Vikrant Shekhawat : Sep 04, 2019, 11:57 AM
जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि यातायात नियमों के उल्लंघन के विषय में केन्द्रीय मोटर वाहन अधिनियम में संशोधन के अनुरूप प्रस्तावित बढ़ी हुई प्रशमन राशि (कम्पाउंडिंग फीस) प्रदेश में शुरूआत में कम रखी जाएगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का प्रयास है कि आम जनता को यातायात नियमों के बारे में शिक्षित और जागरूक बनाकर सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाई जाए।
गहलोत मंगलवार को मुख्यमंत्री कार्यालय में मोटर वाहन अधिनियम में संशोधनों के विषय में एक उच्चस्तरीय बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। बैठक में अधिकारियों ने बताया कि राजस्थान नॉलेज कॉरपोरेशन तथा राजस्थान राज्य आजीविका विकास निगम में प्रशिक्षण लेने वाले और विद्यालयों में पढ़ने वाले करीब 7 लाख युवाओं को सड़क सुरक्षा एवं टै्रफिक नियमों के पालन के प्रति जागरूक करने के लिए लघु फिल्म एवं स्लाईड्स दिखाने जैसी पहल की जाएगी। इसके अलावा प्रदेश के समस्त उच्च प्राथमिक, माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालयों में रोड सेफ्टी की जानकारी देनी वाली पुस्तकें उपलब्ध कराई जाएंगी।
दस हजार लोग हर साल मरते हैं, इनमें से ज्यादातर युवा
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में सड़क दुर्घटनाओं में प्रतिवर्ष करीब 10 हजार व्यक्तियों की मृत्यु हो जाती है, जिसमें ज्यादातर युवा होते हैं। यह चिंता का विषय है और ऎसे में यह अत्यावश्यक है कि यातायात नियमों के उल्लंघन पर भारी जुर्माना लगाने से पहले आम लोगों को ट्रैफिक नियमों की पालना के बारे में शिक्षित एवं जागरूक किया जाए। इसके लिए राज्य सरकार नियमों और जुर्माना राशि के बारे में अधिकाधिक प्रचार-प्रसार करेगी और अपेक्षा की जाएगी कि वाहन चालक स्वयं सुरक्षित रहें और दूसरों को सुरक्षित रखें।
17 अपराधों में कम रखेंगे फीस
मुख्यमंत्री ने कहा कि मोटर वाहन अधिनियम में हुए संशोधन के अनुसार यातायात नियम में उल्लंघन से जुड़े जिन 33 अपराधों में बढ़ी हुई जुर्माना राशि प्रस्तावित की गई है, उनमें से शुरूआत में 17 अपराधों में व्यावहारिक दृष्टिकोण अपनाते हुए कम कम्पाउंडिंग फीस रखी जाएगी, ताकि आमजन स्वप्रेरणा से सड़क सुरक्षा नियमों की पालना करें। लेकिन गंभीर प्रकृति के 16 मामलों में फीस अधिनियम में वर्णित जुर्माना राशि के बराबर रखी जाएगी।यदि सड़क दुर्घटनाओं में कमी नहीं आई और प्रावधानित संशोधन के उदेश्य पूरे नहीं हुए, तो कम्पाउंडिंग फीस को अधिनियम के अनुरूप अधिकतम सीमा तक बढ़ाया जा सकता है। बैठक में परिवहन मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास, अतिरिक्त मुख्य सचिव परिवहन राजीव स्वरूप, परिवहन आयुक्त राजेश यादव सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।