Vikrant Shekhawat : Oct 15, 2021, 07:40 AM
नई दिल्ली: अक्टूबर में कोरोना वैक्सीन का निर्यात फिर से शुरू करने के बाद, भारत ने वैक्सीन मैत्री अभियान के तहत पड़ोसी देशों नेपाल, म्यांमार, ईरान और बांग्लादेश को 10-10 करोड़ टीकों का निर्यात किया है। भारत द्वारा वैक्सीन निर्यात शुरू करने की कई देशों ने सराहना की है। सरकारी सूत्रों ने कहा कि पड़ोसी देशों में मेड-इन-इंडिया कोरोना वैक्सीन की भारी मांग हैं। कई राजनयिक दौरों में अधिकांश दक्षिण एशियाई पड़ोसियों ने समय-समय पर भारत से टीकों के निर्यात को फिर से शुरू करने का आग्रह किया था।भारत को इस साल मई की शुरुआत में कोरोना की दूसरी लहर के दौरान अपने वैक्सीन मैत्री अभियान को रोकना पड़ा था। देश में कोरोना के हालात बेहतर होने पर सरकार ने पिछले महीने वैक्सीन का निर्यात फिर से शुरू करने की घोषणा की थी।लगभग पांच महीने के इस अंतराल के दौरान, चीन ने इस क्षेत्र में भारी मात्रा में सिनाफार्म वैक्सीन की आपूर्ति की। हालांकि, चीनी वैक्सीन सिनाफार्म की प्रभावकारिता (एफीकेसी) हमेशा सवालों के घेरे में रही है। पड़ोसी देश मेड-इन-इंडिया टीकों पर ज्यादा भरोसा करते हैं।चीन ने अलग-अलग क्षेत्रीय भागीदारों को अलग-अलग कीमतों पर टीके बेचेसिनाफार्म की कीमतों में अंतर ने बांग्लादेश और श्रीलंका में हंगामा खड़ा कर दिया था। रिपोर्ट के अनुसार, चीन ने अलग-अलग क्षेत्रीय भागीदारों को अलग-अलग कीमतों पर टीके बेचे। एक सूत्र ने एएनआइ को बताया कि अधिकांश दक्षिण एशियाई देश इस क्षेत्र में वैक्सीन की आपूर्ति के लिए भारत की ओर देख रहे हैं। पिछले कुछ महीनों में, भारत ने अपने उत्पादन में तेजी लाकर बड़े पैमाने पर अपने कोविड टीकाकरण अभियान को गति दी। भारत में अब तक 97 करोड़ से अधिक टीके लगाए जा चुके हैं। कोरोना वैक्सीन का निर्यात फिर से खोलने के भारत के फैसले का अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने स्वागत किया है। क्वाड, अमेरिका और यूरोपीय संघ (ईयू) के देशों ने भारत के इस कदम की सराहना की है।