Zee News : Aug 09, 2020, 03:36 PM
नई दिल्ली: अयोध्या में श्रीराम मंदिर के भूमि पूजन के बाद क्या सरकार एनआरसी, जनसंख्या नियंत्रण कानून पर भी काम कर रही है? क्या संसद के आने वाले सत्र में जनसंख्या नियंत्रण के लिए सरकार कोई बिल ला सकती है। क्या तैयारी यूनिफॉर्म सिविल कोड की भी है। ये सवाल इसलिए खड़े हुए हैं क्योंकि बीजेपी के राज्यसभा सांसद अनिल अग्रवाल ने प्रधानमंत्री मोदी को चिट्ठी लिखकर जनसंख्या नियंत्रण के लिए संसद में बिल लाने की मांग की है।
ये लिखा है चिट्ठी में: "आदरणीय प्रधानमंत्री जी, सभी भारतीयों और दुनिया भर के हिंदुओं की तरफ से मैं धन्यवाद देना चाहता हूं क्योंकि 500 वर्षों के लंबे इंतज़ार के बाद आस्था और उम्मीद की नई सुबह हुई है। हिंदू दर्शन के अनुसार दुनिया में हर चीज ईश्वर की मर्जी से ही होती है और ईश्वर अपने कार्यों को पूरा कराने के लिए व्यक्तियों को चुनता है। ईश्वर ने आपको 130 करोड़ भारतीयों की उम्मीदों को पूरा करने के लिए चुना है। 15 अगस्त 2019 को आपने देश को जनसंख्या नियंत्रण कानून के उपायों के लेकर आश्वस्त किया था। अब वक्त आ गया है कि अब वक्त आ गया है उस शपथ को पूरा करने का। इसलिए मैं आपसे प्रार्थना करता हूं कि संसद के आने वाले सत्र में इस विषय पर उपयुक्त बिल लाया जाए।" दरअसल, 15 अगस्त 2019 को प्रधानमंत्री मोदी ने भाषण में जनसंख्या विस्फोट पर चिंता जताई थी। पीएम मोदी ने कहा था, "भारत परिवार नियोजन अपनाने वाला दुनिया का पहला देश था। 1949 में पारिवारिक नियोजन कार्यक्रम का गठन किया गया था। 1952 में पहला परिवार नियोजन कार्यक्रम शुरू किया गया था। 1977 में सरकार ने एक नई जनसंख्या नीति का गठन किया था। लोगों को स्वेच्छा से स्वीकार करने का विकल्प दिया गया था। 2024-25 तक भारत, चीन को आबादी के मामले में पीछे छोड़ देगा। भारत की जनसख्या 135 करोड़ है, चीन की 142 करोड़ है। जनसख्या के मामले में भारत कुछ वर्षों में चीन को पीछे छोड़ देगा।" जब इस जनसंख्या कानून को लेकर बहस छिड़ती है तो विपक्ष उसे वोटबैंक की सियासत की तरफ मोड़कर सरकार के खिलाफ प्रहार करता रहा है। जनसंख्या नियंत्रण को लेकर कई बार कोशिशें हुई हैं।नवंबर 2019 में लोकसभा में बीजेपी सांसद अजय भट्ट ने ‘छोटे परिवार को अपनाकर जनसंख्या नियंत्रण’ बिल का प्रस्ताव रखा था। 2018 में बीजेपी और टीडीपी के करीब 125 सांसदों ने राष्ट्रपति से भारत में दो बच्चों की नीति लागू करने का आग्रह किया था। दिसंबर 2018- बीजेपी सांसद प्रहलाद पटेल और संजीव बालियान सहित अलग अलग दलों के सांसदों ने जनसंख्या नियंत्रण के लिये सख्त कानून की पैरवी की थी। सवाल यही है कि क्या संसद के आने वाले सत्र में अबकी बार सरकार और विपक्ष के बीच जनसंख्या पर आर पार होने जा रहा है।
इशारा कुछ ऐसा ही लगता है क्योंकि बीजेपी सांसद अनिल अग्रवाल की पीएम मोदी को चिट्ठी लिखी है। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी से मांग की है कि 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के मौके पर वो देशवासियों को जनसंख्या नियंत्रण के बारे में अवगत कराएं। साथ ही राष्ट्रहित में आगामी संसद सत्र में जनसंख्या नियंत्रण विधेयक पास करें। सूचना प्रौद्योगिकी मामलों की स्थायी समिति, युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय सलाहकार समिति और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की हिंदी सलाहकार समिति के सदस्य डॉ। अग्रवाल ने प्रधानमंत्री मोदी से कहा, "आपने 15 अगस्त 2019 के अवसर पर देश में जनसंख्या नियंत्रण की जो जरूरत बताई थी, अब उस संकल्प को पूरा करने का समय आ गया है।" उन्होंने कहा, "मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि आप आगामी संसद सत्र में इस संबंध में उचित विधेयक लाने पर विचार करें।"भारत को आत्मनिर्भर व सर्वश्रेष्ठ बनाने के लिए जनसँख्या नियंत्रण कानून बनाना ही एकमात्र विकल्प है I मेरे अनुसार, अगर भारतवर्ष को प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नजरिये के अनुसार आत्मनिर्भर व सर्वश्रेष्ठ बनना है तो जनसँख्या विस्फोट को तत्काल प्रभाव से रोकना होगा I pic.twitter.com/7b6tRKTdg3
— Dr Anil Agrawal (@AnilagrwalMPBJP) August 9, 2020
ये लिखा है चिट्ठी में: "आदरणीय प्रधानमंत्री जी, सभी भारतीयों और दुनिया भर के हिंदुओं की तरफ से मैं धन्यवाद देना चाहता हूं क्योंकि 500 वर्षों के लंबे इंतज़ार के बाद आस्था और उम्मीद की नई सुबह हुई है। हिंदू दर्शन के अनुसार दुनिया में हर चीज ईश्वर की मर्जी से ही होती है और ईश्वर अपने कार्यों को पूरा कराने के लिए व्यक्तियों को चुनता है। ईश्वर ने आपको 130 करोड़ भारतीयों की उम्मीदों को पूरा करने के लिए चुना है। 15 अगस्त 2019 को आपने देश को जनसंख्या नियंत्रण कानून के उपायों के लेकर आश्वस्त किया था। अब वक्त आ गया है कि अब वक्त आ गया है उस शपथ को पूरा करने का। इसलिए मैं आपसे प्रार्थना करता हूं कि संसद के आने वाले सत्र में इस विषय पर उपयुक्त बिल लाया जाए।" दरअसल, 15 अगस्त 2019 को प्रधानमंत्री मोदी ने भाषण में जनसंख्या विस्फोट पर चिंता जताई थी। पीएम मोदी ने कहा था, "भारत परिवार नियोजन अपनाने वाला दुनिया का पहला देश था। 1949 में पारिवारिक नियोजन कार्यक्रम का गठन किया गया था। 1952 में पहला परिवार नियोजन कार्यक्रम शुरू किया गया था। 1977 में सरकार ने एक नई जनसंख्या नीति का गठन किया था। लोगों को स्वेच्छा से स्वीकार करने का विकल्प दिया गया था। 2024-25 तक भारत, चीन को आबादी के मामले में पीछे छोड़ देगा। भारत की जनसख्या 135 करोड़ है, चीन की 142 करोड़ है। जनसख्या के मामले में भारत कुछ वर्षों में चीन को पीछे छोड़ देगा।" जब इस जनसंख्या कानून को लेकर बहस छिड़ती है तो विपक्ष उसे वोटबैंक की सियासत की तरफ मोड़कर सरकार के खिलाफ प्रहार करता रहा है। जनसंख्या नियंत्रण को लेकर कई बार कोशिशें हुई हैं।नवंबर 2019 में लोकसभा में बीजेपी सांसद अजय भट्ट ने ‘छोटे परिवार को अपनाकर जनसंख्या नियंत्रण’ बिल का प्रस्ताव रखा था। 2018 में बीजेपी और टीडीपी के करीब 125 सांसदों ने राष्ट्रपति से भारत में दो बच्चों की नीति लागू करने का आग्रह किया था। दिसंबर 2018- बीजेपी सांसद प्रहलाद पटेल और संजीव बालियान सहित अलग अलग दलों के सांसदों ने जनसंख्या नियंत्रण के लिये सख्त कानून की पैरवी की थी। सवाल यही है कि क्या संसद के आने वाले सत्र में अबकी बार सरकार और विपक्ष के बीच जनसंख्या पर आर पार होने जा रहा है।