President Election / राष्ट्रपति चुनाव में 2% वोट कहां से लाएगी BJP, इन दलों से होगी उम्मीद

ऐसे में भाजपा को 2.2 फीसदी के अंतर को खत्म करने के लिए विपक्षी खेमे में सेंध लगानी होगी और एकजुटता को कमजोर करना होगा। माना जा रहा है कि भाजपा ओडिशा की सत्ताधारी पार्टी बीजेडी और आंध्र प्रदेश की सरकार चला रही वाईएसआर कांग्रेस से मदद ले सकती है। इसके अलावा केसीआर की पार्टी टीआरएस से भी समर्थन मांग सकती है। हालांकि उन्होंने जिस तरह से भाजपा के खिलाफ देश भऱ में खेमेबंदी शुरू की है।

Vikrant Shekhawat : Jun 09, 2022, 05:54 PM
President Election News: राष्ट्रपति चुनाव के लिए निर्वाचन आयोग ने तारीख का ऐलान कर दिया है। 18 जुलाई को नए राष्ट्रपति के चयन के लिए मतदान होगा और जरूरी होने पर 21 जुलाई को गिनती की जाएगी। साफ है कि 21 जुलाई तक देश के नए राष्ट्रपति के नाम का ऐलान हो जाएगा। मौजूदा राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का कार्यकाल 24 जुलाई को समाप्त हो रहा है। देश के प्रथम नागरिक के चुनाव में यूं तो केंद्र की सत्ता पर काबिज भाजपा की मजबूत स्थिति है, लेकिन विपक्ष को साधने की भी उसे जरूरत पड़ेगी। इसकी वजह यह है कि भाजपा के पास कुल 48.9 फीसदी वोट है और विपक्ष के पास 51.1 फीसदी वोट है। 

ऐसे में भाजपा को 2.2 फीसदी के अंतर को खत्म करने के लिए विपक्षी खेमे में सेंध लगानी होगी और एकजुटता को कमजोर करना होगा। माना जा रहा है कि भाजपा ओडिशा की सत्ताधारी पार्टी बीजेडी और आंध्र प्रदेश की सरकार चला रही वाईएसआर कांग्रेस से मदद ले सकती है। इसके अलावा केसीआर की पार्टी टीआरएस से भी समर्थन मांग सकती है। हालांकि उन्होंने जिस तरह से भाजपा के खिलाफ देश भऱ में खेमेबंदी शुरू की है, उससे ऐसा नहीं लगता कि वह एनडीए उम्मीदवार का समर्थन करेंगे। ऐसे में राष्ट्रपति चुनाव में भले ही भाजपा मजबूत स्थिति में है, लेकिन दो फीसदी वोटों का गणित उसे सिरदर्द जरूर दे सकता है।

इन 5 राज्यों की सत्ता बेदखली ने दी भाजपा को टेंशन 

दरअसल 2017 के राष्ट्रपति चुनाव में एनडीए कैंडिडेट रहे रामनाथ कोविंद को 65 फीसदी के करीब वोट मिले थे। लेकिन तब से अब तक हालात बिगड़ गए हैं। तब भाजपा की सरकार महाराष्ट्र, तमिलनाडु, राजस्थान, छत्तीसगढ़, झारखंड में भी थी, लेकिन अब ऐसी स्थिति नहीं है। मध्य प्रदेश और कर्नाटक में भी हार गई थी, लेकिन बाद में जोड़तोड़ से उसे सरकार बनाने में मदद मिल गई थी। ऐसे में अब भाजपा को समर्थन जुटाने के लिए कुछ मशक्कत जरूर करनी होगी। हालांकि इसकी काट पार्टी की ओर से ऐसा चेहरा उताकर निकाली जा सकती है, जिसका विरोध करना ही विपक्ष के लिए मुश्किल हो जाए।

आदिवासी या मुस्लिम चेहरे पर दांव लगा सकती है भाजपा, नकवी पर भी कयास

कयास लगाए जा रहे हैं कि भाजपा की ओर से किसी आदिवासी महिला या फिर मुस्लिम उम्मीदवार को उतारा जा सकता है। आदिवासी महिला कैंडिडेट के लिए छत्तीसगढ़ की राज्यपाल अनुसुइया उइके और झारखंड की पूर्व राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू के नाम चल रहे हैं। उइके मध्य प्रदेश से हैं, मुर्मू ओडिशा के एक आदिवासी जिले मयूरभंज के रहने वाली हैं। इसके अलावा एक नाम पर तेजी से कयास लग रहे हैं, वह केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी का है। दरअसल मुख्तार अब्बास नकवी को भाजपा ने राज्यसभा चुनाव में नहीं उतारा है। इसके बाद उन्हें रामपुर के लोकसभा उपचुनाव में उतारने की चर्चा थी, लेकिन वह भी नहीं किया गया। ऐसे में अब चर्चा है कि उन्हें पार्टी राष्ट्रपति या फिर उपराष्ट्रपति बना सकती है।