AajTak : Aug 28, 2020, 08:31 AM
Delhi: भारत ने गुरुवार को आतंकवाद के मुद्दों पर पाकिस्तान के सभी झूठ और धोखे को एक बार फिर से उजागर कर दिया और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में उसके 'नकली' बयान को दुनिया के सामने रखा। यही नहीं पिछले एक हफ्ते में पाकिस्तान की ओर से 3 बड़े झूठ भी बोले गए। पिछले एक हफ्ते में पाकिस्तान की ओर से 3 बड़े झूठ बोले गए। पहला पाकिस्तान हमेशा से दाऊद इब्राहिम की अपने यहां मौजूदगी से इनकार करता रहा है, लेकिन पिछले दिनों पाक सरकार ने यूएनएससी द्वारा प्रतिबंधित आतंकवादियों और संगठनों पर आर्थिक प्रतिबंधों की सूची जारी तो उसमें दाऊद इब्राहिम का पता कराची शहर में दिया गया था।इसी तरह पुलवामा आतंकी हमले में एनआईए की ओर से दाखिल चार्जशीट को "निराधार" कहते हुए खारिज कर दिया। पाकिस्तान के विदेश कार्यालय के प्रवक्ता जाहिद हफीज चौधरी ने कहा कि भारत हमले के लिए कोई भी विश्वसनीय सबूत देने में नाकाम रहा है। इसके बजाय वह इस आतंकी हमले को पाकिस्तान के खिलाफ अपने प्रोपेगैंडा के लिए इस्तेमाल कर रहा है।तीसरा, झूठ पाकिस्तान का यूएनएससी के बारे में पकड़ा गया। पाकिस्तान के लिए एक बड़ी शर्मिंदगी तब हुई जब संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के अध्यक्ष ने मंगलवार को साफ किया कि 24 अगस्त को न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान मिशन द्वारा जारी बयान रिकॉर्ड पर नहीं जाएगा क्योंकि यह हाल ही में आयोजित UNSC सत्र में पाकिस्तानी दूत मुनीर अकरम द्वारा नहीं कहा गया था। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा कि UNSC की इस बैठक में ब्रीफिंग और चर्चा केवल सदस्यों तक ही सीमित थी। हमने अध्यक्षता कर रहे इंडोनेशिया से स्पष्टीकरण मांगा, जिसने अनौपचारिक रूप से हमसे पुष्टि की कि इस चर्चा में किसी भी गैर-सदस्य के बोलने की गुंजाइश नहीं थी।भारत ने अनौपचारिक रूप से इस बात पर स्पष्टीकरण मांगा कि क्या गैर-सदस्यों को ओपन डिबेट में आमंत्रित किया गया था जो सिर्फ सदस्यों (P5 + 10 गैर-स्थायी सदस्य) के लिए सीमित था। उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र में हमारे स्थायी मिशन ने स्पष्ट रूप से तथाकथित बयान में पाकिस्तान द्वारा लगाए गए सभी आरोपों को खारिज कर दिया है।
पाकिस्तान के पांच झूठ झूठ नंबर 1- हम दशकों से सीमापार आतंकवाद से प्रभावित हैं। एक झूठ को सौ बार दोहराए जाने से वह सच नहीं हो जाता। भारत के खिलाफ सीमापार आतंकवाद का सबसे बड़ा प्रायोजक अब खुद को भारत द्वारा आतंकवाद का शिकार होने का दावा करता है। पाकिस्तान संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रतिबंधित किए गए आतंकवादियों का सबसे बड़ा घर है। ज्यादातर प्रतिबंधित किए गए आतंकवादियों और संगठनों में से कई का पाकिस्तान के अंदर दबदबा जारी है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने 2019 में संयुक्त राष्ट्र महासभा में यह स्वीकार किया कि पाकिस्तान के अंदर 40,000 से 50,000 आतंकवादियों की उपस्थिति है।झूठ नंबर 2- पाकिस्तान की ओर से दावा किया जाता रहा है कि उसने अपने क्षेत्र से अलकायदा को हटा दिया है। लेकिन शायद, पाकिस्तान के स्थायी प्रतिनिधि को इस बात की जानकारी नहीं है कि ओसामा बिन लादेन आपके ही देश में छिपा हुआ था। अमेरिकी सेना को लादेन पाकिस्तान के अंदर मिला था। और न ही उन्होंने अपने प्रधानमंत्री (इमरान खान) को ओसामा बिन लादेन के बारे में 'शहीद' के रूप में सुना है। झूठ नंबर 3- हास्यास्पद रूप से पाकिस्तान ऐसा दावा करता है कि भारत ने उन्हें नुकसान पहुंचाने के लिए आतंकवादियों को भाड़े के सैनिकों के रूप में रखा है। एक ऐसे देश से आते हैं जो सीमापार आतंकवाद का एक बड़ा पोषक है जिसने दुनिया को अपनी हरकतों से परेशान किया है। यह दावा भी मूर्खतापूर्ण दावे से किसी तरह से कम नहीं है।झूठ नंबर 4- 1267 प्रतिबंधों की सूची में भारतीय हैं। 1267 प्रतिबंधों की सूची सार्वजनिक है, और पूरी दुनिया इसे देख सकती है कि इनमें से एक भी व्यक्ति शामिल नहीं है। 1267 समिति सबूतों के आधार पर काम करती है, न कि बेतरतीब आरोपों को पीछे अपना समय और ध्यान हटाने के लिए।झूठ नंबर 5- पाकिस्तान भारत के आंतरिक मामलों के बारे में हास्यास्पद रूप से बयान देता है। पाक एक ऐसा देश है जहां अल्पसंख्यकों की आबादी 1947 के बाद से काफी कम हो गई है, और आज यह 3 फीसदी से भी कम है। यह केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में भारत के संप्रभु कार्यों के बारे में झूठे आरोपों के अतिरिक्त है, जो लोगों के कल्याण के लिए है।
पहले भी झूठ बोलता रहा है पाकहालांकि यह पहली बार नहीं है जब पाकिस्तान किसी वैश्विक संगठन में फर्जी खबरें फैलाते हुए पकड़ा गया है। गाजा पट्टी की एक घायल लड़की की तस्वीर जिसका चेहरा कथित तौर पर रबर के छर्रों के साथ घायल था, को भुलाया नहीं गया है।संयुक्त राष्ट्र महासभा में पाकिस्तान की स्थायी प्रतिनिधि मलीहा लोधी ने 29 सितंबर को संयुक्त राष्ट्र महासभा सत्र के दौरान, उस तस्वीर को दुनिया के सामने रखा जिसमें दावा किया गया कि यह तस्वीर भारत में एक कश्मीरी युवक की है जिसे सुरक्षाबलों की ओर से हुई फायरिंग में गोली लगी है। लेकिन कुछ ही देर में पाकिस्तान का झूठ पकड़ा गया।पाकिस्तान की ओर से एक सत्र में भाषण दिए जाने का दावा भी झूठा निकला क्योंकि वहां उसे आमंत्रित ही नहीं किया गया था। यह दावा कई के लिए एक झटका जैसा था क्योंकि यूएनएससी की कार्यवाही को बहुत गंभीरता से लिया जाता है और किसी भी विश्वास का उल्लंघन या झूठे दावे को बेहद गंभीरता से लिया जाता है।
पाकिस्तान के पांच झूठ झूठ नंबर 1- हम दशकों से सीमापार आतंकवाद से प्रभावित हैं। एक झूठ को सौ बार दोहराए जाने से वह सच नहीं हो जाता। भारत के खिलाफ सीमापार आतंकवाद का सबसे बड़ा प्रायोजक अब खुद को भारत द्वारा आतंकवाद का शिकार होने का दावा करता है। पाकिस्तान संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रतिबंधित किए गए आतंकवादियों का सबसे बड़ा घर है। ज्यादातर प्रतिबंधित किए गए आतंकवादियों और संगठनों में से कई का पाकिस्तान के अंदर दबदबा जारी है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने 2019 में संयुक्त राष्ट्र महासभा में यह स्वीकार किया कि पाकिस्तान के अंदर 40,000 से 50,000 आतंकवादियों की उपस्थिति है।झूठ नंबर 2- पाकिस्तान की ओर से दावा किया जाता रहा है कि उसने अपने क्षेत्र से अलकायदा को हटा दिया है। लेकिन शायद, पाकिस्तान के स्थायी प्रतिनिधि को इस बात की जानकारी नहीं है कि ओसामा बिन लादेन आपके ही देश में छिपा हुआ था। अमेरिकी सेना को लादेन पाकिस्तान के अंदर मिला था। और न ही उन्होंने अपने प्रधानमंत्री (इमरान खान) को ओसामा बिन लादेन के बारे में 'शहीद' के रूप में सुना है। झूठ नंबर 3- हास्यास्पद रूप से पाकिस्तान ऐसा दावा करता है कि भारत ने उन्हें नुकसान पहुंचाने के लिए आतंकवादियों को भाड़े के सैनिकों के रूप में रखा है। एक ऐसे देश से आते हैं जो सीमापार आतंकवाद का एक बड़ा पोषक है जिसने दुनिया को अपनी हरकतों से परेशान किया है। यह दावा भी मूर्खतापूर्ण दावे से किसी तरह से कम नहीं है।झूठ नंबर 4- 1267 प्रतिबंधों की सूची में भारतीय हैं। 1267 प्रतिबंधों की सूची सार्वजनिक है, और पूरी दुनिया इसे देख सकती है कि इनमें से एक भी व्यक्ति शामिल नहीं है। 1267 समिति सबूतों के आधार पर काम करती है, न कि बेतरतीब आरोपों को पीछे अपना समय और ध्यान हटाने के लिए।झूठ नंबर 5- पाकिस्तान भारत के आंतरिक मामलों के बारे में हास्यास्पद रूप से बयान देता है। पाक एक ऐसा देश है जहां अल्पसंख्यकों की आबादी 1947 के बाद से काफी कम हो गई है, और आज यह 3 फीसदी से भी कम है। यह केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में भारत के संप्रभु कार्यों के बारे में झूठे आरोपों के अतिरिक्त है, जो लोगों के कल्याण के लिए है।
पहले भी झूठ बोलता रहा है पाकहालांकि यह पहली बार नहीं है जब पाकिस्तान किसी वैश्विक संगठन में फर्जी खबरें फैलाते हुए पकड़ा गया है। गाजा पट्टी की एक घायल लड़की की तस्वीर जिसका चेहरा कथित तौर पर रबर के छर्रों के साथ घायल था, को भुलाया नहीं गया है।संयुक्त राष्ट्र महासभा में पाकिस्तान की स्थायी प्रतिनिधि मलीहा लोधी ने 29 सितंबर को संयुक्त राष्ट्र महासभा सत्र के दौरान, उस तस्वीर को दुनिया के सामने रखा जिसमें दावा किया गया कि यह तस्वीर भारत में एक कश्मीरी युवक की है जिसे सुरक्षाबलों की ओर से हुई फायरिंग में गोली लगी है। लेकिन कुछ ही देर में पाकिस्तान का झूठ पकड़ा गया।पाकिस्तान की ओर से एक सत्र में भाषण दिए जाने का दावा भी झूठा निकला क्योंकि वहां उसे आमंत्रित ही नहीं किया गया था। यह दावा कई के लिए एक झटका जैसा था क्योंकि यूएनएससी की कार्यवाही को बहुत गंभीरता से लिया जाता है और किसी भी विश्वास का उल्लंघन या झूठे दावे को बेहद गंभीरता से लिया जाता है।