विदेश / म्यांमार में सैन्य तख्तापलट के बाद से अब तक 1,000 से अधिक लोग मारे गए: मानवाधिकार समूह

मानवाधिकार समूह, असिस्टेंस असोसिएशन फॉर पॉलिटिकल प्रिज़नर्स (एएपीपी) ने दावा किया है कि म्यांमार में 1 फरवरी को हुए सैन्य तख्तापलट के बाद से सुरक्षा कर्मियों द्वारा 1,000+ लोग मारे गए हैं। एएपीपी के महासचिव तियेक नाइंग ने कहा कि मारे गए अधिकतर लोग सेना विरोधी ऐक्टिविस्ट थे और इनमें 40 से अधिक लोगों के सिर में गोली मारी गई।

Vikrant Shekhawat : Aug 19, 2021, 08:10 AM
बैंकॉक: म्यांमा में आंग सान सूकी की निर्वाचित सरकार का सेना द्वारा फरवरी में तख्ता पलट किए जाने के बाद से अबतक सुरक्षाकर्मियों द्वारा एक हजार से अधिक लोग मारे गए हैं। यह जानकारी मानवाधिकार समूह ने बुधवार को दी।

म्यांमा में प्रदर्शनों से जुड़ी गिरफ्तारियों और मौतों पर नजर रखने वाले समूह असिस्टेंस एसोसिएशन फॉर पॉलिटिकल प्रिजनर्स (एएपीपी) ने बुधवार को दो और लोगों की मौत की पुष्टि की जिसके बाद गत छह महीने में सुरक्षा बलों के हाथों मारे गए लोगों की कुल संख्या बढ़कर 1,001 हो गई है।

समूह के मुताबिक सू की की सरकार का तख्ता पलट करने के बाद से ही सेना नीत सरकार के खिलाफ बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। इन प्रदर्शनों के दौरान पुलिस और सेना में भी हताहतों की संख्या बढ़ रही है क्योंकि अब शहरी और ग्रामीण इलाकों में सशस्त्र विरोध बढ़ रहा है।

एएपीपी के महासचिव तियेक नाइंग ने कहा कि मारे गए अधिकतर लोग सेना विरोधी कार्यकर्ता हैं और इनमें भी 40 से अधिक लोगों के सिर में गोली मारी गई है।

उन्होंने बताया कि बड़ी संख्या में लोगों की मौत पूछताछ केंद्रों और कारागार में गिरफ्तारी के बाद हुई है। हालांकि, सैन्य नेतृत्व ने एएपीपी के आंकड़ों को खारिज कर दिया है, लेकिन हाल में उसने स्वयं कोई आंकड़े जारी नहीं किए हैं।

फरवरी में सूकी को पदच्युत कर सत्ता पर काबिज हुए सैन्य कमांडर वरिष्ठ जनरल मिन आंग हेलियांग ने कहा कि मई तक करीब 300 लोगों की मौत हुई है।