Rajasthan News / राजस्थान में BJP ने पोस्टर में जिस किसान को बताया कर्जदार, असल में वो तो निकला जमींदार

राजस्थान में होने जा रहे 2023 विधानसभा चुनावों से पहले बीजेपी की ओर से ‘नहीं सहेगा राजस्थान’ अभियान चलाया जा रहा है. कुछ दिनों पहले अभियान में बीजेपी ने कांग्रेस को घेरते हुए किसानों से जुड़ा एक पोस्टर जारी किया था, जिस पोस्टर में बीजेपी खुद घिर गई है. पोस्टर पर लिखा था, ’19 हजार से अधिक किसानों की जमीन नीलाम, नहीं सहेगा राजस्थान.’ इस पोस्टर पर एक किसान का फोटो भी लगा है. उसी किसान ने दावा किया है कि बिना इजाजत उसका

Vikrant Shekhawat : Oct 06, 2023, 08:28 PM
Rajasthan News: राजस्थान में होने जा रहे 2023 विधानसभा चुनावों से पहले बीजेपी की ओर से ‘नहीं सहेगा राजस्थान’ अभियान चलाया जा रहा है. कुछ दिनों पहले अभियान में बीजेपी ने कांग्रेस को घेरते हुए किसानों से जुड़ा एक पोस्टर जारी किया था, जिस पोस्टर में बीजेपी खुद घिर गई है. पोस्टर पर लिखा था, ’19 हजार से अधिक किसानों की जमीन नीलाम, नहीं सहेगा राजस्थान.’ इस पोस्टर पर एक किसान का फोटो भी लगा है. उसी किसान ने दावा किया है कि बिना इजाजत उसका फोटो इस्तेमाल किया गया है.

किसान माधुराम जयपाल का ये भी कहना है कि उस पर न तो कोई कर्जा है और न ही उसकी जमीन नीलाम हुई है. वह 200 बीघा जमीन का मालिक है. अब किसान बीजेपी पर मानहानि का केस करने की बात कह रहा है. मामले में सच जानने के लिए TV9 भारतवर्ष की टीम उस किसान तक पहुंची. इस बीच कांग्रेस के प्रवक्ता रूघदान झीबा ने बीजेपी सरकार पर जमकर प्रहार किए.

फोटो के बारे में किसान को ऐसे चला पता

जैसलमेर के रामदेवरा गांव के रिखियों की ढाणी में रहने वाले किसान माधुराम जयपाल की उम्र 70 वर्ष है. उनका कहना है कि बीजेपी के बैनर पर लगा फोटो उनका है. उन्होंने बताया कि गांव के एक युवक से उन्हें बैनर पर अपनी फोटो लगी होने के बारे में पता चला. उनके गांव से एक युवक कुछ दिन पहले जयपुर आया. उसने जयपुर में कई जगहों पर यह बैनर लगा देखा, जिस पर माधुराम की फोटो थी. उसने बैनर का फोटो लेकर गांव के एक वॉट्सऐप ग्रुप में शेयर किया. इसी ग्रुप में किसान का बेटा जुड़ा था. उसने यह मैसेज देखा तो अपने पिता को बताया.

माधुराम ने कहा कि पहले तो बेटे ने बताया तो मेरे कुछ समझ में ही नहीं आया क्योंकि बैनर में जमीन नीलामी की बात थी, लेकिन मेरी तो कोई जमीन ही नीलाम नहीं हुई. मेरी फोटो बिना वजह लगा दी. मुझसे पूछा भी नहीं. मेरे ऊपर कोई कर्ज नहीं है. इस फोटो को हटाओ. अगर मेरी जमीन नीलाम होती या मेरे ऊपर कर्ज होता तो सरकार कर्ज माफी करती है या जमीन दबाएगी. मैं बीजेपी वालों को नहीं जानता. मैंने कोई लोन नहीं लिया. हां, मेरी केसीसी ली हुई है. कोई मुझसे कुछ मांग रहा है तो फोटो छापो, लेकिन कुछ है ही नहीं, तो क्यों छापा? किसी के पास कोई तो सबूत होंगे जो साबित करे कि मेरी जमीन नीलाम हुई है. माधुराम खुद के पास 200 से अधिक बीघा जमीन है और खेत में उनका निवास है. वहीं, बताया जा रहा है कि माधुराम का परिवार भी कांग्रेसी है.

किसान की अपील, बीजेपी बैनर से हटाए उनकी तस्वीर

माधुराम का फोटो बीजेपी के पोस्टर पर लगा है, यह बात सबसे पहले 23 सितंबर को सामने आई. उस दिन रामदेवरा के अशोक जयपाल जयपुर आए थे. उन्होंने फोटो देखा और श्री डाली बाई समाधि ग्रुप में शेयर किया और लिखा की जयपुर में माधो बा छायोड़ा है (जयपुर में माधोबा छाए हुए हैं). इसके बाद यह कई दूसरे ग्रुप में भी फोटो शेयर हुआ. लोगों ने पोकरण और फलोदी में लगे बैनर की फोटो भी शेयर की.

माधुराम के बेटे ने कहा कि बीजेपी फोटो हटाए, हमारी बदनामी हो रही है. किसान माधुराम जयपाल के 3 बेटे हैं. सबसे बड़े भूराराम, उनसे छोटो गोविंदराम और सबसे छोटे जुगताराम. दो बड़े बेटे अपने परिवार के साथ अलग रहते हैं. सबसे छोटे बेटे जुगताराम पिता के साथ रहते हैं. जुगताराम ने कहा कि जब से यह बात सामने आई है मेरे पिताजी टेंशन में रहते हैं. मुझे बार-बार पूछते हैं कि उस फोटो का क्या हुआ, हटी कि नहीं? मैं बीजेपी वालों से निवेदन करता हूं कि मेरे पिताजी की फोटो हटा दें. हमारी बदनामी हो रही है. लोग तरह-तरह के कमेंट करते हैं.

‘नहीं सहेगा राजस्थान’, बीजेपी का अभियान

विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी ने अपनी रणनीति के तहत नहीं सहेगा राजस्थान अभियान शुरू किया. यह अभियान 16 जुलाई से शुरू हुआ था. बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने जयपुर में एक सभा कर इसकी शुरुआत की थी. इसमें बीजेपी ने कांग्रेस सरकार का विरोध जताने और आमजन से जुड़ने के लिए कई आयोजन किए. अभियान के तहत 1 अगस्त को जयपुर में सरकार का महा घेराव किया गया, जिसको लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी आह्वान किया था. अभियान को आमजन तक पहुंचाने के लिए बीजेपी ने कई नए नारे भी गढ़े इनमें महिलाओं पर अत्याचार नहीं सहेगा राजस्थान, पेपर लीक, युवा परेशान, नहीं सहेगा राजस्थान, दलितों पर अत्याचार नहीं सहेगा राजस्थान, भ्रष्टाचार खुलेआम नहीं सहेगा राजस्थान, अपराधी बेलगाम नहीं सहेगा राजस्थान और किसान बेहाल नहीं सहेगा राजस्थान जैसे नारे शामिल थे.