Vikrant Shekhawat : Jan 10, 2022, 04:10 PM
राजस्थान में कोरोना का संक्रमण 9 गुना तेजी से बढ़ रहा है। एक्टिव केस की संख्या 19467 पहुंच गई है। बढ़ते मामलों को देख सरकार ने टेस्टिंग बढ़ा दी है, लेकिन अस्पतालों में क्या इंतजाम है इसका जायजा लिया दैनिक भास्कर टीम ने। भास्कर ने प्रदेश के सबसे बड़े RUHS कोविड डेडिकेटेड हॉस्पिटल से ग्राउंड रिपोर्ट की। यहां कोविड आईसीयू, ओमिक्रॉन आईसीयू, जनरल वार्ड के अंदर पहुंचकर मरीजों के इलाज के बंदोबस्त का जायजा लिया। हाई रिस्क जोन में तमाम प्रीकॉशन से लेकर प्रोटोकॉल की पालना करते हुए आंखों देखें हालत का एनालिसिस किया।14 साल के किशोर से लेकर 65 साल के बुजुर्ग समेत 67 मरीज
RUHS में 7 जनवरी तक सबसे ज्यादा 67 कोविड और इन्फ्लूएंजा लाइक इलनेस (ILI) के मरीज भर्ती हैं। 54 कोविड संक्रमित मरीजों में से 2 में ओमिक्रॉन पाया गया है। एक 14 साल का बच्चा और 65 साल का बुजुर्ग ओमिक्रॉन संक्रमित होने पर अस्पताल में भर्ती हैं, लेकिन दोनों को ऑक्सीजन या वेंटिलेटर की जरूरत नहीं पड़ी। चिकित्सकों ने बताया कि दोनों को माइल्ड लक्षण हैं। ऐसे में अभी तक किसी मरीज को ऑक्सीजन-वेंटिलेटर की जरूरत नहीं पड़ी है।RUHS में राहत के 5 बंदोबस्त
पहला- आरयूएचएस में सीतापुरा, प्रताप नगर, सांगानेर इलाके की फैक्ट्री लेबर, कर्मचारी, स्थानीय लोग और यूथ बड़ी संख्या में वैक्सीन लगवाते दिखाई दिए। हालांकि ऑनलाइन कोविन ऐप पर रजिस्ट्रेशन में ज्यादा वक्त लगने की शिकायत भी मिली, लेकिन लोगों के फटाफट वैक्सीन लगाते हुए नर्सिंगकर्मी दिखाई दिए।दूसरा-कोविड मरीज कम होने के कारण ज्यादातर आईसीयू, वार्ड खाली दिखाई दिए। एक वार्ड में ओमिक्रॉन संक्रमित 14 साल का अकेला बच्चा और उसकी मां मौजूद थी। उसे गंभीर सिम्टम्स नहीं होने से ऑक्सीजन सपोर्ट की जरूरत नहीं हुई। ओमिक्रॉन संक्रमित 65 वर्षीय बुजुर्ग को भी अलग वार्ड में रखा गया है। जनरल वार्ड में 50 से ज्यादा मरीज भर्ती मिले, लेकिन हर मरीज को डिस्टेंस मेंटेन करके रखा गया। सभी का अच्छा इलाज होने की जानकारी सामने आई।
तीसरा-कोविड की दूसरी लहर में ऑक्सीजन और एंटी वायरल इंजेक्शन की किल्लत थी, लेकिन अब तीन गुणा ज्यादा ऑक्सीजन और मेडिसिन कैपेसिटी डेवलप कर ली गई है। आरयूएचएस में सेकेंड वेव के वक्त 2500 ऑक्सीजन सिलेंडर कैपेसिटी रोजाना थी, जिसे बढ़ाकर 7000 सिलेंडर कर दिया है। केन्द्र सरकार, राज्य सरकार, भामाशाह, जेडीए और संस्थाओं की मदद से 5 ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट और 1 नया लिक्विड ऑक्सीजन स्टोरेज सप्लाई प्लांट और लगाया गया हैं।
चौथा-अस्पताल में हर आईसीयू, वार्ड के लिए फ्लोर वाइज डीजी जनरेटर सेट लगाए हैं। इलेक्ट्रिसिटी बैकअप से पावर सप्लाई और लिफ्ट का बैकअप रहता है। लाइट जाने पर या इमरजेंसी में इससे पावर बैकअप मिल जाता है।
पांचवां- कोरोना की घबराहट या डिप्रेशन में आकर कोई मरीज मल्टी स्टोरी हॉस्पिटल बिल्डिंग के किसी फ्लोर से चौक में कूदकर सुसाइड की कोशिश न करे, इसलिए रस्सियों का जाल भी बचाव के लिए लगाया गया है। बिल्डिंग में बाहरी लोगों के प्रवेश पर पाबंदी है। एंट्री के हर गेट और हर वार्ड के बाहर गार्ड तैनात मिले।
जयपुर के 20 अस्पतालों में 139 मरीज भर्ती
जयपुर में 7545 कोविड एक्टिव केस हैं। कोविड पेशेंट भर्ती कर रहे 20 सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों के आंकड़ों की दैनिक भास्कर ने पड़ताल की तो पता चला कि कोविड के कुल 139 मरीज ही उनमें भर्ती हैं।इन अस्पतालों में सभी तरह के कुल 6227 बेड उपलब्ध हैं। कोविड के भर्ती मरीज अस्पतालों में कुल बेड संख्या का 2.23 फीसदी ही हैं। कोविड के लिए रिजर्व रखे गए ज्यादातर बेड खाली हैं।
RUHS में 7 जनवरी तक सबसे ज्यादा 67 कोविड और इन्फ्लूएंजा लाइक इलनेस (ILI) के मरीज भर्ती हैं। 54 कोविड संक्रमित मरीजों में से 2 में ओमिक्रॉन पाया गया है। एक 14 साल का बच्चा और 65 साल का बुजुर्ग ओमिक्रॉन संक्रमित होने पर अस्पताल में भर्ती हैं, लेकिन दोनों को ऑक्सीजन या वेंटिलेटर की जरूरत नहीं पड़ी। चिकित्सकों ने बताया कि दोनों को माइल्ड लक्षण हैं। ऐसे में अभी तक किसी मरीज को ऑक्सीजन-वेंटिलेटर की जरूरत नहीं पड़ी है।RUHS में राहत के 5 बंदोबस्त
पहला- आरयूएचएस में सीतापुरा, प्रताप नगर, सांगानेर इलाके की फैक्ट्री लेबर, कर्मचारी, स्थानीय लोग और यूथ बड़ी संख्या में वैक्सीन लगवाते दिखाई दिए। हालांकि ऑनलाइन कोविन ऐप पर रजिस्ट्रेशन में ज्यादा वक्त लगने की शिकायत भी मिली, लेकिन लोगों के फटाफट वैक्सीन लगाते हुए नर्सिंगकर्मी दिखाई दिए।दूसरा-कोविड मरीज कम होने के कारण ज्यादातर आईसीयू, वार्ड खाली दिखाई दिए। एक वार्ड में ओमिक्रॉन संक्रमित 14 साल का अकेला बच्चा और उसकी मां मौजूद थी। उसे गंभीर सिम्टम्स नहीं होने से ऑक्सीजन सपोर्ट की जरूरत नहीं हुई। ओमिक्रॉन संक्रमित 65 वर्षीय बुजुर्ग को भी अलग वार्ड में रखा गया है। जनरल वार्ड में 50 से ज्यादा मरीज भर्ती मिले, लेकिन हर मरीज को डिस्टेंस मेंटेन करके रखा गया। सभी का अच्छा इलाज होने की जानकारी सामने आई।
तीसरा-कोविड की दूसरी लहर में ऑक्सीजन और एंटी वायरल इंजेक्शन की किल्लत थी, लेकिन अब तीन गुणा ज्यादा ऑक्सीजन और मेडिसिन कैपेसिटी डेवलप कर ली गई है। आरयूएचएस में सेकेंड वेव के वक्त 2500 ऑक्सीजन सिलेंडर कैपेसिटी रोजाना थी, जिसे बढ़ाकर 7000 सिलेंडर कर दिया है। केन्द्र सरकार, राज्य सरकार, भामाशाह, जेडीए और संस्थाओं की मदद से 5 ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट और 1 नया लिक्विड ऑक्सीजन स्टोरेज सप्लाई प्लांट और लगाया गया हैं।
चौथा-अस्पताल में हर आईसीयू, वार्ड के लिए फ्लोर वाइज डीजी जनरेटर सेट लगाए हैं। इलेक्ट्रिसिटी बैकअप से पावर सप्लाई और लिफ्ट का बैकअप रहता है। लाइट जाने पर या इमरजेंसी में इससे पावर बैकअप मिल जाता है।
पांचवां- कोरोना की घबराहट या डिप्रेशन में आकर कोई मरीज मल्टी स्टोरी हॉस्पिटल बिल्डिंग के किसी फ्लोर से चौक में कूदकर सुसाइड की कोशिश न करे, इसलिए रस्सियों का जाल भी बचाव के लिए लगाया गया है। बिल्डिंग में बाहरी लोगों के प्रवेश पर पाबंदी है। एंट्री के हर गेट और हर वार्ड के बाहर गार्ड तैनात मिले।
जयपुर के 20 अस्पतालों में 139 मरीज भर्ती
जयपुर में 7545 कोविड एक्टिव केस हैं। कोविड पेशेंट भर्ती कर रहे 20 सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों के आंकड़ों की दैनिक भास्कर ने पड़ताल की तो पता चला कि कोविड के कुल 139 मरीज ही उनमें भर्ती हैं।इन अस्पतालों में सभी तरह के कुल 6227 बेड उपलब्ध हैं। कोविड के भर्ती मरीज अस्पतालों में कुल बेड संख्या का 2.23 फीसदी ही हैं। कोविड के लिए रिजर्व रखे गए ज्यादातर बेड खाली हैं।