धन्यवाद प्रहलाद जी, सबको नमस्कार।
देश और विदेश में इस इवेंट में हिस्सा ले रहे सभी साथियों का बहुत-बहुत स्वागत है। इतने Challenging Time में इस तरह के इवेंट का होना, आप सभी का उसमें शामिल होना, अपने आप में एक बहुत बड़ी आशा जगाता है, विश्वास का बहुत बड़ा संदेश ले करके आता है।
भारत कोरोना से लड़ेगा भी और आगे जीतेगा भी, आगे बढ़ेगा भी। भारत इस बड़ी आपदा को, आपदा समझ करके रोते-बैठने के पक्ष का नहीं है। भारत आपदा कितनी ही बड़ी क्यों न हो, उसको अवसर में बदलने के लिए कृतसंकल्प है और हम सब मिल करके आपदा को अवसर में बदलेंगे। कोरोना के इस संकट ने भारत को आत्मनिर्भर भारत- Self Reliant होने का सबक भी दिया है।
आत्मनिर्भर भारत यानि भारत Import पर अपनी निर्भरता कम करेगा। आत्मनिर्भर भारत यानि भारत Import पर खर्च होने वाली लाखों करोड़ रुपए की विदेशी मुद्रा बचाएगा और देश के गरीबों के कल्याण के लिए काम में लाएगा। आत्मनिर्भर भारत यानि भारत को Import न करना पड़े, इसके लिए वो अपने ही देश में साधन और संसाधन विकसित करने की दिशा में लगातार प्रयास करेगा, आगे बढ़ेगा। आप पर मेरा जो भरोसा है उसके लिए कह रहा हूं, कि आज हम जो Import करते हैं, कल को उसी के सबसे बड़े Exporter बनेंगे।
साथियो, इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए ये बहुत आवश्यक है कि हम एक-एक सेक्टर को पकड़कर, एक-एक प्रॉडक्ट को पकड़कर, एक-एक सर्विस का ध्यान करते हुए Holistic तरीके से काम करें। एक-एक क्षेत्र को चुन करके उस क्षेत्र में भारत को आत्मनिर्भर बनाएं। आज का ये Event इसी सोच को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण initiative है, एक मजबूत कदम है।
आज Energy Sector में भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए, Self Reliant बनाने के लिए एक बहुत बड़ा कदम उठाया जा रहा है। ये कार्यक्रम सिर्फ Coal Mining से जुड़े, एक सेक्टर से जुड़े reforms को जमीन पर उतारने का ही है, ऐसा नहीं है बल्कि ये 130 करोड़ Aspirations को Realize करने का कमिटमेंट है। ये हमारे युवा साथियों के लिए रोजगार के लाखों अवसर तैयार करने की शुरुआत है।
साथियों, Self Relianceके संकल्प को सिद्ध करने के लिए जब पिछले महीने आत्मनिर्भर भारत अभियान की घोषणा हुई थी, तो कई लोगों को लगता था कि ये सामान्य सरकारी प्रक्रिया है। लेकिन महीने भर के भीतर ही, हर घोषणा,हर रिफॉर्म्स, चाहे वो Agriculture Sector में हो, चाहे MSMEs के सेक्टर में हो या फिर अब Coal और Mining के Sector में हो, हर क्षेत्र में एक साथ अनेक प्रकार के कदम उठाए जा रहे हैं, निर्णय किए जा रहे हैं, और निर्णयों को तेजी से जमीन पर उतारने के लिए हर कोई कोशिश कर रहा है।
ये दिखाता है कि भारत इस Crisis को Opportunity में बदलने के लिए कितना गंभीर है, कितना Committed है। आज हम सिर्फ Commercial Coal Mining के लिएAuction ही Launch नहीं कर रहे हैं, बल्कि Coal Sector को दशकों के लॉकडाउन से भी बाहर निकाल रहे हैं। कोल सेक्टर के लॉकडाउन का क्या प्रभाव रहा है,
ये मुझसे ज्यादा आप सब लोग बेहतर तरीके से जानते हैं। सोचिए, जो देश Coal Reserve के हिसाब से दुनिया का चौथा सबसे बड़ा देश हो, जो दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा Producer हो, वो देश Coal का Export नहीं करता बल्कि हमारा देश दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा Coal Importer हैं, कोल आयात करता है।
बड़ा सवाल ये है कि जब हम दुनिया के Largest Producers हैं, एक प्रकार से Largest Producers के जो main ग्रुप हैं, हम उनमें से एक हैं। अगर ये सच्चाई है तो हम Largest Exporter क्यों नहीं हो सकते? और ये हम सबको अपने-आप को पूछना है। और यही सवाल मेरे, आप सभी को और करोड़ों भारतीयों के मन में भी हमेशा उठता रहा है।
साथियों, हमारे यहां दशकों से यही स्थिति चल रही थी। देश के Coal Sector को Captive और Non-captive के जाल में उलझाकर रखा गया था। इसको Competition से बाहर रखा गया था, Transparency की एक बहुत बड़ी समस्या बार-बार सामने आई है। ईमानदारी से Auction को छोड़िए, कोयला खदानों के allotment में बड़े-बड़े घोटालों की चर्चा हर किसी ने सुनी है, हर समय हुई है, हर कोने में हुई है। इस वजह से देश के कोल सेक्टर में Investment भी कम होता था और उसकी Efficiency भी हमेशा सवालों के घेरे में रहती थी। कोयला निकलता किसी राज्य से था, जाता सैकड़ों किलोमीटर दूर किसी अन्य राज्य के power plant के लिए होता था। जबकि वह राज्य के power plants कोयले का इंतजार करते रह जाता थे। यानि काफी कुछ mismanage था, अस्त-व्यस्त था।
साथियों, साल 2014 के बाद इस स्थिति को बदलने के लिए एक के बाद एक कई कदम उठाए गए। जिस कोल लिंकेज की बात कोई सोच नहीं सकता था, वो हमने करके दिखाया। ऐसे कदमों के कारण Coal Sector को मजबूती भी मिली। आज बड़े-बड़े reforms को absorb करने की ताकत उसके अंदर आ रही है। अभी हाल में हमने वो रिफॉर्म्स किए, जिसकी चर्चा दशकों से चल रही थी। आप लोग भी कर रहे थे। जो अपने आपको Export competitor मानते हैं, वे भी कर रहे थे। अब भारत ने Coal और Mining के सेक्टर को competition के लिए, capital के लिए, Participation और Technology के लिए, पूरी तरह से खोलने का बहुत बड़ा फैसला लिया है। इसका भी ध्यान रखा गया है कि जो नए Players, Private Players माइनिंग के क्षेत्र में आएं, उन्हें Finance के कारण कोई दिक्कत न हो, उसका भी ध्यान रखा गया है ताकि नए लोगों को प्रोत्साहन मिले।।
साथियों, एक मजबूत Mining और Minerals सेक्टर के बिना Self Reliance संभव नहीं है। क्योंकि Minerals और Mining हमारी Economy के Important Pillars हैं। इन रिफॉर्म्स के बाद अब Coal Production, पूरा Coal Sector भी एक प्रकार से आत्मनिर्भर हो पाएगा। अब कोयले के लिए बाज़ार खुल गया है, जिस सेक्टर को जब जितनी जरूरत होगी वो खरीदेगा।
साथियों, जो Reforms हमने किए हैं, उसका लाभ सिर्फ कोल सेक्टर को ही नहीं, दूसरे अन्य सेक्टरों पर भी पड़ेगा। जब हम Coal Production बढ़ाते हैं तो Power Generation बढ़ने के साथ ही Steel, Aluminium, फर्टिलाइजर, सीमेंट जैसे तमाम दूसरे सेक्टर्स में Production और Processing पर भी Positive Impact होता है। सौभाग्य से हमारे यहां Coal, Iron, Bauxite, ऐसे कई मिनरल्स के Reserves एक दूसरे के बहुत नजदीक होते हैं, बहुत आसपास ही होते हैं एक प्रकार से परमात्मा ने जैसे एक कलस्टर बनाकर रखा हुआ है हमारे लिए। ऐसे में, हाल में ही Minerals को लेकर जो Reforms किए गए थे, वो Coal Mining Reforms के साथ जुड़ जाने से ये बाकी सेक्टर भी बहुत मजबूत हो गए हैं।
साथियों, Commercial Coal Mining के लिए आज जो ये Auction की शुरुआत हो रही है वो हर Stakeholders के लिए win-win Situation है। इंडस्ट्रीज को, आपको, अपने बिजनेस, अपने investment के लिए अब नए Resources मिलेंगे, नया मार्केट मिलेगा। इसके साथ ही, राज्य सरकारों को बेहतर Revenue मिलेगा, देश की एक बड़ी आबादी को रोज़गार मिलेगा। एक प्रकार से गरीबों की सेवा का काम कोयले से भी हो सकता है, इसका विश्वास पैदा होगा। यानि हर सेक्टर पर एक पॉजिटिव असर देखने को मिलेगा और मैं जो फील कर रहा हूं, इसके कारण हमारे देश के गरीब इलाकों के और गरीब लोगों के सबसे ज्यादा आर्शीवाद हम सबको मिलने वाले हैं।
साथियों, Coal Reforms करते समय इस बात का भी ध्यान रखा गया है कि Environment की रक्षा का भारत का commitment कहीं से भी कमजोर न पड़े। Coal से Gas बनाने के लिए अब बेहतर और आधुनिक टेक्नॉलॉजी का हम प्रयोग करना चाहते हैं और बेहतर टेकनॉलॉजी आ पाएगी, कोल गैसीफिकेशन जैसे कदमों से Environment की भी रक्षा होगी। कोयले से बनने वाली गैस का उपयोग Transport और Cooking के लिए हो पाएगा, यूरिया और स्टील Manufacturing से जुड़े उद्योगों को प्रमोट करेगा। हमने लक्ष्य रखा है कि साल 2030 तक, यानी कि इस दशक में करीब 100 मिलियन टन Coal को Gasify किया जाए। मुझे बताया गया है कि इसके लिए 4 प्रोजेक्ट्स की पहचान हो चुकी है और इन पर करीब-करीब 20 हज़ार करोड़ रुपए Invest किए जाएंगे।
साथियों, Coal Sector से जुड़े ये रिफॉर्म्स Eastern और Central India को, विशेषकर हमारी Tribal Belt को, Development का Pillar बनाने का भी एक बहुत बड़ा ज़रिया है। हमारे यहां, जहां कोयला है, जहां Minerals हैं, देश का वो हिस्सा Progress और Prosperity के मामले में उस स्तर पर नहीं पहुंच पाया है। देश का ये वो हिस्सा रहा है, जहां बड़ी संख्या में Aspirational Districts भी हैं। वो जिले जहां के लोग, विकास के लिए Aspire कर रहे हैं, लालायित हैं, कुछ कर गुजरने का इरादा रखते हैं, सामर्थ्य है, शक्ति है, सब कुछ है, लेकिन यही जिले विकास की दौड़ में बहुत पीछे रह गए थे। आप कल्पना कर सकते हैं, देश में 16 Aspirational Districts ऐसे हैं, जहां कोयले के बड़े-बड़े भंडार हैं।
लेकिन इनका लाभ वहां के लोगों को उतना नहीं हुआ, जितना होना चाहिए था। वहां के गरीबों का जितना भला होना चाहिए था, वो नहीं हुआ। यहां से बड़ी संख्या में हमारे साथी दूर-दूर अपने बूढ़े मां-बाप को छोड़ करे, अपने खेत-खलिहान को छोड़ करके यार-दोस्तों को छोड़ करेक बड़े शहरों में Employment के लिए Migration करते हैं।
ऐसी अनेक समस्याओं को कम करने और पूर्वी और मध्य भारत की एक बड़ी आबादी को उसके घर के पास ही बेहतर रोजगार के अवसर देने में, Commercial Mining की तरफ हम जो कदम उठा रहे हैं, वे एक इच्छित परिणाम लाएंगे और जब मैं इच्छित परिणाम की बात करता हूं, मुझे इन क्षेत्रों का विकास करना है। हमें वहां के गरीबों का भला करना है। हमें पहले उस इलाकों को आत्मनिर्भर बनाना है, वहां के हर परिवार को आत्मनिर्भर बनाना है, हर गरीब की जिंदगी में बदलाव लाना है।
आज जिन Coal Blocks का Auction हो रहा है, इनसे ही इस क्षेत्र में लाखों Jobs पैदा होने का अनुमान है। इतना ही नहीं, कोयला निकालने से लेकर Transportation तक को बेहतर बनाने के लिए जो आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किया जाएगा, उससे भी रोज़गार के अवसर बनेंगे, वहां रहने वालों को अधिक सुविधाएं मिलेंगी। अभी हाल ही में सरकार ने इस तरह के इंफ्रास्ट्रक्चर पर 50 हजार करोड़ रुपए खर्च करने का निर्णय लिया है।
साथियों, कोल सेक्टर में हो रहे रीफॉर्म, इस सेक्टर में हो रहा निवेश, लोगों के जीवन को, विशेषकर हमारे गरीब और आदिवासी भाई-बहनों के जीवन को आसान बनाने में बहुत बड़ी भूमिका निभाएगा। Coal Production से जो राज्यों को Extra Revenue मिलेगा, उसका इस्तेमाल वहां जन-कल्याण की योजनाओं में होगा, उस राज्य के विकास में होगा। इसके साथ ही राज्यों को District Minerals Fund, उससे भी बहुत मदद मिलने वाली है और ये मदद जारी रहेगी। इस फंड का बड़ा हिस्सा, Coal Mining के आसपास के इलाके में ज़रूरी सुविधाओं के विकास में लगाया जा रहा है। वहां के लोगों की जिंदगी ease of living, उनको जीने के लिए जूझना न पड़े, उन्हें सरकारों के साथ जद्दोजहद न करना पड़े। वो आत्मसम्मान से जिएं, वो आत्मनिर्भर हो करके जिएं यानि जहां संपदा है, वहां रहने वालों में संपन्नता भी हो, इस लक्ष्य को लेकर हम आगे बढ़ रहे हैं। आज उठाए जा रहे ये कदम, इस लक्ष्य को हासिल करने में बहुत मददगार सिद्ध होंगे।
साथियों, ये Auction ऐसे समय में हो रहे हैं, जब भारत में Business Activity तेज़ी से नॉर्मल हो रही है। Consumption और Demand बड़ी तेज़ी से Pre-covid Level की तरफ आगे बढ़ रहे हैं। ऐसे में इस नई शुरुआत के लिए इससे बेहतर समय हो ही नहीं सकता। Power Generation हो, Consumption हो, Petroleum Products की Demand हो, इनमें मई के आखिर और जून के पहले हफ्ते में तेज़ी से बढ़ोतरी हुई है। इसी तरह, अप्रैल की तुलना में E-way Bills, उसमें करीब 200 परसेंट का बड़ा उछाल देखने को मिला है। जून में Toll Collection भी,फरवरी के Collection का 70 परसेंट तक पहुंच चुका है। मई के महीने में Railway Freight Traffic में भी अप्रैल की तुलना में 26 परसेंट की Improvement दर्ज की गई है। अगर Total digital Retail Transactions, उसकी बात करें, तो उसके Volume और Value, दोनों में वृद्धि होनी शुरू हुई है।
साथियों, Rural Economy भी अपनी Speed पकड़ना शुरू कर रही है। इस बार खरीफ Crops का एरिया पिछले साल के मुकाबले 13 परसेंट से ज्यादा है। इस वर्ष गेहूं का Production और Procurement दोनों बढ़ा है। पिछले साल के मुकाबले अभी तक गेहूं का 11 परसेंट से ज्यादा Procurement किया जा चुका है।मतलब ये कि किसानों की जेब में भी इस बार ज्यादा पैसा पहुंचा है।ये जितने भी Indicators हैं, मैंने बहुत ज्यादा समय लिया नहीं कम दिखाए हैं, वो दिखा रहे हैं कि Indian Economy तेज़ी से Bounce Back करने के लिए तैयार हो गई है, आगे चल पड़ी है।
साथियों, भारत बड़े से बड़े संकटों से बाहर निकला है, इससे भी निकलेगा। हम भारतवासी अगर करोड़ों Consumer हैं तो ये न भूलें कि करोड़ों Producer भी हैं। भारत की Success, भारत की Growth निश्चित है। हम आत्मनिर्भर बन सकते हैं। आप याद करिए, सिर्फ कुछ सप्ताह पहले तक हम N-95 मास्क, कोरोना की टेस्टिंग किट, Personal Protective Equipment- PPE, वेंटिलेटर, अपनी जरूरत का ज्यादातर हिस्सा हम बाहर से मंगाते थे। अब भारत अपनी डिमांड को Make In India से ही पूरा कर रहा है। बल्कि, बहुत जल्द हम महत्वपूर्ण Medical Products के Exporter भी बनेंगे। आप अपना विश्वास, अपना हौसला बुलंद रखिए, हम सब मिल करे ये सपने साकार कर सकते हैं। हम आत्मनिर्भर बन सकते हैं और ये हम सबका संकल्प है, 130 करोड़ देशवासियों का संकल्प है। हमें आत्मनिर्भर भारत बनाना है और हम आत्मनिर्भर भारत बना सकते हैं।
Self Reliant India की जो Journey 130 करोड़ भारतीयों ने शुरु की है, आप भी उसके भागीदार हैं। आप नेतृत्व करने के लिए आगे आइए। जीवन में ऐसे मौके बहुत कम आते हैं जब कुछ कर-करके इतिहास को मोड़ देने का मौका आता है। आज भारत के उद्योग जगत को, आज भारत के व्यापारी जगत को, आज भारत के सर्विस सेक्टर के लोगों को heal करने के लिए इतिहास को बदलने का मौका आया है। इतिहास की दिशा बदलने का मौका आया है। भारत के भाग्य को बदलने का मौका आया है। हमें इस मौके को जाने नहीं देना है। हमें इस अवसर को छोड़ना नहीं है। आइए, भारत को आगे बढ़ाएं, भारत को आत्मनिर्भर भारत बनाएं।
साथियो, आज मुझे आपके बीच आने का मौका मिला। मामला तो कोयले का है, हीरे के सपने देख करके चलना है। एक बार फिर आप सभी को इस अहम शुरुआत के लिए, कोल सेक्टर के इस अहम पड़ाव के लिए मेरी तरफ से बहुत-बहुत शुभकामनाएं हैं! मैं विशेष रूप से मंत्री परिषद के मेरे साथी प्रहलाद जोशी जी को और उनकी टीम को बहुत बधाई देना चाहता हूं कि उन्होंने इस लॉकडाउन पीरियड का इतना उपयोग किया। पूरे डिपार्टमेंट की हर बारीकियों का अध्ययन किया। देश के लिए नया क्या कर सकते हैं, नए तरीके से क्या कर सकते हैं; उन्होंने एक बहुत बड़ी लीडरशिप दी है। मैं प्रहलाद जी को, उनके सचिव और उनकी टीम को आज बहुत बधाई देना चाहता हूं।
आपको लगता होगा कि आप एक छोटा सा कार्यक्रम कर रहे हैं। प्रहलाद जी मुझे नहीं लग रहा है, मैं तो देख रहा हूं कि आप आत्मनिर्भर भारत के लिए एक मजबूत नींव आज डाल रहे हैं। और इसलिए आप और आपकी टीम बहुत बधाई के पात्र हैं।
उद्योग जगत के जो साथी आज यहां मौजूद हैं, उनको मैं फिर से एक बार विश्वास दिलाना चाहता हूं, मैं आपके साथ हूं। देश हित के हर काम में आप दो कदम चलिए, मैं चार कदम चलने के लिए आपके साथ हूं। आइए हम मिल करके इस अवसर को जाने न दें।
फिर एक बार आप सबको बहुत-बहुत शुभकामनाएं।
बहुत-बहुत धन्यवाद।