Vikrant Shekhawat : Jul 11, 2024, 11:21 PM
Noida Sector 82: नोएडा सेक्टर 82 के पॉकेट 12 में सोसाइटी के ग्रीन बेल्ट क्षेत्र में मोबाइल टावर लगाने का विवाद हाल ही में चर्चा का विषय बन गया है। सोसाइटी के निवासियों ने इस निर्माण का कड़ा विरोध किया है, उनका कहना है कि इससे स्वास्थ्य संबंधी खतरों, नियमों के उल्लंघन और पर्यावरणीय प्रभावों की संभावना है।निवासियों का मानना है कि ग्रीन बेल्ट एरिया में मोबाइल टावर लगाने से स्वास्थ्य के लिए खतरा हो सकता है। यह मोबाइल टावर INDUS TOWER LIMITED नाम की कंपनी द्वारा लगाया जा रहा था, जिसे नोएडा अथॉरिटी के हॉ़र्टिकल्चर विभाग द्वारा जारी किए गए लिखित आदेश के बाद स्वीकृति मिली थी।विरोध के चलते सोसाइटी के पास लगने वाले इस मोबाइल टावर को लगाने से रोक दिया गया है। निवासियों का कहना है कि ग्रीन बेल्ट एरिया में मोबाइल टावर लगाने से पर्यावरण पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
लोगों का विरोध करने का मुख्य कारणस्वास्थ्य संबंधी खतरेमोबाइल टावर से निकलने वाले विकिरण से निवासियों को विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इनमें कैंसर, सिरदर्द, चक्कर आना और थकान जैसी समस्याएं शामिल हैं। विशेष रूप से बच्चों और बुजुर्गों पर इसका बुरा प्रभाव पड़ सकता है, जो निवासियों की सबसे बड़ी चिंता का कारण है।
लोगों का विरोध करने का मुख्य कारणस्वास्थ्य संबंधी खतरेमोबाइल टावर से निकलने वाले विकिरण से निवासियों को विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इनमें कैंसर, सिरदर्द, चक्कर आना और थकान जैसी समस्याएं शामिल हैं। विशेष रूप से बच्चों और बुजुर्गों पर इसका बुरा प्रभाव पड़ सकता है, जो निवासियों की सबसे बड़ी चिंता का कारण है।
- कैंसर का खतरा- वैज्ञानिक अध्ययनों से यह साबित हुआ है कि मोबाइल टावर से निकलने वाला विकिरण लंबे समय तक संपर्क में रहने पर कैंसर का कारण बन सकता है।
- सिरदर्द और थकान- लगातार विकिरण के संपर्क में रहने से सिरदर्द और थकान जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
- चक्कर आना- विकिरण के कारण कई लोग चक्कर आने की समस्या से भी ग्रस्त हो सकते हैं।
- टावर लगाने का परमिशन देते समय स्थानीय और RWA से सलाह तक नहीं ली गई है।
- ग्रीन बेल्ट क्षेत्र में टावर लगाने से वृक्षों की कटाई और पर्यावरणीय संतुलन खराब होने की संभावना है। यह क्षेत्र प्राकृतिक सुंदरता और पर्यावरण संरक्षण के लिए महत्वपूर्ण है, और यहां पर किसी भी प्रकार का निर्माण कार्य पर्यावरण को नुकसान पहुंचा सकता है।