Rajasthan Elections / PM मोदी के राजेश पायलट का जिक्र से मचा बवाल- गहलोत बोले- गुर्जरों को भड़काने का कर रहे काम

राजस्थान विधानसभा चुनाव के मद्देनजर 25 नवंबर को वोटिंग होने वाली है। इससे पहले राजेश पायलट के जिक्र ने राज्य की राजनीति में भूचाल ला दिया है। दरअसल पीएम नरेंद्र मोदी भीलवाड़ा जिले के शाहपुरा ने चुनाव प्रचार कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि गांधी परिवार से अदावत लेने की सजा राजेश पायलट का बेटा आज भी भुगत रहा है। बता दें कि पीएम मोदी के इस बयान पर सचिन पायलट ने कहा कि पीएम मोदी का यह दावा तथ्यों के परे हैं।

Vikrant Shekhawat : Nov 23, 2023, 02:17 PM
Rajasthan Election: राजस्थान विधानसभा चुनाव के मद्देनजर 25 नवंबर को वोटिंग होने वाली है। इससे पहले राजेश पायलट के जिक्र ने राज्य की राजनीति में भूचाल ला दिया है। दरअसल पीएम नरेंद्र मोदी भीलवाड़ा जिले के शाहपुरा ने चुनाव प्रचार कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि गांधी परिवार से अदावत लेने की सजा राजेश पायलट का बेटा आज भी भुगत रहा है। बता दें कि पीएम मोदी के इस बयान पर सचिन पायलट ने कहा कि पीएम मोदी का यह दावा तथ्यों के परे हैं। उन्होंने कहा, कांग्रेस के नेताओं के बहाने पीएम मोदी गांधी परिवार पर हमला करने से नहीं चूकते हैं। पहले भी भाजपा के नेताओं द्वारा नरसिम्हा राव, जितेंद्र प्रसाद और सीताराम केसरी के साथ किए गए बर्ताव को लेकर हमला किया जा चुका है। 

राजेश पायलट के नाम से गरमाई राजनीति

पीएम मोदी के बयान पर राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। अशोक गहलोत ने इस बाबत बयान देते हुए कहा कि पीएम मोदी अपनी हार से इतना बौखला चुके हैं कि उन्होंने स्वर्गीय राजेश पायलट को चुनाव का मुद्दा बना दिया। वे (पीएम मोदी) गुर्जर समुदाय को भड़काने का प्रयास कर रहे हैं। गहलोत ने कहा, 'भाजपा के राज में ङी फायरिंग की 22 घटनाएं हुईं, जिसमें गुर्जर समाज के कई लोग मारे गए थे। भाजपा की सरकार तक चली गई और जब मैं मुख्यमंत्री बना तो उन्हें भाईचारे और प्यार से समझाया और उन्हें आरक्षण दिया। आज ये गुर्जर समाज के बारे में किस मुंह से बात कर रहे हैं।'

राजेश पायलट कौन थे?

सचिन पायलट के पिता राजेश पायलट की खासियत यह थी कि वे अपने पार्टी और सरकार के खिलाफ हमेशा खुलकर बोलते थे। राजीव गांधी और संजय गांधी के करीबी पायलट कई बार कांग्रेस हाईकमान को अपने तेवर दिखा दिया करते थे। हालांकि तमाम विवादों के बावजूद राजेश पायलट ने कांग्रेस पार्टी नहीं छोड़ी। साल 1980 में पहली बार उन्होंने भरतपुर से लोकसभा चुनाव लड़ा और जीतकर संसद पहुंचे। साल 1984 में दौसा से दूसरी बार वो सांसद बनें। उसके बाद जून 1991 में नरसिम्हा राव की सरकार में उन्हें आंतरिक सुरक्षा और संचार मंत्री बनाया गया।