Sushant Case / आखिरकार रात डेढ़ बजे घर पहुंचीं रिया चक्रवर्ती, जानिए कितने दिन रही जेल में...

सुशांत सिंह राजपूत मौत मामले की जांच में सामने आए ड्रग्स मामले में गिरफ्तार रिया चक्रवर्ती को बॉम्बे हाई कोर्ट में जमानत दे दी है। वह जेल से रिहा होने के बाद राल डेढ़ बजे अपने घर पहुंची। रिया ने जेल में 28 दिन गुजारे हैं। जमानत देते हुए अदालत ने कहा कि जैसा एनसीबी ने आरोप लगाया था, रिया किसी ड्रग माफिया का हिस्सा नहीं हैं। उसने कथित रूप से अपने खरीदे हुए मादक पदार्थ को धन या किसी अन्य लाभ के लिए किसी और को नहीं दिया।

Vikrant Shekhawat : Oct 08, 2020, 09:01 AM
Sushant Case: सुशांत सिंह राजपूत मौत मामले की जांच में सामने आए ड्रग्स मामले में गिरफ्तार रिया चक्रवर्ती को बॉम्बे हाई कोर्ट में जमानत दे दी है। वह जेल से रिहा होने के बाद राल डेढ़ बजे अपने घर पहुंची। रिया ने जेल में 28 दिन गुजारे हैं। जमानत देते हुए अदालत ने कहा कि जैसा एनसीबी ने आरोप लगाया था, रिया किसी ड्रग माफिया का हिस्सा नहीं हैं।

इसके साथ ही अदालत ने एनसीबी की उस दलील को भी खारिज कर दिया कि प्रसिद्ध लोगों या लोकप्रिय हस्तियों के साथ कठोर बर्ताव होना चाहिए ताकि उदाहरण पेश किया जा सके। अदालत ने कहा कि कानून के समक्ष सभी बराबर हैं। अदालत ने कहा, ‘‘वह ड्रग डीलर्स का हिस्सा नहीं हैं। उसने कथित रूप से अपने खरीदे हुए मादक पदार्थ को धन या किसी अन्य लाभ के लिए किसी और को नहीं दिया।’’

शाम करीब साढ़े पांच बजे वह पुलिस बल की मौजूदगी में बायकुला महिला जेल से बाहर निकली। न्यायमूर्ति सारंग कोतवाल की पीठ ने राजपूत के सहयोगी दीपेश सावंत और सैमुअल मिरांडा को भी जमानत दे दी, लेकिन रिया के भाई एवं मामले में आरोपी शौविक चक्रवर्ती की जमानत याचिका खारिज कर दी। अदालत ने कथित मादक पदार्थ तस्कर अब्देल बासित परिहार की याचिका भी खारिज कर दी। रिया यहां बायकुला महिला जेल में बंद थी।

अदालत ने यह भी कहा कि रिया या सुशांत के आवासों से कोई मादक पदार्थ बरामद नहीं हुआ है। पीठ ने कहा, ‘‘यह उनका (एनसीबी) का अपना विचार है कि चूंकि मादक पदार्थ का सेवन कर लिया गया था, इसलिए कोई बरामदगी नहीं हुई है। ऐसे में, फिलहाल इस मामले में यह साबित करने के लिए कोई साक्ष्य नहीं है कि आवेदक (रिया) ने मादक पदार्थों की व्यावसायिक मात्रा को लेकर कोई अपराध किया है।’’

जमानत की शर्तों के तहत अभिनेत्री को 10 दिन तक मुंबई पुलिस के समक्ष और अगले छह महीने के दौरान हर माह में एक दिन स्वापक नियंत्रण ब्यूरो (एनसीबी) के समक्ष हाजिरी देनी होगी। उच्च न्यायालय ने एक लाख रुपये का निजी मुचलका जमा कराने और सबूतों से छेड़छाड़ नहीं करने की भी हिदायत दी।