Vikrant Shekhawat : May 05, 2021, 07:55 AM
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने 4 मई, 2021 को यानी आज ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन (Boris Johnson) के साथ एक ऑनलाइन शिखर सम्मेलन (वर्चुअल समिट) आयोजित किया, जिसका मकसद दोनों देशों के बीच वैश्विक मुद्दों पर सहयोग बढ़ाने का एक महत्वपूर्ण अवसर प्रदान करना है. इसे लेकर पीएम मोदी ने ट्वीट कर कहा, “मेरे दोस्त यूके के पीएम बोरिस जॉनसन के साथ एक वर्चुअल समिट किया गया. हमने भारत-ब्रिटेन संबंधों और दोनों देशों के बीच सामरिक भागीदारी को आगे बढ़ाने के लिए एक महत्वाकांक्षी रोडमैप 2030 को अपनाया है”.पीएम मोदी ने अपने एक अन्य ट्वीट में कहा, “हमने साल 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को दोगुने से भी ज्यादा करने के लक्ष्य के साथ, व्यापक FTA के रोडमैप के रूप में एक उन्नत व्यापार साझेदारी के शुभारंभ का स्वागत किया. इसके आलावा, हम स्वास्थ्य, टेक्नोलॉजी, ऊर्जा आदि में कई नई पहलों पर भी सहमत हुए हैं. इसी के साथ, हमने COVID-19 महामारी पर चल रहे सहयोग पर भी चर्चा की और पेरिस COP-26 के लक्ष्यों को पूरा करने के लिए महत्वाकांक्षी जलवायु कार्रवाई के लिए अपनी प्रतिबद्धता को भी दोहराया.”10 साल का रोडमैप हुआ तैयार, और मजबूत होंगे संबंधवर्चुअल समिट के दौरान एक व्यापक रोडमैप 2030 (Roadmap 2030) लॉन्च किया गया, जो MEA के अनुसार अगले दस सालों में भारत-ब्रिटेन सहयोग को और ज्यादा बढ़ाने के साथ ही और गहरा करने का रास्ता मजबूत करेगा. यह रोडमैप लोगों के बीच संबंध, व्यापार, समृद्धि, रक्षा, सुरक्षा, जलवायु कार्रवाई और स्वास्थ्य सेवा को और बढ़ाएगा. इससे पहले, ब्रिटिश सरकार ने दोनों प्रधानमंत्री की बैठक की पुष्टि करते हुए कहा कि ब्रिटेन 1000 अतिरिक्त वेंटिलेटर भारतीयों अस्पतालों को देगा, ताकि कोरोना की गंभीर स्थिति से निपटने में मदद मिले सके. ये मदद पिछले हफ्ते 200 वेंटिलेटर, 495 ऑक्सीजन और तीन ऑक्सीजन जेनरेटर भेजने की घोषणा के अतिरिक्त होगी.कोरोना की वजह से किया गया वर्चुअल शिखर समिटदरअसल, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री को अप्रैल में भारत का दौरा करना था, लेकिन भारत में कोरोना महामारी के कारण उन्हें अपनी यात्रा रद्द करनी पड़ी. वहीं 26 जनवरी, 2021 को भारत के गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के तौर पर जनवरी में भारत का दौरा करना था. तब यूनाइटेड किंगडम (UK) में COVID-19 मामलों में एक प्रमुख स्पाइक के कारण उन्हें अपनी यात्रा रद्द करनी पड़ी. इसके बाद, दोनों नेताओं ने एक वर्चुअल शिखर सम्मेलन आयोजित करने का निर्णय लिया.