AajTak : Jun 02, 2020, 08:53 AM
दिल्ली: सेंट्रल मरीन फिशरीज इंस्टीट्यूट (CMFRI) के वैज्ञानिकों ने एक दुर्लभ मछली खोजी है। यह मछली अपना रंग तो बदलती ही है, ये बेहद जहरीली भी है। पहली बार किसी भारतीय जलस्रोत में ऐसी मछली खोजी गई है। इस मछली का नाम है स्कॉर्पियनफिश (Scorpionfish)। स्कॉर्पियनफिश का वैज्ञानिक नाम स्कॉर्पिनोस्पिसिस नेगलेक्टा है।
यह मछली शिकार करते समय और बचाव के समय अपना रंग बदल सकती है। साथ ही इसके रीढ़ की हड्डी में जहर भरा हुआ है। अगर इसे सावधानी से नहीं पकड़ा गया तो इसके जहर भारी नुकसान हो सकता है।
यह मछली शिकार करते समय और बचाव के समय अपना रंग बदल सकती है। साथ ही इसके रीढ़ की हड्डी में जहर भरा हुआ है। अगर इसे सावधानी से नहीं पकड़ा गया तो इसके जहर भारी नुकसान हो सकता है।
CMFRI researchers find rare scorpionfish during underwater exploration
— PIB in KERALA (@PIBTvpm) May 31, 2020
സിഎംഎഫ്ആർഐയിലെ ഗവേഷകർ ഇന്ത്യൻ തീരത്ത് നിന്നും അപൂർവയിനം ബാൻഡ് ടെയിൽ സ്കോർപിയോൺ മത്സ്യത്തെ കണ്ടെത്തി@CMFRI_Kochi @AgriGoI @icarindia @MIB_India @PIB_India #PIBKochi pic.twitter.com/1xxC0w2xa7
CMFRI के साइंटिस्ट्स डॉ। आर जेयाबास्करन ने कहा कि इस मछली की रीढ़ में पाया जाने वाला जहर न्यूरोटॉक्सिक होता है। अगर यह इंसान के शरीर में चला जाए तो भयानक दर्द होता है। हमें यह मछली समुद्री घास के रंग में बदली हुई मिली। मन्नार की खाड़ी में ऐसी मछली पहली बार मिली है। डॉ। जेयाबास्करन ने कहा कि पहली बार हमने देखा तो घास में छिपी थी। उसके बाद यह एक कोरल स्केलेटेन की तरह दिख रही थी। समझ में नहीं आ रहा था कि मछली है या फिर फॉसीलाइड्ड कोरल स्केलेटन। चार सेकंड के बाद ही मछली ने अपने शरीर का रंग बदलकर काला किया। तब समझ में आया कि यह दुर्लभ स्कॉर्पियनफिश है।डॉ। जेयबास्करन ने बताया कि यह रात में समुद्र में निकलकर अपना शिकार करती है। समुद्र की गहराई में अपने शिकार के करीब आने का इंतजार करती है। इसका सेंसरी ऑर्गन बहुत तेज है। जैसे ही शिकार करीब आता है ये बिजली की तेजी से झपट कर उसे खा जाती है। यह मछली 10 सेंटीमीटर दूर से छोटे-छोटे जीवों द्वारा छोड़ी गई तरंगों को पकड़ लेती है। इसकी पूंछ में ही ज्यादातर सेंसरी ऑर्गन होते हैं। साथ ही इसकी पूंछ पर काले धब्बे होते हैं, इसलिए कुछ लोग इसे बैंडटेल स्कॉर्पियनफिश कहते हैं। डॉ। आर। जेयाबास्करन ने बताया कि फिलहाल हमने इस मछली को नेशनल मरीन बायोडायवर्सिटी म्यूजियम में भेजा है ताकि इसके बारे में और अध्ययन किया जा सके। इस मछली के बारे में साइंटिफिक रिपोर्ट जर्नल करंट साइंस में प्रकाशित हुआ है।Providing yet another proof of the diversity of Indian #marine resources, ICAR-CMFRI has found rare #bandtail #scorpionfish that changes and carries neurotoxic venom in its spines off #Sethukarai coast in the #GulfofMannar pic.twitter.com/enKpG1tqqQ
— CMFRI -Central Marine Fisheries Research Institute (@CMFRI_Kochi) June 1, 2020