Vikrant Shekhawat : May 05, 2021, 07:33 AM
नई दिल्ली: एक राज्य से दूसरे राज्य की यात्रा करने वाले स्वस्थ लोगों के लिए आरटी-पीसीआर जांच कराने की जरूरत पर पूरी तरह रोक लगायी जा सकती है क्योंकि ऐसी जांच प्रयोगशालाओं पर बोझ बढ़ा रही हैं। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने देश में महामारी की दूसरी लहर के दौरान कोविड-19 की जांच के लिए अपने परामर्श में यह सिफारिश की है।परामर्श में कहा गया है कि आरएटी या आरटी-पीसीआर जांच में संक्रमित पाए गए लोगों को दोबारा आरटी-पीसीआर जांच नहीं कराना है और संक्रमण से उबर चुके लोगों को अस्पतालों से छुट्टी दिए जाने के दौरान भी जांच कराने की जरूरत नहीं है।कोविड-19 से प्रयोगशालाओं के कर्मचारियों के संक्रमित होने और मामलों के अत्यधिक बोझ के कारण संभावित जांच के लक्ष्य को पूरा करने में आ रही चुनौतियों के मद्देनजर यह परामर्श जारी किया गया है। परामर्श में कहा गया है कि प्रयोगशालाओं पर बोझ घटाने के मकसद से एक राज्य से दूसरे राज्य जाने वाले स्वस्थ लोगों के लिए आरटी-पीसीआर जांच की जरूरत पूरी तरह खत्म की जा सकती है।बता दें कि देश में कोविड-19 के मामले दो करोड़ का आंकड़ा पार कर गए हैं और महज 15 दिनों में संक्रमण के 50 लाख से अधिक मामले आए हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मंगलवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, कोरोना वायरस के एक दिन में 3,57,229 नए मामले आने से संक्रमण के मामले बढ़कर 2,02,82,833 पर पहुंच गए जबकि 3,449 और लोगों के जान गंवाने से मृतकों की संख्या 2,22,408 पर पहुंच गई है।