नवाब मलिक अस्पताल में भर्ती / महाराष्ट्र के मंत्री की ईडी की हिरासत में तबीयत बिगड़ी, दो दिन पहले हुई थी गिरफ्तारी

प्रवर्तन निदेशायल द्वारा गिरफ्तार किए जाने के दो दिन बाद महाराष्ट्र सरकार में मंत्री व एनसीपी नेता नवाब मलिक को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। वह मुंबई के जेजे अस्पताल में भर्ती हैं। हालांकि, उन्हें किन कारणों से अस्पताल में भर्ती किया गया है। इसकी जानकारी अभी तक नहीं मिली है। बीते, बुधवार को एनसीपी नेता को ईडी ने गिरफ्तार किया था। उन पर दाऊद इब्राहिम के करीबी से संपत्ति खरीदने का आरोप है।

Vikrant Shekhawat : Feb 25, 2022, 04:25 PM
प्रवर्तन निदेशायल द्वारा गिरफ्तार किए जाने के दो दिन बाद महाराष्ट्र सरकार में मंत्री व एनसीपी नेता नवाब मलिक को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। वह मुंबई के जेजे अस्पताल में भर्ती हैं। हालांकि, उन्हें किन कारणों से अस्पताल में भर्ती किया गया है। इसकी जानकारी अभी तक नहीं मिली है। 

बीते, बुधवार को एनसीपी नेता को ईडी ने गिरफ्तार किया था। उन पर दाऊद इब्राहिम के करीबी से संपत्ति खरीदने का आरोप है। इसके अलावा मनी लांड्रिंग से जुड़े मामले में भी ईडी जांच कर रही है। ईडी की टीम ने बुधवार सुबह करीब सात बजे उनके घर पर छापेमारी की थी। इसके बाद ईडी उन्हें अपने साथ ले आई थी। करीब छह घंटे पूछताछ के बाद उनकी गिरफ्तारी हुई थी। 

करोड़ाें की जमीन कौड़ियों की खरीद मामले में हुई गिरफ्तारी

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मलिक की गिरफ्तारी के बाद  पूरी कहानी का पर्दाफाश किया था। ईडी ने कोर्ट में बताया था कि, मंत्री नवाब मलिक ने कथित रूप से मुनिरा प्लंबर से 300 करोड़ रुपये का प्लाट कुछ लाख रुपये में एक कंपनी के जरिये हड़पा था। इस कंपनी का नाम सॉलिड्स इन्वेस्टमेंट प्रा.लि. है और कंपनी का मालिक मलिक परिवार है।

ईडी ने आरोप लगाया कि मलिक यह कंपनी भगोड़े डॉन दाउद इब्राहिम की बहन हसीना पारकर और डी गैंग के अन्य सदस्यों के सहयोग से चलाते रहे हैं। इस संबंध में मुनिरा प्लंबर ने ईडी को दिए बयान में बताया कि कुर्ला में गोवाला कंपाउंड में उनका 3 एकड़ का प्लॉट था। इस जमीन पर अवैध कब्जे को खाली कराने और विवादों को निपटाने के लिए सलीम पटेल ने उससे पांच लाख रुपये लिए थे, लेकिन उसने यह जमीन थर्ड पार्टी को बेच दी जबकि सलीम को कभी प्रापर्टी को बेचने के लिए नहीं कहा था। यही नहीं, 18 जुलाई 2003 को जमीन के मालिकाना हक ट्रांसफर करने से संबंधित कागज पर ही हस्ताक्षर नहीं किया था। उन्हें इस बात की भनक नहीं थी कि सलीम पटेल ने यह जमीन किसी दूसरे को बेच दी है।

वहीं, इस जमीन से जुड़े कागजातों को खंगालने के बाद ईडी को पता चला कि इसके पीछे सरदार शाहवली खान है जो 1993 के मुंबई बम धमाके का आरोपी है। वह डाटा और मकोका के तहत औरंगाबाद की जेल में आजीवन कारावास की सजा भुगत रहा है। शाहवली खान ने ईडी को बताया था कि सलीम पटेल भगोड़े डॉन दाउद इब्राहिम की बहन हसीना पारकर का करीबी था। हसीना के निर्देश पर ही सलीम ने मुनिरा की जमीन के बारे में सभी फैसले लिए थे।