Vikrant Shekhawat : Jun 26, 2020, 01:04 PM
नई दिल्ली | नीति आयोग (NITI Aayog) ने आज बिल एंड मिलिंडा गेट्स फाउंडेशन (Bill and Melinda Gates Foundation) (बीएमजीएफ), सेंटर फॉर सोशल एंड बिहैवियरल चेंज (CSBC), अशोका विश्वविद्यालय (Ashoka University), स्वास्थ्य और डब्ल्यूसीडी मंत्रालय (Health and WCD Ministry) के साथ भागीदारी में ‘नैविगेटिंग द न्यू नॉर्मल’ (Nevigating the new normal) नाम के एक अभियान और उसकी वेबसाइट का शुभारम्भ किया।वर्तमान में जारी कोरोना महामारी के इस दौर में ‘अनलॉक’के चरण में कोविड-सुरक्षित व्यवहार, विशेष रूप से मास्क पहनने पर केन्द्रित इस अभियान का शुभारम्भ नीति आयोग के सदस्य डॉ. वी. के. पॉल, सीईओ अमिताभ कांत, प्रमुख वैज्ञानिक सलाहकार प्रो. के. विजय राघवन, बीएमजीएफ के कंट्री डायरेक्टर हरि मेनन, प्रसिद्ध गीतकार और मैक्केन वर्ल्ड ग्रुप इंडिया के सीईओ एवं सीसीओ प्रसून जोशी की उपस्थिति में हुआ। इस अवसर पर नीति आयोग, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री और बीएमजीएफ के कई वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित रहे। एक वेबकास्ट के माध्यम से हुए इसके आभासी शुभारम्भ में नीति आयोग के साथ काम कर रहे लगभग 92,000 एनजीओ और सिविल सोसायटी संगठनों (सीएसओ) ने भी भागीदारी की।
भारत सरकार द्वारा गठित और नीति आयोग की अध्यक्षता वाले अधिकार प्राप्त समूह 6 के मार्गदर्शन में विकसित इस अभियान के दो भाग हैं। पहला एक वेब पोर्टल http://www.covidthenewnormal.com/है, जिसमें व्यवहार विज्ञान द्वारा सूचित संसाधन और अनलॉक के वर्तमान चरण के दौरान कोविड-सुरक्षित व्यवहार मानदंड से संबंधित उपायों तथा सामाजिक मानदंडों के उपयोग शामिल हैं और दूसरा, मास्क के पहनने पर केन्द्रित एक मीडिया अभियान है।
अपने उद्घाटन भाषण में नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने कहा, ‘जैसे-जैसे भारत अनलॉक हो रहा है, तो इससे जुड़ी एक अहम चिंता यह है कि कोविड सुरक्षित व्यवहार को अभ्यास में लाने के लिए जनता और संस्थानों को कैसे प्रोत्साहित किया जाए। जब तक एक वैक्सीन उपलब्ध नहीं हो जाती है, तब तक नोवेल कोरोना वायरस के प्रसार की गति को सुस्त करने के लिए मास्क पहनने के साथ हाथों को स्वच्छ करना और सामाजिक दूरी का पालन करना काफी महत्वपूर्ण होगा।’
उन्होंने कहा, ‘अधिकार प्राप्त समूह 6 और स्वास्थ्य मंत्रालय चाहता है कि हम आवश्यक सामाजिक व्यवहार को प्रोत्साहन दें, जिसमें प्रवर्तन की जिम्मेदारी सरकार से नागरिकों के ऊपर आ जाए। नीति आयोग ने बिल एंड मिलिंडा गेट्स फाउंडेशन और सेंटर फॉर सोशल एंड बिहैवियरल चेंज के साथ भागीदारी में नीति आयोग ने जनता को अपने वातावरण को तैयार करने के लिए संकेतों और अनुस्मारकों के साथ सरल, अभ्यास में आसान विचारों से अवगत कराने का एक प्रयास किया है, जिससे इन व्यवहारों को अभ्यास में लाना आसान हो जाए।’
नीति आयोग के सदस्य डॉ. वी. के पॉल ने जोर देकर कहा कि हमारा भविष्य वायरस पर नहीं, बल्कि हमारे व्यवहारों पर निर्भर है। उन्होंने कहा, ‘अगर हम दूरी कायम करते हैं, मास्क पहनते हैं, या एक वैक्सीन जैसी बाधा का उपयोग करते हैं तो वायरस फैल नहीं सकता है। हम मानवता की सरलता के साथ इस युद्ध को लड़ रहे हैं। एक आदर्श विश्व में, यदि हम इन कोविड सुरक्षित व्यवहारों को तैयार करते हैं और मजबूती से पालन करते हैं तो वायरस फैलने में नाकाम हो जाएगा। छोटे कारखाने और गरीब मजदूर विशेष रूप से चिंता की वजह हैं, जिसमें हमारी वंचित आबादी का एक बड़ा हिस्सा आता है और इन जगहों पर ऐसे संदेशों को जरूर पहुंचाया जाना चाहिए। हमें उम्मीद है कि इस अभियान को शुरू करने के साथ कई दिशाओं में प्रयास करने होंगे; इस प्रकार यह सिर्फ एक लहर नहीं होगी बल्कि यह व्यवहार में बदलाव की एक सुनामी होगी।’
प्रमुख वैज्ञानिक सलाहकार के. विजय राघवन ने इस पहल की प्रशंसा की और कहा कि जब तक हम प्रभावी रूप से दूरी नहीं बढ़ाते हैं, तब तक यह बीमारी लगातार फैलती जाएगी। एमओएचएफडब्ल्यू के विशेष कार्य अधिकारी राजेश भूषण ने इस अभियान के लिए मंत्रालय की तरफ से पूर्ण समर्थन दिए जाने का भरोसा दिलाया।
बीएमजीएफ के इंडिया कंट्री डायरेक्टर हरि मेनन ने कहा, ‘हम राष्ट्रीय कोविड-19 प्रतिक्रिया को समर्थन के लिए भारत सरकार और नीति आयोग के साथ अपनी भागीदारी के लिए प्रतिबद्ध हैं। इस नई पहल पर सरकार के साथ काम करना हमारे लिए सम्मान की बात है, जो कोविड-19 निरोधक व्यवहारों को प्रोत्साहन देने के लिए एक आसान और सरल तरीके से व्यवहार विज्ञान को अभ्यास में लाने पर केन्द्रित है। मुझे उम्मीद है कि “नैविगेटिंग द न्यू नॉर्मल” अभियान से निरोधक व्यवहारों विशेष रूप से मास्क पहनने को सामान्य अभ्यास बनाने में सहायता मिलेगी।’
मैक्केन वर्ल्ड ग्रुप इंडिया के सीईओ और सीसीओ प्रसून जोशी ने कहा, ‘इस दौर में हमारे सामने तमाम चुनौतियां हैं। हमें कोविड उपयुक्त व्यवहारों को लागू करने पर ध्यान केन्द्रित करना चाहिए, जिससे वे हमारी नियमित दिनचर्या का हिस्सा बन जाएं। हमारा प्रयास जनता को मास्क पहनने को अभ्यास में लाने को प्रोत्साहित करना है। एक समाज के रूप में हमें मास्क पहनने की आवश्यकता को स्वीकार करना होगा, हमें इसे अपनाना होगा और हमारे व्यवहार में इसकी झलक दिखनी चाहिए।’
अभियान के बारे में :
एमओएचएफडब्ल्यू और अन्य हितधारकों के साथ परामर्श से विकसित इस वेबसाइट का उद्देश्य जनता की भागीदारी को बढ़ाना और सीएसओ तथा एनजीओ को जोड़ना है। यह विभिन्न क्षेत्रों में कोविड सुरक्षित व्यवहारों को अभ्यास में लाने के लिए रणनीतियों और सहायक उपायों का एक कोष बन जाएगा। इसका उद्देश्य सीएसओ, एनजीओ, जनता, संस्थानों, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और जिला प्रशासन सहित सभी को एक मुक्त स्रोत पहुंच उपलब्ध कराना है। इस जानकारी की उपलब्धता के साथ संस्थानों और सिविल सोसायटी संगठन कोविड सुरक्षित व्यवहारों को अभ्यास में लाते हुए अपनी सामान्य गतिविधियों को शुरू करने की योजना बना सकते हैं।पोर्टल अनलॉक चरण में चार प्रमुख व्यवहारों के सरल कार्यान्वयन पर जोर देता है :
1. मास्क पहनना
2. सामाजिक दूरी
3. हाथ स्वच्छ करना
4. सार्वजनिक स्थानों पर नहीं थूकना
वेबसाइट पर स्वास्थ्य, पोषण और सार्वजनिक परिवहन (मेट्रो शहरों में) के लिए क्षेत्र केन्द्रित उपाय और दिशानिर्देश होंगे।
मास्क पहनने के अभियान पर जोर
मीडिया मास्क पहनने के सही तरीके बारे में बताने के लिए इसका उपयोग करेगा। निस्संदेह, इस सरल उपाय से कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई को खासी मजबूती मिलेगी। जापान और दक्षिण कोरिया जैसे देशों ने ‘मास्क पहनने’ को सामाजिक रूप से स्वीकार्य मानदंड बना दिया है। मास्क पहनने के अभियान को बिल एंड मिलिंडा गेट्स फाउंडेशन ने मैक्केन वर्ल्डग्रुप के साथ भागीदारी में तैयार किया है।
भारत सरकार द्वारा गठित और नीति आयोग की अध्यक्षता वाले अधिकार प्राप्त समूह 6 के मार्गदर्शन में विकसित इस अभियान के दो भाग हैं। पहला एक वेब पोर्टल http://www.covidthenewnormal.com/है, जिसमें व्यवहार विज्ञान द्वारा सूचित संसाधन और अनलॉक के वर्तमान चरण के दौरान कोविड-सुरक्षित व्यवहार मानदंड से संबंधित उपायों तथा सामाजिक मानदंडों के उपयोग शामिल हैं और दूसरा, मास्क के पहनने पर केन्द्रित एक मीडिया अभियान है।
अपने उद्घाटन भाषण में नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने कहा, ‘जैसे-जैसे भारत अनलॉक हो रहा है, तो इससे जुड़ी एक अहम चिंता यह है कि कोविड सुरक्षित व्यवहार को अभ्यास में लाने के लिए जनता और संस्थानों को कैसे प्रोत्साहित किया जाए। जब तक एक वैक्सीन उपलब्ध नहीं हो जाती है, तब तक नोवेल कोरोना वायरस के प्रसार की गति को सुस्त करने के लिए मास्क पहनने के साथ हाथों को स्वच्छ करना और सामाजिक दूरी का पालन करना काफी महत्वपूर्ण होगा।’
उन्होंने कहा, ‘अधिकार प्राप्त समूह 6 और स्वास्थ्य मंत्रालय चाहता है कि हम आवश्यक सामाजिक व्यवहार को प्रोत्साहन दें, जिसमें प्रवर्तन की जिम्मेदारी सरकार से नागरिकों के ऊपर आ जाए। नीति आयोग ने बिल एंड मिलिंडा गेट्स फाउंडेशन और सेंटर फॉर सोशल एंड बिहैवियरल चेंज के साथ भागीदारी में नीति आयोग ने जनता को अपने वातावरण को तैयार करने के लिए संकेतों और अनुस्मारकों के साथ सरल, अभ्यास में आसान विचारों से अवगत कराने का एक प्रयास किया है, जिससे इन व्यवहारों को अभ्यास में लाना आसान हो जाए।’
नीति आयोग के सदस्य डॉ. वी. के पॉल ने जोर देकर कहा कि हमारा भविष्य वायरस पर नहीं, बल्कि हमारे व्यवहारों पर निर्भर है। उन्होंने कहा, ‘अगर हम दूरी कायम करते हैं, मास्क पहनते हैं, या एक वैक्सीन जैसी बाधा का उपयोग करते हैं तो वायरस फैल नहीं सकता है। हम मानवता की सरलता के साथ इस युद्ध को लड़ रहे हैं। एक आदर्श विश्व में, यदि हम इन कोविड सुरक्षित व्यवहारों को तैयार करते हैं और मजबूती से पालन करते हैं तो वायरस फैलने में नाकाम हो जाएगा। छोटे कारखाने और गरीब मजदूर विशेष रूप से चिंता की वजह हैं, जिसमें हमारी वंचित आबादी का एक बड़ा हिस्सा आता है और इन जगहों पर ऐसे संदेशों को जरूर पहुंचाया जाना चाहिए। हमें उम्मीद है कि इस अभियान को शुरू करने के साथ कई दिशाओं में प्रयास करने होंगे; इस प्रकार यह सिर्फ एक लहर नहीं होगी बल्कि यह व्यवहार में बदलाव की एक सुनामी होगी।’
प्रमुख वैज्ञानिक सलाहकार के. विजय राघवन ने इस पहल की प्रशंसा की और कहा कि जब तक हम प्रभावी रूप से दूरी नहीं बढ़ाते हैं, तब तक यह बीमारी लगातार फैलती जाएगी। एमओएचएफडब्ल्यू के विशेष कार्य अधिकारी राजेश भूषण ने इस अभियान के लिए मंत्रालय की तरफ से पूर्ण समर्थन दिए जाने का भरोसा दिलाया।
बीएमजीएफ के इंडिया कंट्री डायरेक्टर हरि मेनन ने कहा, ‘हम राष्ट्रीय कोविड-19 प्रतिक्रिया को समर्थन के लिए भारत सरकार और नीति आयोग के साथ अपनी भागीदारी के लिए प्रतिबद्ध हैं। इस नई पहल पर सरकार के साथ काम करना हमारे लिए सम्मान की बात है, जो कोविड-19 निरोधक व्यवहारों को प्रोत्साहन देने के लिए एक आसान और सरल तरीके से व्यवहार विज्ञान को अभ्यास में लाने पर केन्द्रित है। मुझे उम्मीद है कि “नैविगेटिंग द न्यू नॉर्मल” अभियान से निरोधक व्यवहारों विशेष रूप से मास्क पहनने को सामान्य अभ्यास बनाने में सहायता मिलेगी।’
मैक्केन वर्ल्ड ग्रुप इंडिया के सीईओ और सीसीओ प्रसून जोशी ने कहा, ‘इस दौर में हमारे सामने तमाम चुनौतियां हैं। हमें कोविड उपयुक्त व्यवहारों को लागू करने पर ध्यान केन्द्रित करना चाहिए, जिससे वे हमारी नियमित दिनचर्या का हिस्सा बन जाएं। हमारा प्रयास जनता को मास्क पहनने को अभ्यास में लाने को प्रोत्साहित करना है। एक समाज के रूप में हमें मास्क पहनने की आवश्यकता को स्वीकार करना होगा, हमें इसे अपनाना होगा और हमारे व्यवहार में इसकी झलक दिखनी चाहिए।’
अभियान के बारे में :
एमओएचएफडब्ल्यू और अन्य हितधारकों के साथ परामर्श से विकसित इस वेबसाइट का उद्देश्य जनता की भागीदारी को बढ़ाना और सीएसओ तथा एनजीओ को जोड़ना है। यह विभिन्न क्षेत्रों में कोविड सुरक्षित व्यवहारों को अभ्यास में लाने के लिए रणनीतियों और सहायक उपायों का एक कोष बन जाएगा। इसका उद्देश्य सीएसओ, एनजीओ, जनता, संस्थानों, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और जिला प्रशासन सहित सभी को एक मुक्त स्रोत पहुंच उपलब्ध कराना है। इस जानकारी की उपलब्धता के साथ संस्थानों और सिविल सोसायटी संगठन कोविड सुरक्षित व्यवहारों को अभ्यास में लाते हुए अपनी सामान्य गतिविधियों को शुरू करने की योजना बना सकते हैं।पोर्टल अनलॉक चरण में चार प्रमुख व्यवहारों के सरल कार्यान्वयन पर जोर देता है :
1. मास्क पहनना
2. सामाजिक दूरी
3. हाथ स्वच्छ करना
4. सार्वजनिक स्थानों पर नहीं थूकना
वेबसाइट पर स्वास्थ्य, पोषण और सार्वजनिक परिवहन (मेट्रो शहरों में) के लिए क्षेत्र केन्द्रित उपाय और दिशानिर्देश होंगे।
मास्क पहनने के अभियान पर जोर
मीडिया मास्क पहनने के सही तरीके बारे में बताने के लिए इसका उपयोग करेगा। निस्संदेह, इस सरल उपाय से कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई को खासी मजबूती मिलेगी। जापान और दक्षिण कोरिया जैसे देशों ने ‘मास्क पहनने’ को सामाजिक रूप से स्वीकार्य मानदंड बना दिया है। मास्क पहनने के अभियान को बिल एंड मिलिंडा गेट्स फाउंडेशन ने मैक्केन वर्ल्डग्रुप के साथ भागीदारी में तैयार किया है।