Quad Summit 2024 / 'क्वाड किसी के खिलाफ नहीं', चीन को बिना नाम लिए PM मोदी ने दिया साफ संदेश

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि क्वाड किसी के खिलाफ नहीं है, बल्कि नियम आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था और संप्रभुता के सम्मान के पक्ष में है। शिखर सम्मेलन में उन्होंने स्वतंत्र, समावेशी और समृद्ध हिंद-प्रशांत की प्राथमिकता को रेखांकित किया। उन्होंने वैश्विक तनाव के बीच क्वाड की प्रासंगिकता और सहयोग को महत्वपूर्ण बताया।

Vikrant Shekhawat : Sep 22, 2024, 10:53 AM
Quad Summit 2024: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में आयोजित क्वाड शिखर सम्मेलन में स्पष्ट रूप से कहा कि "क्वाड किसी के खिलाफ नहीं है, बल्कि यह एक नियम आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था और संप्रभुता के सम्मान के समर्थन में है।" यह सम्मेलन अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के गृहनगर विलमिंगटन में आयोजित हुआ, जिसमें ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज और जापान के प्रधानमंत्री फुमिओ किशिदा भी शामिल हुए।

स्वतंत्र और समावेशी हिंद-प्रशांत की प्राथमिकता

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में एक "स्वतंत्र, खुला, समावेशी और समृद्ध हिंद-प्रशांत क्षेत्र" की आवश्यकता को प्रमुखता दी। उन्होंने कहा कि यह भारत की प्राथमिकता है और क्वाड देशों का साझा उद्देश्य भी है। हालांकि, प्रधानमंत्री ने किसी देश का नाम सीधे नहीं लिया, लेकिन उनका इशारा स्पष्ट रूप से चीन की ओर था। चीन, दक्षिण चीन सागर और पूर्वी चीन सागर में क्षेत्रीय विवादों में शामिल है और वहां अपनी संप्रभुता का दावा करता है। वहीं, वियतनाम, मलेशिया, फिलीपींस, ब्रुनेई और ताइवान भी दक्षिण चीन सागर पर अधिकार जताते हैं।

क्वाड: सहयोग और समर्थन की प्रतीक

प्रधानमंत्री मोदी ने क्वाड की भूमिका को स्पष्ट करते हुए कहा कि यह समूह "किसी के खिलाफ" नहीं है। इसके बजाय, यह एक सहयोग और समर्थन का मंच है, जिसका उद्देश्य नियम आधारित व्यवस्था का समर्थन करना और क्षेत्रीय अखंडता व संप्रभुता का सम्मान करना है। उन्होंने कहा, "क्वाड कायम रहेगा, सहायता करेगा, साझेदारी करेगा और पूरक बनेगा।" यह संदेश एक स्पष्ट संकेत था कि क्वाड अपनी वर्तमान और भविष्य की भूमिका में स्थिर और प्रभावशाली बना रहेगा।

चीन की ओर संकेत

प्रधानमंत्री का भाषण सीधा और स्पष्ट था, लेकिन उन्होंने किसी देश का नाम लेकर आलोचना नहीं की। हालांकि, उनका बयान स्पष्ट रूप से चीन की आक्रामक नीतियों की ओर संकेत करता था। दक्षिण चीन सागर में चीन की बढ़ती सैन्य गतिविधियाँ और क्षेत्रीय विवादों में उसकी आक्रामकता वैश्विक मंचों पर चिंता का विषय बन चुकी हैं। ऐसे में क्वाड जैसे मंचों का उद्देश्य क्षेत्र में स्थिरता और शांति को बनाए रखना है।

लोकतांत्रिक मूल्यों का समर्थन

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि "क्वाड का अपने लोकतांत्रिक मूल्यों के साथ मिलकर काम करना पूरी मानव जाति के लिए अहम है।" यह वक्तव्य उन देशों के बीच लोकतांत्रिक सिद्धांतों के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है, जो शांति और सहयोग को प्राथमिकता देते हैं। क्वाड का उद्देश्य न केवल आर्थिक और सामरिक हितों की रक्षा करना है, बल्कि वैश्विक स्थिरता और शांति के लिए काम करना भी है।

भविष्य के लिए क्वाड की भूमिका

शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी ने भविष्य के लिए क्वाड की महत्ता पर जोर दिया। उन्होंने स्वास्थ्य सुरक्षा, उभरती प्रौद्योगिकियाँ, जलवायु परिवर्तन और क्षमता निर्माण जैसे क्षेत्रों में किए गए सकारात्मक और समावेशी पहलों को रेखांकित किया। क्वाड नेताओं के इस समय एक साथ आना, जब दुनिया तनाव और संघर्षों से घिरी हुई है, एक महत्वपूर्ण संदेश देता है।

प्रधानमंत्री मोदी की इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य दुनिया को यह संदेश देना था कि क्वाड का उद्देश्य केवल रणनीतिक साझेदारी से आगे बढ़कर वैश्विक स्थिरता, सहयोग और लोकतांत्रिक मूल्यों का प्रसार करना है।