Vikrant Shekhawat : Apr 23, 2022, 10:31 AM
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पल्ली में दौरे और सुंजवां आतंकी हमले ने सुरक्षा को लेकर फिर सवाल खड़े कर दिए हैं। शहर में इतनी कड़ी सुरक्षा होने के बाद भी यह हमला एक बड़ी चूक माना जाएगा। बेशक आतंकी फिदायीन हमला करने में नाकाम रहे, लेकिन यह भी बात याद रखनी होगी कि सीआईएसएफ का एक एएसआई शहीद हो गया और 10 अन्य जवान घायल हैं।सांबा जिले के चप्पे-चप्पे पर सुरक्षाकर्मी तैनातयह भी अहम है कि आतंकी सीमा पार घुसपैठ करके कैसे आ गए और यहां तक पहुंच गए, जबकि सांबा जिले के चप्पे-चप्पे पर सुरक्षाकर्मी तैनात हैं। इस हमले के बाद जम्मू, सांबा और कठुआ में रेड अलर्ट कर दिया गया है और बीएसएफ ने तीनों जिलों की सीमाओं पर हाई अलर्ट किया है।आतंकी हाल ही में सीमा पार से घुसपैठ करके आएडीजीपी दिलबाग सिंह ने कहा, यह आतंकी हाल ही में सीमा पार से घुसपैठ करके आए हैं। हालांकि बीएसएफ के प्रवक्ता का कहना है कि हमारे पास ऐसी कोई जानकारी नहीं है कि आतंकी सीमा पार से घुसपैठ करके आए हैं, फिर भी चौकसी बढ़ा दी है। आला अधिकारी खुद निजी तौर पर इन तीनों जिलों की सीमाओं पर मौजूद हैं और पल-पल की मानिटरिंग कर रहे हैं। चार साल पहले हुए सुंजवां हमले के आतंकी भी सीमा पार से आए थेफरवरी 2018 में सुंजवां के सैन्य कैंप पर आतंकी हमला हुआ था। इस हमलें में जैश के चार आतंकी मारे गए थे। ये आतंकी भी सीमा पार से आए थे। ऐसे में दूसरी बार यह आतंकी सुंजवां सैन्य शिविर के पास पहुंच चुके थे। यदि अंदर घुस जाते तो ये एक बड़े फिदायीन हमले को अंजाम दे सकते थे। एसआईए और एनआईए ने शुरू की जांच सुंजवां हमले की जांच एनआईए और एसआईए ने भी शुरू कर दी है। दोनों के आला अधिकारियों ने मुठभेड़ स्थल का दौरा किया और जांच के जरूर सबूत जुटाए। दोनों ने अपने अपने स्तर पर जांच के जरूरी सैंपल उठाकर लैब में भेज दिए हैं। हालांकि अभी इस हमले की जांच अधिकारिक तौर पर पुलिस के पास ही है। संभव है कि जल्द मामले की जांच एनआईए या फिर एसआईए को सौंप दी जाए।