Sheikh Hasina / हसीना का पासपोर्ट रद्द, अब भारत से दूसरे देश कैसे जाएंगी?

बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को 5 अगस्त को ढाका से भारत में शरण लेनी पड़ी। बांग्लादेश सरकार ने उनका डिप्लोमेटिक पासपोर्ट रद्द कर दिया है, जिससे उन पर देश लौटने का दबाव बढ़ गया है। शेख हसीना पर 50 से अधिक गंभीर मुकदमे दर्ज हैं।

Vikrant Shekhawat : Aug 23, 2024, 10:20 AM
Sheikh Hasina: बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की कठिनाइयाँ खत्म होने का नाम नहीं ले रही हैं। 5 अगस्त को, उन्हें अपनी जान बचाने के लिए ढाका से भारत आकर शरण लेनी पड़ी थी, जिससे पहले उन्हें प्रधानमंत्री पद छोड़ना पड़ा था। अब बांग्लादेश की मौजूदा सरकार ने उनका डिप्लोमेटिक पासपोर्ट भी रद्द कर दिया है, जिससे उनकी स्थिति और जटिल हो गई है।

शेख हसीना पर 50 से अधिक मुकदमे दर्ज हैं, जिनमें हत्या और मानवाधिकार हनन के आरोप प्रमुख हैं। संयुक्त राष्ट्र की एक टीम भी बांग्लादेश में मानवाधिकार हनन की जांच कर रही है, जिससे उनकी मुश्किलें और बढ़ गई हैं। भारत में शरण लेने के बावजूद, अब वह अन्य किसी देश में यात्रा नहीं कर सकेंगी, जिससे उन पर बांग्लादेश लौटने का दबाव बढ़ गया है।

बांग्लादेश सरकार शेख हसीना के प्रत्यर्पण की मांग कर सकती है, और इसके लिए भारत और बांग्लादेश के बीच 2013 से प्रत्यर्पण संधि है। हालांकि, अभी तक इस पर कोई आधिकारिक अनुरोध नहीं किया गया है। शेख हसीना के खिलाफ मानवता के खिलाफ अपराध, नरसंहार और हत्या के मामलों में 30 से अधिक आरोप लगाए गए हैं, जिससे उनकी कानूनी स्थिति और गंभीर हो गई है।

बांग्लादेश कर सकता है शेख हसीना के प्रत्यर्पण की मांग

बांग्लादेश में पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना पर 50 से अधिक मुकदमे दर्ज किए जा चुके हैं, जिसमें ज्यादातर हत्या के मुकदमे हैं. संयुक्त राष्ट्र की एक टीम भी बांग्लादेश पहुंच चुकी है जो कि शेख हसीना के कार्यकाल में हुए मानवाधिकार हनन के मामलों की जांच करेगी. अपनी प्राथमिक जांच में UN टीम ने शेख हसीना पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं. ऐसा माना जा रहा है कि जल्द ही बांग्लादेश की सरकार शेख हसीना के खिलाफ भारत से प्रत्यर्पण की मांग कर सकती है.

भारत और बांग्लादेश के बीच 2013 से प्रत्यर्पण संधि है. शेख हसीना के प्रत्यर्पण को लेकर जब टीवी9 संवाददाता ने 16 अगस्त को विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता से सवाल पूछा था तो विदेश मंत्रालय ने कहा था कि अभी यह काल्पनिक स्थिति है यानी बांग्लादेश की तरफ से अबतक मांग नहीं की गई है.

शेख हसीना (76) ने बांग्लादेश में सरकारी नौकरियों में विवादास्पद आरक्षण प्रणाली को लेकर अपनी सरकार के खिलाफ छात्रों और अन्य लोगों के भारी विरोध प्रदर्शन के बाद पांच अगस्त को इस्तीफा दे दिया था और भारत चली गई थीं. हसीना के नेतृत्व वाली अवामी लीग सरकार के खिलाफ जुलाई के मध्य से छात्रों का विरोध प्रदर्शन शुरू होने के बाद 600 से अधिक लोग मारे गए. शेख हसीना के हटने के बाद मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व में अंतरिम सरकार का गठन हुआ था.

शेख हसीना के खिलाफ 30 से ज्यादा मामले

शेख हसीना और उनके सहयोगियों के खिलाफ कम से कम नौ और शिकायतें दर्ज की गईं जिससे उनके खिलाफ दर्ज मामलों की संख्या 30 से ज्यादा हो गई है. हसीना के खिलाफ दर्ज मामलों में हत्या के 26, मानवता के खिलाफ अपराध और नरसंहार के चार और अपहरण के एक मामले शामिल हैं.

शिकायत में हसीना और 23 अन्य पर पांच मई 2013 को मोतीझील के शापला छतर में हिफाजत-ए-इस्लाम रैली के दौरान मानवता के खिलाफ अपराध और नरसंहार करने का आरोप लगाया गया है. हिफाजत-ए-इस्लाम मामले में प्रमुख आरोपियों में अवामी लीग के महासचिव एवं पूर्व सड़क परिवहन एवं पुल मंत्री उबैद-उल कादिर, पूर्व मंत्री रशीद खान मेनन, ढाका साउथ सिटी कॉरपोरेशन के पूर्व महापौर शेख फजले नूर तपोश, प्रधानमंत्री के पूर्व सलाहकार सलमान एफ रहमान, प्रधानमंत्री के पूर्व सुरक्षा सलाहकार तारिक अहमद सिद्दीकी, पूर्व पुलिस महानिरीक्षक एकेएम शाहिद-उल हक, एबीन्यूज24.कॉम के संपादक सुभाष सिंह रॉय और पूर्व सेना प्रमुख अजीज अहमद शामिल हैं.