IMF Predict India / IMF की लगी भारत की ताकत पर मुहर, दुनिया में कोई देश नहीं दे पाएगा टक्कर

कोविड महामारी के बाद से भारत की इकोनॉमी ने मजबूत प्रदर्शन किया है, जिसे अब इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड (IMF) ने भी सराहा है। IMF के अनुसार, भारत की GDP वृद्धि दर 2024 में 7% रहेगी। वैश्विक मंदी के बीच, भारत की स्थिर इकोनॉमिक ग्रोथ एक सकारात्मक संकेत है।

Vikrant Shekhawat : Oct 23, 2024, 06:00 AM
IMF Predict India: कोविड-19 महामारी के दौरान भारत ने अपनी आर्थिक शक्ति का प्रदर्शन किया, जिसने वैश्विक स्तर पर सकारात्मक चर्चा बटोरी। भारत की अर्थव्यवस्था महामारी के बाद तेजी से पुनः स्थापित हुई, और तब से इसकी निरंतर विकास दर ने दुनियाभर के विशेषज्ञों का ध्यान खींचा है। हाल ही में इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड (IMF) ने भारत की आर्थिक वृद्धि को लेकर अपने अनुमानों को पेश किया, जिसमें यह दिखाया गया है कि भारत वैश्विक अर्थव्यवस्था में स्थिरता बनाए रखते हुए अपनी मजबूत स्थिति को बरकरार रखे हुए है। यह रिपोर्ट विशेष रूप से इस संदर्भ में महत्वपूर्ण है कि दुनिया भर की कई अर्थव्यवस्थाएँ भू-राजनीतिक तनाव और मंदी का सामना कर रही हैं।

IMF का भारत की GDP को लेकर अनुमान

IMF के अनुसार, भारत की सकल घरेलू उत्पाद (GDP) वृद्धि दर 2023 में 8.2% थी, जो 2024 में घटकर 7% होने का अनुमान है। 2025 में यह और घटकर 6.5% हो सकती है। IMF का कहना है कि कोविड महामारी के बाद बनी दबी मांग अब समाप्त हो रही है, क्योंकि भारतीय अर्थव्यवस्था अपनी पूरी क्षमता के साथ सामान्य आकार में लौट रही है। इसके बावजूद यह वृद्धि दर अन्य वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में कहीं अधिक मजबूत मानी जा रही है।

IMF के अनुमान के अनुसार, भारत की वृद्धि दर में यह कमी भले ही दिख रही हो, लेकिन यह अभी भी वैश्विक औसत से कहीं बेहतर स्थिति में है। इसके साथ ही, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने भी देश की विकास दर 2024 में 7.2% रहने का अनुमान लगाया है, जो भारत की घरेलू मांग की मजबूती को दर्शाता है। विश्व बैंक (World Bank) ने भी वित्त वर्ष 2025 के लिए भारत की GDP को 7% पर स्थिर रखा है।

महंगाई दर और भविष्यवाणी

महंगाई पर बात करें तो IMF का अनुमान है कि 2025 के अंत तक कोर इंफ्लेशन घटकर 3.5% तक आ सकती है, जो 2022 की तीसरी तिमाही में 9.4% के शिखर पर थी। यह दर 2000 और 2019 के बीच औसत 3.6% से भी कम हो सकती है। हालांकि, सितंबर 2024 में महंगाई दर 5.5% पर आ गई थी, जो जुलाई और अगस्त में 4% से नीचे थी।

महंगाई दर में गिरावट का यह अनुमान भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए एक सकारात्मक संकेत है, क्योंकि यह इंगित करता है कि देश मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने में सक्षम हो रहा है, जिससे आर्थिक स्थिरता को बनाए रखा जा सकेगा।

वैश्विक अर्थव्यवस्था और भारत की स्थिति

IMF ने वैश्विक अर्थव्यवस्था पर भी अपनी राय व्यक्त की। IMF का कहना है कि वैश्विक आर्थिक वृद्धि 2024 और 2025 में स्थिर रहते हुए 3.2% पर रहेगी। हालांकि, कुछ कम आय वाले देशों और विकासशील अर्थव्यवस्थाओं में वृद्धि दर में गिरावट देखी जा सकती है। IMF ने कहा कि मुद्रास्फीति के खिलाफ लड़ाई काफी हद तक जीत ली गई है, हालांकि कुछ देशों में अभी भी कीमतों का दबाव बना हुआ है।

दूसरी ओर, चीन की आर्थिक वृद्धि दर 4.8% रहने का अनुमान है, जो रियल एस्टेट सेक्टर में चुनौतियों और उपभोक्ता विश्वास की कमी के कारण घटाई गई है। वहीं, ब्राज़ील और रूस की आर्थिक वृद्धि दर क्रमशः 3% और 3.6% तक रहने का अनुमान है। संयुक्त राज्य अमेरिका की आर्थिक वृद्धि दर भी 2024 में 2.8% रहने का अनुमान है।

भारत की आर्थिक स्थिरता: एक मजबूत संकेत

इस संदर्भ में भारत की स्थिर आर्थिक वृद्धि दर बेहद महत्वपूर्ण मानी जा रही है। भले ही IMF ने भारत के लिए अपने अनुमान में कोई बड़ा बदलाव नहीं किया हो, लेकिन दुनिया के बाकी हिस्सों में आर्थिक मंदी के बीच भारत का स्थिर रहना एक बहुत ही सकारात्मक संकेत है। यह भारत की घरेलू मांग, उत्पादकता और आर्थिक नीतियों की मजबूती को दर्शाता है।

भारत की अर्थव्यवस्था, विशेष रूप से महामारी के बाद, तेजी से बढ़ी है और इसका प्रभाव वैश्विक मंच पर भी दिखने लगा है। चाहे वह उत्पादन क्षमता हो, डिजिटल अर्थव्यवस्था का विकास, या फिर विदेशी निवेश के लिए एक आकर्षक गंतव्य बनना, भारत की अर्थव्यवस्था वैश्विक आर्थिक परिदृश्य में स्थिरता और विकास का प्रतीक बनती जा रही है।

निष्कर्ष

IMF के अनुमानों के अनुसार, भले ही भारत की वृद्धि दर में मामूली गिरावट की संभावना हो, लेकिन यह वैश्विक औसत से कहीं अधिक मजबूत स्थिति में है। यह भारत की आर्थिक नीति और घरेलू मांग की स्थिरता का प्रमाण है। महंगाई पर नियंत्रण पाने के साथ-साथ, भारत एक स्थिर और सुरक्षित आर्थिक भविष्य की दिशा में अग्रसर है।