देश / 1 अप्रैल 2020 से अब तक 1 लाख बच्चों ने माता-पिता में से एक या दोनों को खोया: बाल आयोग

राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि 1 अप्रैल 2020 से 23 अगस्त 2021 तक कोविड-19 या अन्य कारणों से 1,01,032 बच्चों ने माता-पिता में से किसी एक या दोनों को खोया। एनसीपीसीआर के हलफनामे के अनुसार, इनमें से 92,475 बच्चों ने किसी 1 पेरेंट को खोया, 8,161 अनाथ हुए जबकि 396 लावारिस मिले।

Vikrant Shekhawat : Aug 26, 2021, 02:46 PM
नई दिल्ली: कोविड-19 (Covid 19) से प्रभावित हुए बच्चों के स्वत: संज्ञान के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई की. जस्टिस एल नागेश्वर राव ने केंद्र सरकार से पूछा कि कोविड के दौरान अनाथ हुए उन बच्चों की स्कूल फीस किसी कोष के जरिए सरकार भर सकती है, जो निजी स्कूलों में पढ़ते हैं. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से ये भी पूछा कि पीएम केयर फण्ड से ऐसे बच्चों में से कितने लाभांवित हो रहे है? पैसे का रख-रखाव कैसे हो रहा है? अनाथ हुए बच्चो की पढ़ाई को लेकर उनकी स्कूल फीस के लिए पीएम केयर फण्ड से कोई व्यवस्था की गई है या नहीं? ASG ऐश्वर्या भाटी ने कहा है कि सरकार की ओर से ऐसे बच्चों को चिह्नित करने का काम हो रहा है. जिला मजिस्ट्रेट, पुलिस, ग्राम पंचायत और आशा वर्कर्स, हर राज्य में सभी स्तरों पर ऐसे बच्चों की पहचान कर रहे हैं.

सुनवाई के दौरान राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने SC को बताया कि लगभग एक लाख बच्चे ऐसे हैं, जिन्हें सहायता और देखभाल की जरूरत है, क्योंकि उन्होंने कोविड महामारी के दौरान मां-बाप में से एक या दोनों को खो दिया है. मार्च 2020 से 8161 बच्चे अनाथ हो गए और 92475 ने माता-पिता में से एक को खो दिया. केंद्र सरकार की तरफ से ASG ऐश्वर्या भाटी ने बताया कि पीएम केयर फण्ड के लाभांवित होने वालों की तीन कैटिगरी बनाई गई हैं. पहली वो जिन्होंने माता पिता दोनों को खोया, दूसरी में वो जिन्होंने किसी एक को खोया, तीसरी में वो शामिल हैं, जिनकी देखभाल के लिए कोई नहीं है.

बताएं स्कूल फीस माफ हुई या नहीं

सुप्रीम कोर्ट ने कहा को एनसीपीसीआर के पास उपलब्ध डाटा के हिसाब से ऐसे बच्चों की शिक्षा को लेकर पीएम केयर फण्ड योजना के तहत बच्चों को कुछ धनराशि जारी की जा सकती है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राज्य यह देख सकते हैं कि स्कूलों ने फीस माफ की है या नहीं. अगर कई छात्रों के लिए ऐसा नहीं किया गया हो तो बताएं. सुप्रीम कोर्ट ने ASG ऐश्वर्या भाटी से दोपहर तक मामले में सरकार से जानकारी लेकर बताने को कहा. वहीं एमिकस क्यूरी गौरव अग्रवाल ने पीठ को बताया कि आंध्रप्रदेश में 326 बच्चे अनाथ हुए, वहीं 7110 बच्चों ने अपने माता पिता में से किसी एक को खोया है. एमिकस ने बताया कि राज्य सरकार की तरफ से माता पिता में किसी एक को खोने पर राज्य सरकार की तरफ से 500 रुपये हर महीने दिया जा रहा है, जिससे 4142 बच्चे लाभांवित हो रहे हैं.