देश / आरबीआई ने लगातार 9वीं बार रेपो रेट को 4% के रिकॉर्ड निचले स्तर पर रखा बरकरार

आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने कोविड-19 के ओमीक्रॉन वैरिएंट की चिंताओं के बीच बुधवार को रेपो रेट को 4% के रिकॉर्ड निचले स्तर और रिवर्स रेपो रेट को 3.35% पर बरकरार रखा। अक्टूबर-2021 में हुई एमपीसी की पिछली बैठक में भी दरों में बदलाव नहीं हुआ था। लगातार 9वीं बार रेपो रेट में बदलाव नहीं किया गया है।

Vikrant Shekhawat : Dec 08, 2021, 11:08 AM
नई दिल्ली: कोराना वायरस के नए स्वरूप ‘ओमिक्रॉन’ की भयावह रूप के बीच भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की मौद्रिक समिति आज अपना फैसला सुना दिया है। आरबीआई बुधवार को लगातार नौवीं बार रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं करने का ऐलान किया है। रेपो रेट 4 फीसदी पर स्थिर है।  मॉनेटरी पॉलिसी कमिटी के 6 सदस्यों में से 5 से पॉलिसी रेट को मौजूदा लेवल पर बनाए रखने का समर्थन किया था। इसका मतलब ये हुआ कि आपकी बैंक की ईएमआई नहीं घटेगी। दरअसल, रेपो रेट में कटौती के बाद बैंकों पर ब्याज दर कम करने का दबाव होता है। बैंक ब्याज दर में कटौती करते हैं तो ईएमआई भी कम हो जाती है।

पेट्रोल-डीजल पर क्या कहा दास ने?

दास ने कहा कि रिजर्व बैंक वृद्धि दर को पटरी पर लाने और उसे सतत आधार पर बनाये रखने के लिए उदार रुख बरकरार रखेगा। आरबीआई बैंकों को विदेशी शाखाओं में पूंजी डालने की अनुमति देगा, उनकी पूर्व अनुमति के बिना लाभ प्रत्यावर्तित करेगा। कच्चे तेल की कीमत नवंबर में नरम हुई, इससे घरेलू बाजार में लागत के स्तर पर दबाव कम होगा। वहीं, उन्होंने उम्मीद जताई कि पेट्रोल, डीजल के मूल्यों पर टैक्स की दरें कम होने से खपत मांग को मदद मिलनी चाहिए।

भारतीय अर्थव्यवस्था सबसे बड़ी गिरावट से बाहर आई

भारतीय अर्थव्यवस्था को लेकर उन्होंने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था सबसे बड़ी गिरावट से बाहर आ गयी है, हम कोविड-19 महामारी से निपटने के लिए बेहतर रूप से तैयार हैं। गवर्नर दास का कहना है कि वैश्विक स्तर पर अर्थव्यवस्थाएं खुल रही हैं, गतिविधियों का स्तर महामारी पूर्व स्तर पर पहुंच रहा है। उन्होंने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था दूसरे देशों की तुलना में सुधार के मार्ग पर तीव्रता से बढ़ रही है लेकिन वैश्विक स्तर पर होने वाले घटनाक्रमों से बच नहीं सकती है।

2021-22 में रियल जीडीपी ग्रोथ का अनुमान 9.5%

भारतीय रिज़र्व बैंक(RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि 2021-22 में रियल जीडीपी ग्रोथ का अनुमान 9.5% पर बनाए रखा गया है। RBI ने हालांकि फिस्कल ईयर 2022 की तीसरी तिमाही के लिए GDP ग्रोथ का अनुमान पहले के 6.8 फीसद से घटाकर 6.6 फीसद कर दिया है. इसके साथ ही फिस्कल ईयर 2022 की चौथी तिमाही के लिए GDP का अनुमान 6.1 फीसद से घटाकर 6 फीसद कर दिया है।

खास बातें

महंगाई को लेकर दास ने कहा कि आरबीआई ने 2021-22 में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक यानी सीपीआई मुद्रास्फीति अनुमान 5.3% पर बरकरार रखा

भारतीय रिज़र्व बैंक(RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि 2021-22 में रियल जीडीपी ग्रोथ का अनुमान 9.5% पर बनाए रखा गया है।

आरबीआई गवर्नर दास का कहना है कि केंद्रीय बैंक वित्तीय स्थिरता बनाए रखने के लिए तरलता का प्रबंधन जारी रखेगा।

भारतीय रिज़र्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा है कि  रेपो रेट बिना किसी बदलाव के साथ 4% रहेगा।

रिवर्स रेपो रेट भी बिना किसी बदलाव के साथ 3.35% रहेगा। मार्जिनल स्टैंडिंग फैसिलिटी(MSF) रेट और बैंक रेट बिना किसी बदलाव के साथ 4.25% रहेगा। 

रिजर्व बैंक गवर्नर ने कहा कि टिकाऊ आधार पर महंगाई दर में कमी लाने के लिए पेट्रोल, डीजल पर उत्पाद शुल्क में कटौती का फैसला किया गया।

गवर्नर दास ने मौद्रिक नीति की घोषणा करते हुए कहा कि प्राइस स्टेबिलिटी आरबीआई का प्रमुख सिद्धांत है क्योंकि यह विकास, स्थिरता को बढ़ावा देता है।

लगातार 9वीं बैठक में रेपो रेट को 4 फीसदी पर स्थिर रखने का फैसला

ऐसे में अब रिजर्व बैंक की ओर से रेपो रेट में बदलाव नहीं करने का सीधा मतलब ये हुआ कि बैंक लोन की ब्याज दर में कटौती नहीं करेंगे। आपको बता दें कि आरबीआई ने लगातार 9वीं बैठक में रेपो रेट को 4 फीसदी पर स्थिर रखने का फैसला लिया है। आरबीआई ने मांग बढ़ाने के इरादे से 22 मई, 2020 को नीतिगत दर में बदलाव किया था और इसे रिकार्ड न्यूनतम स्तर पर लाया था। वहीं, रिवर्स रेपो रेट 3.35 फीसदी पर है।