Vikrant Shekhawat : Nov 18, 2024, 08:43 AM
Delhi Air Pollution: देश की राजधानी दिल्ली और उसके आसपास के इलाकों में वायु गुणवत्ता (AQI) बेहद खराब स्थिति में पहुंच गई है। सोमवार को दिल्ली का औसत AQI 481 दर्ज किया गया, जो 'गंभीर' श्रेणी में आता है। कई क्षेत्रों में AQI 490 के पार भी पहुंच गया, जो स्वास्थ्य के लिए अत्यंत खतरनाक है। नोएडा का AQI 384 और गुरुग्राम का AQI 468 रहा, जो प्रदूषण की गंभीरता को दर्शाता है। इस खराब हवा से दिल्ली-NCR में रहने वाले लोगों के स्वास्थ्य पर गंभीर खतरा मंडरा रहा है।
प्रदूषण नियंत्रण के लिए GRAP-4 लागू
वायु गुणवत्ता में गिरावट को देखते हुए, दिल्ली-NCR में ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) का चौथा चरण लागू कर दिया गया है। GRAP-4 उन परिस्थितियों में लागू किया जाता है जब AQI 'गंभीर' स्तर (400 से ऊपर) पर पहुंच जाता है। इसके तहत प्रमुख कदम उठाए गए हैं:- निर्माण और तोड़फोड़ के सभी कार्यों पर पूर्ण प्रतिबंध।
- निर्माण स्थलों से धूल रोकने के लिए कड़ी निगरानी।
- आवश्यक सेवाओं को छोड़कर अन्य वाहनों की संख्या में कटौती।
- सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा देने के लिए अतिरिक्त बसें और मेट्रो सेवाएं।
दिल्ली-NCR में कोहरे के चलते ऑरेंज अलर्ट
भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने दिल्ली और आसपास के इलाकों में घने कोहरे की संभावना जताते हुए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। कोहरे के कारण दृश्यता 200 मीटर तक गिरने का अनुमान है, जो सड़क, रेल और हवाई यातायात को बाधित कर सकता है। इसके अलावा, स्मॉग के कारण दिन के समय भी प्रदूषण का स्तर बढ़ सकता है।IMD ने लोगों को गाड़ी चलाते समय सावधानी बरतने और हवाई तथा रेलवे यात्रा की स्थिति के बारे में पहले से जानकारी लेने की सलाह दी है।दिल्ली के प्रमुख इलाकों में AQI का हाल
दिल्ली के कई क्षेत्रों में AQI बेहद खतरनाक स्तर पर है। यहां कुछ क्षेत्रों के AQI की स्थिति दी गई है:- आनंद विहार: 487
- अशोक विहार: 495
- बवाना: 495
- द्वारका: 499 (सबसे खराब)
- ITO: 467
- पंजाबी बाग: 493
प्रदूषण का प्रभाव और स्वास्थ्य संकट
दिल्ली-NCR में बढ़ते प्रदूषण का सीधा असर जनता के स्वास्थ्य पर पड़ रहा है। खासतौर पर बुजुर्ग, बच्चे और सांस या दिल की बीमारी से ग्रस्त लोग इससे अधिक प्रभावित हो रहे हैं। डॉक्टरों ने सलाह दी है कि लोग घर से बाहर निकलने से बचें, मास्क पहनें, और वायु शोधक उपकरणों का उपयोग करें।क्या करना चाहिए?
- निजी वाहनों के बजाय सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करें।
- निर्माण स्थलों पर कड़ी निगरानी रखें और धूल को कम करने के उपाय अपनाएं।
- पेड़ों की संख्या बढ़ाने और हरियाली को बढ़ावा देने पर जोर दिया जाए।
- प्रदूषण फैलाने वाले उद्योगों पर सख्त कार्रवाई की जाए।