देश / प्रियंका गांधी ने आर्थिक पैकेज को बताया हाथी का दांत, कहा-BJP सरकार ने अर्थव्यवस्था डुबो दी

कोरोना संकट के बीच जरी हुए पहली तिमाही के जीडीपी आंकड़ों को लेकर विपक्ष मोदी सरकार पर हमलावर है। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने आज अर्थव्यवस्था को लेकर सरकार को निशाने पर लिया है। प्रियंका गांधी ने कोरोना संकट के दौर में जारी पैकेज की तुलना हाथी के दांत से की है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने अर्थव्यवस्था को डुबा दिया।

ABP News : Sep 01, 2020, 11:09 AM
नई दिल्ली: कोरोना संकट के बीच जरी हुए पहली तिमाही के जीडीपी आंकड़ों को लेकर विपक्ष मोदी सरकार पर हमलावर है। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने आज अर्थव्यवस्था को लेकर सरकार को निशाने पर लिया है। प्रियंका गांधी ने कोरोना संकट के दौर में जारी पैकेज की तुलना हाथी के दांत से की है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने अर्थव्यवस्था को डुबा दिया।

प्रियंका गांधी ने ट्विटर पर लिखा, ''आज से 6 महीने पहले राहुल गांधी जी ने आर्थिक सुनामी आने की बात बोली थी। कोरोना संकट के दौरान हाथी के दांत दिखाने जैसा एक पैकेज घोषित हुआ। लेकिन आज हालत देखिए। जीडीपी @ -23.9% जीडीपी। भाजपा सरकार ने अर्थव्यवस्था को डुबा दिया।''

शत्रुघ्न सिन्हा बोले- इसे एक्ट ऑफ गॉड ना समझा जाए

नेता अभिनेता शत्रुघ्न सिन्हा ने भी जीडीपी को लेकर सरकार पर तंज कसा है। उन्होंने ट्विटर पर लिखा, ''जिस तरह हमने सकल घरेलू उत्पाद के 23 फीसदी गिरने की दिल तोड़ने वाली खबर सुनी। दुरभाग्य से यह 40 सालों में सबसे खराब गिरावट रही है। उम्मीद है और दुआ भी करता हूं कि इसे भी 'ईश्वर के कदम' का जिम्मेदार न ठहराया जाए।''

पहली तिमाही में जीडीपी गिरकर -23.9 फीसदी पर आई

कोविड-19 संकट के बीच देश की अर्थव्यवस्था में चालू वित्त वर्ष 2020-21 की अप्रैल-जून तिमाही में 23.9 प्रतिशत की भारी गिरावट आयी है। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय ने पहली तिमाही के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के आंकड़े आज जारी किए। इन आंकड़ों में जीडीपी में भारी गिरावट दिखी है। सकल घरेलू उत्पाद में इससे पिछले वर्ष 2019-20 की इसी तिमाही में 5.2 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी।

बता दें कि अलग-अलग रेटिंग एजेंसियों और इंडस्ट्री के जानकारों ने पहली तिमाही में जीडीपी में गिरावट आने के अनुमान दिए थे। इसकी साफ तौर पर वजह बताई गई कि कोरोना वायरस महामारी और उसको रोकने के लिये लगाए ‘लॉकडाउन’ के चलते औद्योगिक उत्पादन गिरा है, देश में सकल घरेलू उत्पाद में बेतहाशा कमी आई है और रोजगार के आंकड़ों में भी बड़ी गिरावट है।