Vikrant Shekhawat : Dec 09, 2024, 01:00 AM
Syria News: सीरिया की राजधानी दमिश्क में विद्रोही गुटों ने पूरी तरह से नियंत्रण स्थापित कर लिया है। 27 नवंबर से शुरू हुई इस भीषण जंग के चलते राष्ट्रपति बशर अल असद को देश छोड़ने पर मजबूर होना पड़ा है। इस घटना ने पश्चिम एशिया की राजनीतिक स्थिति को झकझोर कर रख दिया है।
नेतन्याहू ने असद शासन के पतन को ऐतिहासिक बताया
इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने असद सरकार के पतन को "मध्य पूर्व के लिए ऐतिहासिक दिन" करार दिया। एक वीडियो बयान में नेतन्याहू ने इसे इजराइल की सैन्य और रणनीतिक सफलताओं का नतीजा बताया। उन्होंने कहा कि यह केवल सीरिया की सरकार का अंत नहीं है, बल्कि यह ईरान और उसके समर्थित संगठनों के विस्तारवादी एजेंडे पर भी प्रहार है।नेतन्याहू के मुख्य बिंदु:- ईरान और हिजबुल्लाह पर हमलों का परिणाम: नेतन्याहू ने दावा किया कि इजराइल द्वारा ईरान और हिजबुल्लाह के ठिकानों पर किए गए हमलों ने सीरिया में असद शासन को कमजोर किया।
- सैन्य और खुफिया एजेंसियों की भूमिका: इजराइल की सेना और खुफिया एजेंसियों की प्रशंसा करते हुए उन्होंने कहा कि उनकी कोशिशों ने क्षेत्र में स्थिरता लाने में अहम भूमिका निभाई।
सीरिया में असद शासन का पतन और क्षेत्रीय प्रभाव
नेतन्याहू ने इस घटना को ईरान के विस्तारवादी प्रयासों पर बड़ी चोट बताया। उन्होंने कहा कि सीरिया में असद सरकार का गिरना एक महान अवसर पैदा करता है, लेकिन यह नए खतरों का संकेत भी है।उन्होंने कहा, "हम उन सभी समुदायों के साथ शांति का हाथ बढ़ाते हैं, जो इजराइल के साथ शांतिपूर्ण संबंध रखना चाहते हैं।" इसमें सीरिया के कुर्द, ईसाई, और मुस्लिम समुदाय शामिल हैं।गोलान हाइट्स पर इजराइल की रणनीति
गोलान हाइट्स के रणनीतिक महत्व को ध्यान में रखते हुए नेतन्याहू ने इजराइली सेना को सीरिया-इजराइल सीमा पर नियंत्रण और बफर जोन पर कब्जा करने का निर्देश दिया।- 1974 में हुए सैनिकों की वापसी के समझौते के टूटने के बाद यह कदम उठाया गया।
- उन्होंने कहा, "हम किसी भी शत्रुतापूर्ण ताकत को अपनी सीमा पर स्थापित नहीं होने देंगे।"
पश्चिम एशियाई देशों की प्रतिक्रियाएं
सीरिया में बदले हालात ने पश्चिम एशिया के कई देशों की चिंताओं को बढ़ा दिया है। जहां कुछ देशों ने असद शासन के पतन का स्वागत किया है, वहीं अन्य ने इसे क्षेत्रीय अस्थिरता का संकेत बताया है।निष्कर्ष
सीरिया में विद्रोहियों का कब्जा और असद सरकार का पतन न केवल देश के लिए बल्कि पूरे मध्य पूर्व के लिए एक ऐतिहासिक मोड़ है। इजराइल इस घटना को अपनी रणनीतिक सफलता के रूप में देख रहा है, लेकिन यह स्पष्ट है कि आने वाले समय में इस क्षेत्र में राजनीतिक और सैन्य चुनौतियां बढ़ सकती हैं।This is a historic day for the Middle East. The collapse of the Assad regime, the tyranny in Damascus, offers great opportunity but also is fraught with significant dangers.
— Benjamin Netanyahu - בנימין נתניהו (@netanyahu) December 8, 2024
We send a hand of peace to all those beyond our border in Syria: to the Druze, to the Kurds, to the… pic.twitter.com/yJZE3AZZJn