दुनिया / नेपाल की राष्ट्रपति ने भंग की देश की संसद, मध्यावधि चुनाव का ऐलान

नेपाल की राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी ने संसद को भंग करते हुए मध्यावधि चुनाव का ऐलान किया है। नेपाल कार्यालय के मुताबिक, भंडारी ने नेपाली कांग्रेस के अध्यक्ष शेर बहादुर देउबा और प्रधानमंत्री के.पी. शर्मा ओली दोनों का सरकार बनाने का दावा खारिज कर दिया। ओली ने 153 सांसदों व देउबा ने 149 सांसदों के समर्थन का दावा किया था।

Vikrant Shekhawat : May 22, 2021, 05:20 PM
काठमांडु: नेपाल की राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी ने संसद को भंग करते हुए मध्यावधि चुनाव का एलान किया है. नेपाल में 12 और 19 नवंबर को मध्यावधि चुनाव होंगे. राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी ने नेपाली कांग्रेस के अध्यक्ष शेर बहादुर देउबा और प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली दोनों के सरकार बनाने के दावे को खारिज कर दिया. ये जानकारी नेपाल कार्यालय की ओर से दी गई है.

केपी शर्मा ओली और विपक्षी दलों दोनों ने ही राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी को सांसदों के हस्ताक्षर वाले पत्र सौंपकर नयी सरकार बनाने का दावा पेश किया था. ओली विपक्षी दलों के नेताओं से कुछ मिनट पहले राष्ट्रपति के कार्यालय पहुंचे था.

ओली ने संविधान के अनुच्छेद 76 (5) के अनुसार पुन: प्रधानमंत्री बनने के लिए अपनी पार्टी सीपीएन-यूएमएल के 121 सदस्यों और जनता समाजवादी पार्टी-नेपाल (जेएसपी-एन) के 32 सांसदों के समर्थन के दावे वाला पत्र सौंपा था. वहीं नेपाली कांग्रेस के अध्यक्ष शेर बहादुर देउबा ने 149 सांसदों का समर्थन होने का दावा किया था. देउबा प्रधानमंत्री पद का दावा पेश करने के लिए विपक्षी दलों के नेताओं के साथ राष्ट्रपति के कार्यालय पहुंचे.

ओली ने 153 सदस्यों का समर्थन होने का दावा किया था, वहीं देउबा ने दावा किया कि उनके पाले में 149 सांसद हैं. नेपाल की 275 सदस्यीय प्रतिनिधि सभा में 121 सीटों के साथ सीपीएन-यूएमएल सबसे बड़ा दल है. बहुमत से सरकार बनाने के लिए 138 सीटों की जरूरत होती है.