Jansatta : Nov 17, 2019, 01:37 PM
केंद्र सरकार से पैसा नहीं मिलने पर राजस्थान सरकार ने प्रदेश के मदरसों की मदद के लिए 188 लाख रुपये भेजने की घोषणा की है। मालूम हो कि इससे पहले केंद्र सरकार की तरफ से राजस्थान के 3240 मदरसों को 9 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता मिलती थी।राजस्थान में भाजपा की सरकार के सत्ता से बाहर होने के बाद केंद्र की तरफ से मिलने वाली यह मदद बंद हो गई है। वित्तीय मदद नहीं मिलने के कारण कई मदरसे बंद होने की कगार पर पहुंच गए है। राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मदरसों की स्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुए इनके लिए आर्थिक मदद की घोषणा की।राजस्थान सरकार की तरफ से घोषित की गई इस रकम का प्रयोग मदरसों के संचालन और विकास कार्यों में किया जाएगा। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का कहना है कि केंद्र सरकार की तरफ स्कूल सुविधा अनुदान के तहत मदरसों को मिलने वाली राशि अभी जारी नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि वह केंद्र सरकार से सहायता राशि को जारी रखने का आग्रह करेंगे।उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार से पैसे में देरी की वजह से राज्य सरकार की तरफ से यह राशि दी जा रही है। सरकार का उद्देश्य है कि इन मदरसों के संचालन में किसी भी प्रकार की बाधा नहीं आए। उन्होंने कहा कि अगर भविष्य में भी मदरसों को सहायता राशि की जरूरत पड़ती है तो राज्य सरकार की तरफ से उन्हें यह राशि उपलब्ध कराई जाएगी।इस संबंध में राजस्थान के अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री सालेह मोहम्मद ने केंद्र सरकार पर तुष्टीकरण की नीति अपनाने का आरोप लगाया। सालेह मोहम्मद ने कहा कि सरकार की इस नीति का खामियाजा प्रदेश के मदरसों में पढ़ने वाले बच्चों को उठाना पड़ रहा है। उन्होंने मोदी सरकार के अल्पसंख्यकों के हितों में काम करने के दावे पर भी सवाल खड़े किए।मंत्री ने कहा कि राजस्थान के मदरसों को दी जाने वाली सहायता राशि रोककर केंद्र सरकार ने अपना असली चेहरा दिखा दिया है। सालेह मोहम्मद ने सूबे के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को संवेदनशील बताया। उन्होंने कहा कि सीएम की संवेदनशीलता की वजह से ही प्रदेश के मदरसों को नया जीवनदान मिली है।