जयपुर / राजस्थान में सामान्य से 48 फीसदी अधिक बारिश, पूरे मानसून का अपडेट, जानें कहां क्या स्थिति?

राजस्थान के 19 वर्षा मापक केन्द्रों पर अत्यधिक भारी वर्षा रिकार्ड की गई है। 66 जगहों पर अत्यधिक और 233 केन्द्रों पर सामान्य बारिश रिकार्ड हुई है। बीते चौबीस घंटों में राजस्थान के 48 बांधों पर चादर चलनी शुरू हुई है। प्रदेश के वृहद, मध्यम और छोटे बांधों में करीब 75 प्रतिशत पानी आ चुका है और बहुत तेज गति से पानी की आवक जारी है। जयपुर, अजमेर, टोंक को सप्लाई करने वाला बीसलपुर बांध भर चुका है।

Vikrant Shekhawat : Aug 17, 2019, 06:01 PM
प्रदेश में कई जगह बारिश का इंतजार भी है तो दक्षिणी राजस्थान में बाढ़ के हालात हैं। 17 अगस्त तक होने वाली सामान्यतया बारिश से 50 फीसदी अधिक बारिश प्रदेश में हुई है। मौसम विभाग का कहना है कि पूरे मानसून तक निर्धारित 530 एमएम के मुकाबले अब तक 534 एमएम बारिश राजस्थान में हो चुकी है।

राज्य / जानें जवाई बांध में कितने फीट गेज पर कितना पानी

राजस्थान के 19 वर्षा मापक केन्द्रों पर अत्यधिक भारी वर्षा रिकार्ड की गई है। 66 जगहों पर अत्यधिक और 233 केन्द्रों पर सामान्य बारिश रिकार्ड हुई है। बीते चौबीस घंटों में राजस्थान के 48 बांधों पर चादर चलनी शुरू हुई है। प्रदेश के वृहद, मध्यम और छोटे बांधों में करीब 75 प्रतिशत पानी आ चुका है और बहुत तेज गति से पानी की आवक जारी है। जयपुर, अजमेर, टोंक को सप्लाई करने वाला बीसलपुर बांध भर चुका है। वहीं पश्चिमी राजस्थान की जीवनरेखा माने जाने वाला जवाई बांध भी लगातार भर रहा है। भीलवाड़ा व जोधपुर में दो—दो व अलवर में वर्षाजनित हादसों में एक मौत का समाचार है। चम्बल नदी खतरे के निशान से काफी उपर बह रही है और पानी पुल को छूने से थोड़ा ही नीचे है। 

राजस्थान में इस बार मानसून की मेहरबानी कई जगह परेशानी का सबब बनकर आई है। कई जगह मेहबाबा का इंतजार है तो कई जगह बाढ़ की वजह से लोगों को जान भी गंवानी पड़ी है। बरसात का दौर जारी है। पिछले 24 घंटों में पाली, धौलपुर व अजमेर में बारिश का कहर देखने को मिला है। शनिवार सुबह आठ बजे तक पिछले 24 घंटों में राज्य में सबसे ज्यादा बरसात अजमेर में चार तो माउंट आबू में पांच इंच दर्ज की गई। अजमेर जिले में पिछले तीन दिन से जारी बारिश से जनजीवन अस्तव्यस्त हो गया है। भिनाय में कच्चे मकान ढह गए। पुष्कर में पुलिस और प्रशासन डूब क्षेत्र में होटलों को खाली करवा रहा है। तीन दिन से बरसात जारी रहने से सरोवर का जलस्तर 32 फुट हो गया है। खेतों में भी पानी भर गया है। यहां बारिश जारी रही तो बाढ़ के हालात बन जाएगी। धौलपुर में चंबल उफान पर है। यहां घेर, तिगरा हथियाखर, गमा, भमरोली, सहानपुर, घुरैया खेड़ा चंबल की बाढ़ से प्रभावित इन गांवों की करीब 700 बीघा बाजरे की फसल पानी में डूब गई है।

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राजधानी जयपुर में भी पिछले चार दिन से रुक-रुक कर बरसात का दौर जारी है। यहां शनिवार को भी रिमझिम बरसात होती रही। प्रदेश में अब तक सामान्य से 50 प्रतिशत अधिक बारिश हो चुकी है। मानसून की सर्वाधिक बारिश अजमेर में सामान्य से 84 फीसदी अब तक हो चुकी है और पाली में सामान्य से 77 प्रतिशत व राजसमंद में सामान्य से 74 फीसदी अधिक रिकार्ड की गई है। मौसम विभाग के अनुसार आज दिन तक प्रदेश में 365 एमएम के मुकाबले 534 एमएम बारिश हो चुकी है। जबकि पूरे मानसून जून से सितम्बर तक 530 बारिश औसतन होती है। 

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नागौर में सर्वाधिक बारिश

बीते चौबीस घंटों में सर्वाधिक बरसात नागौर में रिकार्ड की गई है। यहां के हरसौर में 180 एमएम बारिश रिकार्ड की गई है। परबतसर तहसील के ग्राम बस्सी में शुक्रवार दोपहर दो बजे से लगातार बारिश हो रही है। एनीकट भर गए है और नदियां उफान पर हैं। यहां से सरस्वती नदी की शुरुआत मानी जाती है। यह नदी 20 साल बाद चली है। राजस्थान के 11 जिले अजमेर, भीलवाड़ा, चित्तौड़गढ़, बूंदी, झुंझुनूं, सीकर, पाली, कोटा, राजसमंद, प्रतापगढ़, नागौर में सामान्य से 60 फीसदी से अधिक बारिश होने के चलते अति​वृष्टि के शिकार है। वहीं जैसलमेर, करौली, गंगानगर व हनुमानगढ़ में सामान्य से कम बारिश रिकार्ड अब तक हुई है।

अजमेर में हादसा

शहर में दरगाह की ओर आने वाली संपर्क सड़क पर पहाड़ का एक हिस्सा गिर जाने से रास्ता अवरुद्ध हो गया। बिजली का पोल और पानी की पाइप लाइन टूट गई है। नया बाजार में बादशाह बिल्डिंग के पास भी एक मकान गिरने के समाचार है।

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धौलपुर में चंबल उफान पर, कई गांवों का टूटा संपर्क

लगातार बारिश और कोटा बैराज से पानी छोड़े जाने के कारण चंबल उफान पर है। यहां चंबल खतरे की निशान से 10 मीटर ऊपर बह रही है। जिससे नदी किनारे के 20 गांवों का जिला एवं तहसील मुख्यालय से संपर्क टूट गया है। जिला मुख्यालय से कुछ किलोमीटर दूर कई गांव टापू बन चुके हैं। प्रशासन की ओर से अलर्ट जारी किया गया है, लेकिन सहायता के लिए कोई कदम नहीं उठाए गए हैं। यहां फसल पूरी तरह चौपट हो गई है।

यह रहेगी अगले 24 घंटे की स्थिति 

मौसम विभाग ने अगले 24 घंटों में पूर्वी राजस्थान के अजमेर, अलवर, जयपुर, झुंझुनूं, सीकर तथा पश्चिमी राजस्थान के बीकानेर, चूरू, हनुमानगढ़, जोधपुर, नागौर, पाली व श्रीगंगानगर में भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। अजमेर, बीकानेर व नागौर में भारी से भारी बारिश का रेड अलर्ट तो झुंझुनूं व सीकर में ऑरेंज अलर्ट है।

पिछले 24 घंटों में कहां कितने बरसे बादल

अजमेर में 104.5, भीलवाड़ा में 41.0, वनस्थली में 42.1, जयपुर में 20.1, पिलानी में 29.2, सीकर में 37.4, कोटा में 1.6, सवाईमाधोपुर में 41.0, चित्तौड़गढ़ में 17.0, डबोक में 15.1, बाड़मेर में 10.4, जोधुपर में 88.2, माउंट आबू में 137.4, फलौदी में 7.0, बीकानेर में 79.0, चूरू में 3.4 मिमी बारिश हुई।

बीसलपुर में 2020 तक का पानी आया

इस बीच अच्छी खबर है कि अजमेर, टोंक व जयपुर को पेयजल सप्लाई करने वाले बीसलपुर में पानी की आवक जारी है। बीसलपुर का गेज 314.14 आरएल मीटर हो गया है। इससे 2020 तक सिंचाई और पेयजल की समस्या नहीं होगी। बांध की भराव क्षमता 315.50 मीटर है। बांध पिछली बार 2016 में ओवरफ्लो हुआ था। बीसलपुर बांध में शनिवार दोपहर तक 314.50 आरएल मीटर लेवल तक भर गया है। यानि बांध केवल एक मीटर ही खाली है और त्रिवेणी पर बनास के साथ ही गंभीर, खाई व डाई नदियां 4 मीटर से ज्यादा स्तर पर बह रही है। ऐसे में रविवार दोपहर तक बांध के ओवरफ्लो होेने की संभावना जताई जा रही है। बनास नदी में पानी की अच्छी आवक को देखते हुए जलसंसाधन विभाग के इंजीनियर सतर्क हो गए है तथा टोंक व सवाई माधोपुर के जिला प्रशासन के साथ लगातार संपर्क में है। बीसलपुर बांध के ओवरफ्लो होने की संभावना के साथ ही बनास नदी के डाउन स्ट्रीम के बहाव क्षेत्र में अलर्ट जारी करवा दिया है। बांध के डाउन स्ट्रीम में बनास नदी तीन साल बाद बहेगी। ऐसे में नदी के आसपास रहने वाले लोगों व किसानों को सुरक्षित स्थानों पर जाने को कहा जा रहा है। इसके साथ ही नदी पर बने पुलिया व पुल की सुरक्षा जांच भी की जा रही है ताकि कोई हादसा नहींं हो। 

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यह है तापमान के हाल

लगातार बारिश से तापमान भी स्थिर बना हुआ है। शुक्रवार को दिन में सबसे अधिक तापमान गंगानगर में 37.5 डिग्री रहा। बीती रात भी राज्य में सबसे अधिक तापमान यहीं 27.4 डिग्री रहा। प्रदेश में बीती रात सबसे कम तापमान माउंटआबू में 17.0 डिग्री रहा।

जयपुर में मिटेगा जलसंकट

जयपुर शहर में रोजाना 4000 लाख लीटर पानी सप्लाई होता है। इसमें से 3000 लाख लीटर पानी बीसलपुर बांध व 1050 लाख लीटर पानी ट्यूबवेल से लिया जा रहा है। जयपुर, अजमेर व टोंक में बीसलपुर बांध से रोजाना करीब 6748 लाख लीटर की सप्लाई होती है। बांध के पूर्ण भरने (315.50 आरएल मीटर) पर 1095.40 एम.क्यूएम पानी रहता है। ऐसे में करीब दो साल तक बांध से पेयजल की सप्लाई हो सकेंगी। जयपुर शहर में 2009 से पेयजल सप्लाई की जा रही है। बीसलपुर बांध का निर्माण 1987 में शुरु किया गया था। इसके बाद 1994 में इस बांध से अजमेर शहर को पेयजल सप्लाई से जोड़ा गया था। बांध का पूर्ण निर्माण 1996 में कर लिया गया था। 

बीसलपुर बांध : एक दिन में आया 25 फीसदी पानी 

बीसलपुर बांध में शुक्रवार को केवल 24 घंटे में रिकॉर्ड 2 मीटर तक पानी की आवक हुई है। बांध में एक दिन में 25 फीसदी तक पानी आने का यह दूसरा रिकॉर्ड है। इससे पहले 2016 में भी एक ही दिन में इतना पानी आया था। अलवर के पास जातपुर गांव में बहने वाली रूपारेल नदी में शुक्रवार दोपहर 12वीं कक्षा का एक स्कूली छात्र बह गया। जिसका शव शनिवार सुबह करीब 8 बजे गोताखोरों द्वारा निकाला गया। करीब 18 घंटे बाद शव को बाहर मिकाला जा सका। जोधपुर के करवड़ थाना क्षेत्र के बासनीलांछा गांव में एक बेरे पर कृषक कार्य करने वाले दादा-पोते की शनिवार को पानी में डूबने से मौत हो गई। खेलते समय पानी में गिरे पोते को बचाने के लिए दादा ने भी पानी में छलांग लगा दी, लेकिन न तो वह उसे बचा पाया और न ही खुद को।  

पड़ोसी राज्य मध्यप्रदेश में स्थिति विकट

पड़ोसी राज्य मध्यप्रदेश में लगातार हो रही बारिश से नदी नालों में उफान आ गया है। करीब एक दर्जन बड़े बांधों के लबालब होने के बाद अतिरिक्त पानी की निकासी करने से कुछ स्थानों पर बाढ़ के हालात बने हुए हैं। इसी बीच आज भी मौसम विभाग ने कई स्थानों पर बारिश की आशंका जाहिर की है। श्योपुर जिले में बाढ़ की स्थिति का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि लोगों को जलभराव के बीच से शवयात्रा निकालनी पड़ी। कोटा बैराज से छोड़ा पानी: कोटा बैराज से छोड़े जा रहे पानी के चलते चंबल नदी का पानी 201 मीटर पर पहुंच गया है। यहां नदी का खतरे का निशान 199.50 मीटर पर है, यानी पानी खतरे के निशान से 1.5 मीटर यानी पांच फीट बढ़ गया है। चंबल नदी में उफान से द्वार नदी का जलस्तर भी बढ़ गया है। इससे पाली हाईवे पर स्थित चंदेली की पुलिया 4 फीट डूब गई, इससे श्योपुर से राजस्थान के सवाई-माधौपुर रुट भी बंद हो गया है। मुरैना जिले के आधा गांव बाढ़ की चपेट में हैं। बाढ़ की चपेट में फंसे लोगों को राहत एवं बचाव दल द्वारा सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है, वहीं लगभग एक दर्जन गांवों को चंबल के बढ़ते जलस्तर के कारण हाई अलर्ट कर दिया गया है। स्थानीय मौसम केंद्र के अनुसार उत्तर पूर्वी राजस्थान तथा उससे लगते उत्तर पश्चिमी मध्यप्रदेश पर कम दबाव का क्षेत्र बना हुआ है, जिससे आज भी नीमच, मंदसौर, रतलाम, आगरमालवा, शाजापुर, गुना, राजगढ़ और श्योपुर जिलों में कहीं कहीं भारी बारिश हो सकती है। मध्यप्रदेश में मौसम विभाग के मुताबिक शनिवार से प्रदेश में बारिश में कमी आ सकती है। 19 अगस्त तक धीरे-धीरे बादल छंट जाएंगे। हल्की धूप निकल सकती है। कुछ इलाकों में बूंदाबांदी या हल्की बारिश भी हो सकती है। लेकिन, बंगाल की खाड़ी में एक नया सिस्टम फिर एक्टिव हो रहा है। इसके प्रदेश में 20 अगस्त तक पहुंचने की संभावना है। इसके बाद प्रदेश में फिर से अच्छी बारिश के आसार हैं। 20 से 25 अगस्त के बीच प्रदेश कई जिलों में रुक-रुककर बारिश हो सकती है। हालांकि इस सिस्टम से मूसलाधार बारिश की संभावना नहीं है।