News18 : Sep 25, 2019, 01:25 PM
न्यूयॉर्क. भारत ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान (Prime Minister Imran Khan) को एक बार फिर अपनी सरजमीं से आतंकवाद खत्म करने की हिदायत दी है. भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर (External Affairs Minister, S. Jaishankar) ने कहा है कि भारत को पाकिस्तान से नहीं, 'टेररिस्तान' से बात करने में दिक्कत है. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने कश्मीर मुद्दे से निपटने के लिए एक पूरे के पूरे आतंकी उद्योग का निर्माण किया है.
जयशंकर न्यूयॉर्क में सांस्कृतिक संगठन 'एशिया सोसाइटी' की ओर से मंगलवार को आयोजित कार्यक्रम में हिस्सा लेने पहुंचे थे. विदेश मंत्री ने कहा, ''जम्मू कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाए जाने के बाद से पाकिस्तान ने भारत के साथ राजनयिक संबंधों को कम कर दिया था और भारतीय उच्चायुक्त को भी निष्कासित कर दिया था.चीन ने कश्मीर की बदली स्थिति को एक गंभीर चिंता का विषय बताया और कहा, ''संबंधित पक्षों को संयम बरतना चाहिए और सावधानी से काम करना चाहिए. खासकर ऐसी कार्रवाईयों से बचना चाहिए जो एकतरफा यथास्थिति को बदलता हो और तनाव को बढ़ाता हो." जयशंकर ने जोर देकर कहा कि भारत को पाकिस्तान से बातचीत करने में कोई समस्या नहीं है. उन्होंने कहा, ''लेकिन हमें टेररिस्तान से बात करने में समस्या है और उन्हें सिर्फ पाकिस्तान बने रहना होगा, दूसरा नहीं.''भारत ने अपनी सीमा में रहकर किया सुधारजयशंकर ने कहा कि अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को हटाए जाने का भारत की बाह्य सीमाओं पर कोई असर नहीं पड़ा है. जयशंकर ने कहा, ''हमने इसमें अपनी मौजूदा सीमाओं में रहकर सुधार किया है. जाहिर तौर पर पाकिस्तान और चीन से प्रतिक्रियाएं आईं. दोनों की प्रतिक्रियाएं अलग-अलग थीं. मुझे लगता है कि पाकिस्तान एक ऐसा देश है जिसने कश्मीर मुद्दे से निपटने के लिए वास्तव में समूचे आतंकवाद के उद्योग को रचा. मेरी राय में यह वाकई में कश्मीर से बहुत बड़ा मुद्दा है और मुझे लगता है कि उन्होंने इसे भारत के लिए तैयार किया है.''पाकिस्तान ने खड़ा किया आतंकवाद का बिजनेसउन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त करने के भारत के फैसले के बाद पाकिस्तान को अब लगता है कि अगर यह नीति सफल हो जाती है तो 70 साल का उसका निवेश घाटे में पड़ जाएगा. उन्होंने कहा, ''आज उनकी प्रतिक्रिया कई रूपों में गुस्से, निराशा के रूप में सामने आ रही है क्योंकि आपने लंबे समय से एक पूरा का पूरा आतंकवाद का उद्योग खड़ा किया है.''आतंकवाद का इस्तेमाल कर नीतियां नहीं बना सकतेजयशंकर से जब यह पूछा गया कि पाकिस्तान ने इस पर काफी कुछ कहा है और उन्हें क्या लगता है कि पाकिस्तान क्या करेगा. इस पर उन्होंने कहा कि यह कश्मीर का मुद्दा नहीं है बल्कि उससे कहीं बड़ा मुद्दा है. पाकिस्तान को इसे स्वीकार करना होगा कि उसने, जो मॉडल अपने लिए बनाए हैं वह लंबे समय तक काम नहीं करने वाले हैं. मुझे लगता है कि आज के समय में शासन के एक वैध साधन के रूप में आप आतंकवाद का इस्तेमाल करते हुए ऐसी नीतियां नहीं बना सकते हैं.
जयशंकर न्यूयॉर्क में सांस्कृतिक संगठन 'एशिया सोसाइटी' की ओर से मंगलवार को आयोजित कार्यक्रम में हिस्सा लेने पहुंचे थे. विदेश मंत्री ने कहा, ''जम्मू कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाए जाने के बाद से पाकिस्तान ने भारत के साथ राजनयिक संबंधों को कम कर दिया था और भारतीय उच्चायुक्त को भी निष्कासित कर दिया था.चीन ने कश्मीर की बदली स्थिति को एक गंभीर चिंता का विषय बताया और कहा, ''संबंधित पक्षों को संयम बरतना चाहिए और सावधानी से काम करना चाहिए. खासकर ऐसी कार्रवाईयों से बचना चाहिए जो एकतरफा यथास्थिति को बदलता हो और तनाव को बढ़ाता हो." जयशंकर ने जोर देकर कहा कि भारत को पाकिस्तान से बातचीत करने में कोई समस्या नहीं है. उन्होंने कहा, ''लेकिन हमें टेररिस्तान से बात करने में समस्या है और उन्हें सिर्फ पाकिस्तान बने रहना होगा, दूसरा नहीं.''भारत ने अपनी सीमा में रहकर किया सुधारजयशंकर ने कहा कि अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को हटाए जाने का भारत की बाह्य सीमाओं पर कोई असर नहीं पड़ा है. जयशंकर ने कहा, ''हमने इसमें अपनी मौजूदा सीमाओं में रहकर सुधार किया है. जाहिर तौर पर पाकिस्तान और चीन से प्रतिक्रियाएं आईं. दोनों की प्रतिक्रियाएं अलग-अलग थीं. मुझे लगता है कि पाकिस्तान एक ऐसा देश है जिसने कश्मीर मुद्दे से निपटने के लिए वास्तव में समूचे आतंकवाद के उद्योग को रचा. मेरी राय में यह वाकई में कश्मीर से बहुत बड़ा मुद्दा है और मुझे लगता है कि उन्होंने इसे भारत के लिए तैयार किया है.''पाकिस्तान ने खड़ा किया आतंकवाद का बिजनेसउन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त करने के भारत के फैसले के बाद पाकिस्तान को अब लगता है कि अगर यह नीति सफल हो जाती है तो 70 साल का उसका निवेश घाटे में पड़ जाएगा. उन्होंने कहा, ''आज उनकी प्रतिक्रिया कई रूपों में गुस्से, निराशा के रूप में सामने आ रही है क्योंकि आपने लंबे समय से एक पूरा का पूरा आतंकवाद का उद्योग खड़ा किया है.''आतंकवाद का इस्तेमाल कर नीतियां नहीं बना सकतेजयशंकर से जब यह पूछा गया कि पाकिस्तान ने इस पर काफी कुछ कहा है और उन्हें क्या लगता है कि पाकिस्तान क्या करेगा. इस पर उन्होंने कहा कि यह कश्मीर का मुद्दा नहीं है बल्कि उससे कहीं बड़ा मुद्दा है. पाकिस्तान को इसे स्वीकार करना होगा कि उसने, जो मॉडल अपने लिए बनाए हैं वह लंबे समय तक काम नहीं करने वाले हैं. मुझे लगता है कि आज के समय में शासन के एक वैध साधन के रूप में आप आतंकवाद का इस्तेमाल करते हुए ऐसी नीतियां नहीं बना सकते हैं.