देश / नासा ने बनाया खास वेंटिलेटर, भारत की 3 कंपनियों को मिला लाइसेंस

कोरोना वायरस ने भारत समेत दुनियाभर में तबाही मचा रखी है। इस वायरस की वजह से लाखों लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं, 50 लाख से अधिक लोग संक्रमित हैं। कोरोना से निपटने के लिए हर देश अपने स्‍तर पर कोशिश कर रहे हैं लेकिन अब तक कोई ठोस सफलता हाथ नहीं लगी है। इस बीच, अमेरिका की स्वतंत्र एजेंसी राष्ट्रीय वैमानिकी एवं अंतरिक्ष प्रशासन (नासा) ने कोरोना मरीजों के लिए एक खास वेंटिलेटर बनाया है।

AajTak : Jun 01, 2020, 10:25 AM
दिल्ली: कोरोना वायरस ने भारत समेत दुनियाभर में तबाही मचा रखी है। इस वायरस की वजह से लाखों लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं, 50 लाख से अधिक लोग संक्रमित हैं। कोरोना से निपटने के लिए हर देश अपने स्‍तर पर कोशिश कर रहे हैं लेकिन अब तक कोई ठोस सफलता हाथ नहीं लगी है।

इस बीच, अमेरिका की स्वतंत्र एजेंसी राष्ट्रीय वैमानिकी एवं अंतरिक्ष प्रशासन (नासा) ने कोरोना मरीजों के लिए एक खास वेंटिलेटर बनाया है। न्‍यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक इस वेंटिलेटर के मैन्‍युफैक्‍चरिंग यानी निर्माण के लिए भारत की 3 कंपनियों को लाइसेंस मिला है।

ये तीन भारतीय कंपनियां- अल्फा डिजाइन टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड, भारत फोर्ज लिमिटेड और मेधा सर्वो ड्राइव्स प्राइवेट लिमिटेड हैं। नासा की ओर से जारी बयान के मुताबिक तीन भारतीय कंपनियों के अलावा 18 अन्य कंपनियों को भी यह लाइसेंस मिला है। इनमें आठ अमेरिका और तीन ब्राजील की कंपनियां शामिल हैं।


कोरोना मरीजों के लिए वेंटिलेटर

दरअसल, नासा ने दक्षिण कैलिफोर्निया की जेट प्रॉपल्शन लैब (जेएलपी) में कोरोना वायरस के मरीजों के लिए विशेष रूप से वेंटिलेटर विकसित किया है। जेएलपी के इंजीनियरों ने एक माह से कुछ अधिक समय में इस विशेष वेंटिलेटर ‘वाइटल’ को डिजाइन किया है। इसे अमेरिका के खाद्य एवं दवा प्रशासन से 30 अप्रैल को ‘आपात प्रयोग की अनुमति’ मिल चुकी है। नासा का कहना है कि वाइटल वेंटिलेटर को चिकित्सकों और चिकित्सा उपकरण विनिर्माण से सलाह लेकर विकसित किया गया है।

आपको बता दें कि कोरोना वायरस से अब तक अमेरिका में 1 लाख से अधिक लोगों की जान जा चुकी है। अमेरिका में इस महामारी से संक्रमित लोगों का आंकड़ा 17 लाख को पार कर चुका है।

वहीं, भारत की बात करें तो 1।50 लाख से अधिक लोग कोरोना की वजह से संक्रमित हैं जबकि 4900 से ज्‍यादा लोगों की मौत हो चुकी है। अच्‍छी बात ये है कि भारत में 82 हजार से ज्‍यादा लोग रिकवर कर चुके हैं।