मन की बात / पीएम मोदी ने कहा, हमें देशवासियों के खून-पसीने से बनीं चीजों को इस्तेमाल को बढ़ावा देना चाहिए

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी साल 2019 में आज आखिरी बार मन की बात कार्यक्रम किया। मन की बात कार्यक्रम की शुरुआत उन्होंने युवाओं को बधाई देते हुए की। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि 2022 आजादी के 75 साल पूरे होंगे। इससे पहले हमें देशवासियों के खून-पसीने से बनीं चीजों को इस्तेमाल को बढ़ावा देना चाहिए। 2022 तक स्थानीय उत्पादों पर बल दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा इस कार्यक्रम के तहत 18 हजार लोगों को प्रशिक्षण दिया गया है।

News18 : Dec 29, 2019, 01:13 PM
नई दिल्ली | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) साल 2019 में आज आखिरी बार मन की बात (Mann ki Baat) कार्यक्रम किया। मन की बात कार्यक्रम की शुरुआत उन्होंने युवाओं को बधाई देते हुए की। उन्होंने कहा कि हमारी ये पीढ़ी बहुत की प्रतिभाशाली है। भारत के युवा हर दिन कुछ नया करना चाहते है। आज के युवा एक बेहतर सिस्टम पंसद करते हैं और अगर कोई सिस्टम सही से काम न करे तो वे बेचैन हो जाते हैं। मैं इसे अच्छा मानता हूं। नई पीढ़ी को अराजकता पसंद नहीं है। अव्यवस्था, अराजकता के प्रति उन्हें चिढ़ है। जातिवाद, परिवारवाद जैसी अव्यवस्था को वो पसंद नहीं करते हैं।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि स्वामी विवेकानंद जी कहते थे कि युवावस्था की कीमत को आंका नहीं जा सकता है। उन्होंने कहा, ' ये जीवन का सबसे मूल्यवान कालखंड होता है। आपका जीवन इस पर निर्भर करता है कि आप अपनी युवावस्था का उपयोग किस प्रकार करते हैं। उन्होंने कहा कि हम अलग अलग कॉलेजों में, यूनिवर्सिटीज में और स्कूल्स में पढ़ते तो हैं, लेकिन पढ़ने के बाद Alumni meet एक बहुत सुहाना अवसर है। इस अवसर पर सभी नौजवान पुरानी यादों में खो जाते हैं, इसका एक अलग ही आनंद है'।

उन्होंने कहा कि मुझे विश्वास है कि भारत में ये दशक न सिर्फ युवाओं के विकास के लिए होगा बल्कि युवाओं के सामर्थ्य से देश का विकास करने वाला भी साबित होगा। भारत को आधुनिक बनाने में युवा पीढ़ी की बहुत बड़ी भूमिका होने वाली है: पीएम मोदी

मैंने लाल किले से 15 अगस्त को देशवासियों को एक बात के लिए आग्रह किया था और मैंने कहा था कि हम देशवासी लोकल खरीदने का आग्रह रखें। आज फिर से एक बार मेरा सुझाव है, क्या हम स्थानीय स्तर पर बने उत्पादों को प्रोत्साहन दे सकते हैं? क्या अपनी खरीदारी में उन्हें प्राथमिकता दे सकते हैं? क्या हम लोकल प्रोडक्ट को अपनी प्रतिष्ठाा और शन से जोड़ सकते हैं।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि 2022 आजादी के 75 साल पूरे होंगे। इससे पहले हमें देशवासियों के खून-पसीने से बनीं चीजों को इस्तेमाल को बढ़ावा देना चाहिए। 2022 तक स्थानीय उत्पादों पर बल दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर के हिमायत प्रोग्राम स्किल डिवेलपमेंट से जुड़ा है। जिनकी पढ़ाई पूरी नहीं हो पाई। इस कार्यक्रम के तहत 18 हजार लोगों को प्रशिक्षण दिया गया है। हजारों नौकरी कर रहे हैं।