Vikrant Shekhawat : Dec 08, 2021, 12:15 PM
नई दिल्ली: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकंपा)के नेता नवाब मलिक ने देश में तीसरा मोर्चा बनाए जाने की संभावनाओं से इनकार किया है। नवाब मलिक ने कहा कि राकंपा प्रमुख शरद पवार सभी गैर-बीजेपी पार्टियों को एक साथ लाने के लिए काम करेंगे। जिसके तहत ममता बनर्जी को भी यूनाइटेड प्रोग्रेसिव अलायंस यानी यूपीए के अंदर लाने की कोशिशें शामिल हैं। दिल्ली में पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के बाद नवाब मलिक पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष ममता बनर्जी से शरद पवार की मुलाकात के कुछ ही दिनों बाद पार्टी की यह अहम बैठक हुई है। बैठक के बाद ही नवाब मलिक ने थर्ड फ्रंट और यूपीए को लेकर यह बात कही है। इससे पहले ममता बनर्जी ने यूपीए के अस्तित्व पर सवाल उठाया था और कहा था कि कोई यूपीए नहीं है। ममता बनर्जी ने केंद्र की सत्ता से बीजेपी को बेदखल करने के लिए मजबूत विकल्प बनाने की बात भी कही थी। ममता बनर्जी ने कहा था, 'कोई भी इस काम को अकेला नहीं कर सकता है। हमें मजबूत विकल्प की जरुरत है और अगर कोई लड़ने के लिए तैयार नहीं है तो हम क्या कर सकते हैं।'ममता बनर्जी के इस बयान के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष की आलोचना भी की थी और आरोप लगाया था कि वो निजी हित की वजह से ऐसा बोल रही है। महाराष्ट्र में कांग्रेस, एनसीपी के साथ गठबंधन का हिस्सा है और एनसीपी ने खुद को ममता बनर्जी के इन बयानों से अलग कर लिया था।नवाब मलिक ने कहा, 'शरद पवार में इतनी ताकत है कि वो महाराष्ट्र में शिवसेना और कांग्रेस को एक-साथ लाकर सरकार बना सकते हैं, तब वो गैर-बीजेपी पार्टियों को भी पूरे देश में एक प्लेटफॉर्म पर लाकर खड़ा कर सकते हैं। एक मजबूत विपक्ष बीजेपी को हरा सकती है। जब नवाब मलिक से पूछा गया कि क्या भविष्य में ममता बनर्जी, यूपीए का हिस्सा होंगी?इसपर जवाब देते हुए एनसीपी नेता ने कहा कि यूपीए में लाने के लिए ममता बनर्जी से बातचीत होगी। उन्होंने कहा, 'अगर महाराष्ट्र में शिवसेना और कांग्रेस एक साथ आ सकते हैं, एनसीपी इसका हिस्सा बन सकती है तो फिर ममता बनर्जी से बातचीत भी की जा सकती है।नवाब मलिक ने कहा कि थर्ड फ्रंट नहीं होगा, सिर्फ सत्तारुढ़ पार्टी और विपक्ष ही होगा। एनसीपी उन सभी को साथ लाने की कोशिश करेगा जो बीजेपी की विचारधारा के खिलाफ लड़ने के लिए तैयार हैं। बता दें कि कभी तृणमूल कांग्रेस भी यूपीए का हिस्सा रह चुकी है। इस बार पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों के बाद ममता बनर्जी ने मजबूत विपक्ष खड़ा करने की बात कही है।