Vikrant Shekhawat : Nov 10, 2024, 06:00 PM
US Iran Relations: अमेरिका के नव निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का व्हाइट हाउस में वापसी करना एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम है, और इस पर विश्व के विभिन्न देशों का अलग-अलग दृष्टिकोण है। विशेषकर, ईरान में ट्रंप की वापसी के कारण चिंता का माहौल है। जैसे ही ट्रंप की जीत की खबर आई, ईरान की मुद्रा अपने सबसे निचले स्तर पर पहुंच गई। यह आर्थिक अस्थिरता ईरान के कारोबारियों और वहां की अर्थव्यवस्था पर असर डाल रही है। ईरान ने ट्रंप से उनके प्रति सख्त रुख को बदलने की मांग की है, और अपने संबंधों को बेहतर बनाने के संकेत दिए हैं।ईरान के स्ट्रेटेजिक अफेयर के उपाध्यक्ष मोहम्मद जवाद ज़रीफ़ ने ट्रंप से अपील की है कि वे अपने पिछले कार्यकाल में अपनाई गई 'अधिकतम दबाव' नीति का पुनर्मूल्यांकन करें। ज़रीफ़ ने कहा कि ट्रंप को यह दिखाना चाहिए कि वे अतीत की नीतियों को दोहराने के पक्ष में नहीं हैं।हालांकि, यह अपील ऐसे समय में की गई है जब अमेरिका ने ईरान पर ट्रंप की हत्या की साजिश में शामिल होने का आरोप लगाया है। अमेरिकी अधिकारियों ने एक अफगान मूल के नागरिक को गिरफ्तार किया है, जिस पर ट्रंप की हत्या की साजिश रचने का आरोप है, और इसमें ईरान की भूमिका होने की संभावना जताई गई है। यह घटनाक्रम ईरान-अमेरिका संबंधों में और अधिक तनाव जोड़ सकता है।डोनाल्ड ट्रंप के पिछले कार्यकाल के दौरान अमेरिका ने ईरान पर कड़े प्रतिबंध लगाए थे और ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) के प्रमुख कासिम सुलेमानी की हत्या की थी। इसके बाद से ईरान ने कसम खाई थी कि वह सुलेमानी की मौत का बदला लेगा। अब ट्रंप की वापसी के साथ ही ईरान को यह आशंका है कि अमेरिका इस क्षेत्र में अपनी पुरानी नीति को और कड़ा करेगा और संभवतः इजराइल के साथ मिलकर उसके खिलाफ प्रतिबंधों को बढ़ाएगा।ट्रंप की जीत से इजराइल में जश्न का माहौल है, और प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने इसे ऐतिहासिक जीत बताया है। वहीं, ईरान के व्यापार जगत में इस बात की चिंता है कि ट्रंप की वापसी के बाद क्षेत्रीय तनाव बढ़ सकता है और प्रतिबंधों का दायरा भी व्यापक हो सकता है।ट्रंप की विदेश नीति का प्रभाव केवल अमेरिका तक सीमित नहीं है, बल्कि इसके कारण मध्य पूर्व में नई भू-राजनीतिक चुनौतियां उत्पन्न हो सकती हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि ट्रंप अपने नए कार्यकाल में किस प्रकार की नीतियां अपनाते हैं और इन नीतियों का ईरान तथा समूचे क्षेत्र पर क्या प्रभाव पड़ता है।