राजनीति / किसानों के लिए NDA से रूठे हनुमान बेनीवाल...जानिए क्यों ?

राजस्थान में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के एक मात्र सहयोगी दल राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (RLP) के प्रमुख ने गठबंधन से अलग होने के संकेत दे दिए हैं। आज RLP प्रमुख और नागौर से सांसद हनुमान बेनीवाल ने संसद की तीन अलग-अलग समितियों की सदस्यता से इस्तीफा देने की घोषणा की है। हालांकि NDA से गठबंधन रहेगा या नहीं इसका फैसला 26 दिसंबर को किया जाएगा।

Vikrant Shekhawat : Dec 19, 2020, 07:39 PM
जयपुर:राजस्थान में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के एक मात्र सहयोगी दल राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (RLP) के प्रमुख ने गठबंधन से अलग होने के संकेत दे दिए हैं। आज RLP प्रमुख और नागौर से सांसद हनुमान बेनीवाल ने संसद की तीन अलग-अलग समितियों की सदस्यता से इस्तीफा देने की घोषणा की है। हालांकि NDA से गठबंधन रहेगा या नहीं इसका फैसला 26 दिसंबर को किया जाएगा।


कृषि कानून के विरोध में धरने पर बैठे किसानों का साथ देने के लिए RLP प्रमुख ने 26 दिसंबर को दिल्ली कूच करने का एलान किया है। बेनीवाल 26 दिसंबर को 2 लाख समर्थकों के साथ दिल्ली के लिए रवाना होंगे। जयपुर में आज हुई एक बैठक के बाद बेनीवाल ने कहा कि उनकी पार्टी किसानों के साथ हमेशा से खड़ी है और आगे भी रहेगी। उन्होंने बताया कि किसानों में केन्द्र के इस बिल को लेकर रोष है।


आपको बता दें कि लोकसभा चुनाव 2019 में RLP ने केन्द्र में NDA के साथ गठबंधन करते हुए राजस्थान की एक सीट पर चुनाव लड़ा था। नागौर से खुद पार्टी प्रमुख ने चुनाव लड़ा था, जिसमें वह बीजेपी के सहयोग से जीतकर संसद पहुंचे हैं। इससे पहले RLP ने अकेले साल 2018 में विधानसभा चुनाव लड़ा था, जिसमें पार्टी को तीन सीटों पर जीत मिली थी।


इन तीन समितियों से दिया इस्तीफा:

हनुमान बेनीवाल ने आज उद्योग संबंधि स्थायी समिति, याचिका समिति और पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय की परामर्शदात्रि समिति से इस्तीफा देते हुए लोकसभा अध्यक्ष को ई-मेल कर दिया हैं। बेनीवाल ने इस्तीफे का प्रमुख कारण बाड़मेर में उन पर हुए हमले से जुड़े मामले में विशेषाधिकार हनन का मामला बना, जिसमें संसद के दखल के बाद भी एक साल तक मुकदमा दर्ज नहीं होना व कार्यवाही नहीं होना लिखा हैं। इसके अलावा उन्होने अपने इस्तीफा पत्र में एक सीमेंट कंपनी को गलत तथ्य के आधार पर पर्यावरण स्वीकृति देने और राजस्थान से निकलने वाले कच्चे तेल से राज्य को मिलने वाली रॉयल्टी से राजस्थान को वंचित रखने पर भी नाराजगी जताई। उन्होने बताया कि इन दोनों ही मुद्दों को मैंने समितियों के समक्ष रखा, लेकिन उस पर कोई कार्यवाही अब तक नहीं हुई। ऐसे में मेरा मानना है कि इन समितियों का कोई औचित्य नहीं हैं।


विधानसभा चुनाव अलग से लड़ेंगे:

NDA से गठबंधन तोड़ने के संकेत देने के साथ ही बेनीवाल ये भी एलान कि वह आगामी वर्ष 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव और अगले साल होने वाले तीन विधानसभा सीटों के उपचुनाव अकेले लड़ने की बात कही हैं। उन्होने साफ कहा कि हमारा गठबंधन लोकसभा चुनाव के लेवल पर हुआ है न की विधानसभा चुनाव के स्तर पर।