर देखते हैं। ये हैं मध्य, उत्तर, दक्षिण और सौराष्ट्र-कच्छ। इन सभी रीजन में सबसे ज्यादा वोटिंग दक्षिण गुजरात में हुई। यहां वोटिंग का आंकड़ा 70.38% रहा। गुजरात के इन चारों रीजन में वोटर्स की संख्या, महिला-पुरुष मतदाताओं के आंकड़े और वोटिंग परसेंट नीचे दिए ग्राफिक में देख सकते हैं...
गुजरात में तो भाजपा ने परचम लहराया ही है, लेकिन मोरबी की जीत पार्टी के लिए खास है। मोरबी में पहले फेज में 1 दिसंबर को वोटिंग हुई थी। चुनाव से ठीक 31 दिन पहले 30 अक्टूबर को यहां मच्छू नदी पर बना फुट ब्रिज टूटने से 143 लोगों की जान चली गई थी। इसके बाद PM मोदी भी हादसे की जगह पर गए थे।
लोगों को बचाने नदी में कूद गए थे अमृतियाहादसे के पीछे लापरवाही को लेकर राज्य की भाजपा सरकार पर भी सवाल उठे थे। माना जा रहा था कि भाजपा को चुनाव में इसका नुकसान होगा, लेकिन नतीजों ने सारी आशंकाओं को निराधार साबित कर दिया। मोरबी से भाजपा के कांति लाल अमृतिया ने जीत दर्ज की है। उन्होंने कांग्रेस के जयंती जेराजभाई पटेल को 61,196 वोटों से हराया है। मोरबी में पुल टूटने के तुरंत बाद अमृतिया लोगों को बचाने के लिए नदी में कूद गए थे। अब भाजपा समर्थक जीत का जश्न मना रहे हैं।
भाजपा 150 के पार, कांग्रेस 20 के अंदर सिमटीगुजरात की 182 विधानसभा सीटों में से भाजपा ने 156 सीटें जीती हैं। उसे 2017 के मुकाबले 58 सीटों का फायदा हुआ है। वहीं, कांग्रेस को सबसे ज्यादा 60 सीटों का नुकसान हुआ है। पार्टी ने पिछली बार 77 सीटें जीती थीं। इस बार उसे 17 सीटें ही मिली हैं।
निर्दलीय और अन्य कैंडिडेट्स ने गुजरात में 4 सीटें जीती हैं। दिलचस्प बात यह है चुनाव प्रचार के दौरान PM मोदी ने कहा था- नरेंद्र का रिकॉर्ड भूपेंद्र तोड़ेंगे। चुनाव नतीजों में बिल्कुल यही नजर आ रहा है।
मोदी बोले- गुजरात की जन-शक्ति के आगे सिर झुकाता हूंगुजरात में BJP की विराट जीत के बाद पीएम मोदी ने गुजरात की जनता को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा- गुजरात आपका धन्यवाद। ऐसे नतीजे देखकर मैं अभिभूत हूं। लोगों ने विकास की राजनीति को अपना आशीर्वाद दिया है और यह भी बता दिया है कि वे इस विकास को और भी तेजी से जारी रखना चाहते हैं। मैं गुजरात की जन-शक्ति के आगे सिर झुकाता हूं।
12 दिसंबर को गांधीनगर में CM की शपथ लेंगे पटेलगुजरात में गुरुवार सुबह 8 बजे से पहले आधे घंटे में पोस्टल बैलेट्स की गिनती के बाद EVM से काउंटिंग शुरू हुई थी। गुजरात भाजपा प्रमुख CR पाटिल ने बताया कि 12 दिसंबर को दोपहर 2 बजे गुजरात के नए मुख्यमंत्री शपथ लेंगे। शपथ ग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह शामिल होंगे।
सभी मंत्री जीते, CM बोले- जनता को भाजपा पर भरोसागुजरात के CM भूपेंद्र पटेल ने कहा कि गुजरात विधानसभा चुनाव का जनादेश अब स्पष्ट हो चुका है, यहां की जनता ने मन बना लिया है कि दो दशक से चली आ रही गुजरात की इस विकास यात्रा को अविरत चालू रखना है। यहां के लोगों ने एक बार फिर BJP पर अटूट भरोसा दिखाया है।
AAP पांच सीटों पर सिमटी, लेकिन राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिलाआम आदमी पार्टी गुजरात में महज 5 सीटें जीत सकी है। उसके तीनों बड़े नेता चुनाव हार गए हैं। इनमें मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार इसुदान गढ़वी, प्रदेश अध्यक्ष गोपाल इटालिया और पाटीदार नेता अल्पेश कथीरिया शामिल हैं। इसके बावजूद वोट शेयर के आधार पर AAP को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिल गया है। अब पार्टी पूरे देश में अपने नाम और चुनाव चिह्न के साथ लड़ सकेगी।
ओवैसी के सभी 13 कैंडिडेट चित, भाजपा के बागी भी हारेअसदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM ने पहली बार गुजरात विधानसभा चुनाव में हिस्सा लिया था। AIMIM ने कुल 13 में से 2 हिंदू कैंडिडेट भी मैदान में उतारे थे। पार्टी के सभी कैंडिडेट चुनाव हार गए हैं। वडोदरा की वाघोडिया सीट से भाजपा के बागी मधु श्रीवास्तव भी चुनाव हार गए हैं। कुतियाणा में लेडी डॉन संतोकबेन जडेजा के बेटे कांधल जडेजा निर्दलीय कैंडिडेट के तौर पर चुनाव जीत गए हैं।
गुजरात की 9 हॉट सीटें, सभी पर भाजपा जीती
1. घाटलोडिया (अहमदाबाद) से CM भूपेंद्र पटेल जीते: गुजरात को दो मुख्यमंत्री (भूपेंद्र पटेल और आनंदीबेन पटेल) देने वाली घाटलोदिया सीट से इस बार राज्य के CM भूपेंद्र पटेल मैदान में उतरे। पाटीदार वोटर्स के असर वाली इस सीट पर कांग्रेस ने राज्यसभा सांसद अमी बेन याग्निक को टिकट दिया था। AAP से विजय पटेल चुनाव लड़ रहे थे।
2. राजकोट वेस्ट से भाजपा की दर्शिता शाह जीतीं: राजकोट-पश्चिम से नरेंद्र मोदी ने 2002 में अपना पहला चुनाव लड़ा था। पिछले चुनाव में गुजरात के CM रहे विजय रूपाणी ने यहां से 53 हजार वोटों से जीत दर्ज की थी। इस बार उनकी जगह भाजपा ने दर्शिता शाह को मैदान में उतारा। यहां कांग्रेस से मनसखभाई और AAP से दिनेश जोशी लड़ रहे थे।
3. जामनगर नॉर्थ से भाजपा की रिवाबा जडेजा जीतीं: यहां क्रिकेटर रवींद्र जडेजा की पत्नी रिवाबा भाजपा के टिकट पर मैदान में थीं। कांग्रेस से दिग्गज नेता बिपेंद्र सिंह जडेजा और AAP के कर्सन करमोर चुनाव लड़े। खास बात यह है कि रिवाबा की ननद नयनाबा उनके खिलाफ प्रचार कर रही थीं। वे जामनगर जिला कांग्रेस की महामंत्री हैं। रिवाबा के ससुर अनिरुद्ध जडेजा भी कांग्रेस कैंडिडेट के समर्थन में ही प्रचार कर रहे थे।
4. विरमगाम (अहमदाबाद) से भाजपा के हार्दिक पटेल जीते: कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए हार्दिक पटेल विरमगाम सीट से कैंडिडेट थे। पिछले दो टर्म से इस सीट पर कांग्रेस का कब्जा था। 2002 और 2007 में यह सीट जीतने वाली कांग्रेस ने पुराने दिग्गज लाखाभाई भारवाड़ को टिकट दिया था। AAP ने अमर सिंह ठाकोर को चुनाव में उतारा था।
5. मोरबी से भाजपा के कांति लाल अमृतिया जीते: कांति लाल अमृतिया साल भाजपा के टिकट पर मोरबी से पांच बार जीत चुके हैं। 2017 में उन्हें कांग्रेस के बृजेश मेरजा ने हराया था। चुनाव के बाद मेरजा विधायकी छोड़कर भाजपा में आ गए थे। इस वजह से 2018 में उपचुनाव हुए। इसमें मेरजा ही जीते।
इस बार भाजपा ने उनका टिकट काटकर एक बार फिर अमृतिया को मैदान में उतारा। मोरबी पुल हादसे के वक्त वे लोगों की जान बचाने के लिए मच्छू नदी में कूदे थे। कांग्रेस ने जयंति पटेल और AAP ने पंकज रणसरिया को टिकट दिया था।
6. मणिनगर (अहमदाबाद) से भाजपा के अमूल भट्ट जीते: गुजरात के CM रहते हुए मोदी 2007 और 2012 के चुनाव अहमदाबाद की मणिनगर की सीट से जीते थे। इस सीट पर पिछले 8 चुनाव से भाजपा का कब्जा है। पार्टी ने यहां से अमूल भट्ट को टिकट दिया। AAP ने विपुलभाई पटेल और कांग्रेस ने सीएम राजपूत को मैदान में उतारा था।
7. नारणपुरा (अहमदाबाद) से भाजपा के जितेंद्र पटेल जीते: अहमदाबाद की नारणपुरा विधानसभा सीट 2008 में हुए परिसीमन के बाद 2012 में अस्तित्व में आई। पहली बार यहां से अमित शाह ने बड़ी जीत दर्ज की थी। इसके बाद 2017 में बीजेपी के कौशिकभाई पटेल ने यह सीट जीती। इस बार भाजपा ने जितेंद्र भाई पटेल को उतारा था। कांग्रेस से सोनल पटेल और AAP से पंकज पटेल मैदान में थे।
8. खंभालिया (द्वारका) से AAP के इसुदान गढ़वी हारे: खंभालिया सीट इसलिए खास है, क्योंकि यहां AAP के CM कैंडिडेट इसुदान गढ़वी चुनाव लड़े। भाजपा ने मुलुभाई हरदासभाई बेरा और कांग्रेस ने सिटिंग MLA विक्रम माडम को टिकट दिया। उन्होंने 2017 में भाजपा कैंडिडेट को 11 हजार 46 वोटों से हराया था। ओवैसी की AIMIM ने भी यहां अपना कैंडिडेट उतारा था।
9. बायड (अरावली) से शंकर सिंह वाघेला के बेटे हारे: यहां से पूर्व मुख्यमंत्री शंकर सिंह वाघेला के बेटे महेंद्र वाघेला मैदान में थे। महेंद्र ने 2012 का चुनाव कांग्रेस के टिकट पर जीता था। उन्होंने 2017 का चुनाव नहीं लड़ा था और भाजपा में शामिल हो गए थे। हालांकि तीन महीने बाद ही वे कांग्रेस में लौट आए थे। यहां भाजपा ने भीखीबेन परमार और AAP ने चुनीभाई पटेल को टिकट दिया था।
62 साल के गुजरात में 35 साल कांग्रेस राजगुजरात में अब तक बनी सरकारों की बात करें, तो 1960 में राज्य बनने के बाद से 1975 तक यहां कांग्रेस की सरकार रही। 1975 में पहली गैर कांग्रेसी सरकार बनी, लेकिन अगले ही चुनाव यानी 1980 में कांग्रेस ने सत्ता में वापसी कर ली।
पिछले 27 साल से भाजपा सत्ता पर काबिजगुजरात में 1975 के 15 साल बाद यानी 1990 में एक बार फिर गैर कांग्रेसी सरकार बनी, लेकिन रियल टर्निंग पॉइंट आया 1995 में... जब भाजपा ने पहली बार अपने दम पर सरकार बनाई। तब केशुभाई पटेल राज्य के मुख्यमंत्री बने थे। 2001 में भाजपा ने पटेल को हटाकर नरेंद्र मोदी को गुजरात का मुख्यमंत्री बनाया।
इसके बाद 2002, 2007 और 2012 में नरेंद्र मोदी की अगुआई में भाजपा ने विधानसभा चुनाव जीते। हालांकि राज्य में पिछला यानी 2017 का चुनाव भी भाजपा ने मोदी के चेहरे पर ही लड़ा था, लेकिन सरकार बचने के बावजूद उसकी सीटें घट गई थीं।
दक्षिण गुजरात में सबसे ज्यादा 70% वोटिंगगुजरात को सियासी जानकार चार हिस्सों में बांटकर देखते हैं। ये हैं मध्य, उत्तर, दक्षिण और सौराष्ट्र-कच्छ। इन सभी रीजन में सबसे ज्यादा वोटिंग दक्षिण गुजरात में हुई। यहां वोटिंग का आंकड़ा 70.38% रहा। गुजरात के इन चारों रीजन में वोटर्स की संख्या, महिला-पुरुष मतदाताओं के आंकड़े और वोटिंग परसेंट नीचे दिए ग्राफिक में देख सकते हैं...