Vikrant Shekhawat : Oct 03, 2023, 12:15 PM
Bihar Caste Census: सुप्रीम कोर्ट में आजबिहार जातिगत जनगणना के आंकड़े जारी होने का मामला उठा. राज्य सरकार की ओर से आंकड़े जारी करने पर याचिकाकर्ता ने आज सुप्रीम कोर्ट में इस मामले को उठाया. याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि बिहार सरकार ने जातिगत जनगणना के आंकड़े सार्वजनिक कर दिए हैं. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा वह अभी मामले में कोई टिप्पणी नहीं करेगा. 6 अक्टूबर को मामला सुनवाई के लिए लगा है, उसी समय सुनेंगे.
सुप्रीम कोर्ट ने नहीं दिया था रोक का आदेशयह याचिका गैर-सरकारी संगठनों ‘यूथ फॉर इक्वेलिटी’ और ‘एक सोच एक प्रयास’ की है. पहले सुनवाई में बिहार सरकार ने डेटा सार्वजनिक नहीं करने का आश्वासन दिया था. इसी के चलते सुप्रीम कोर्ट ने रोक का आदेश नहीं दिया था, जबकि याचिकाकर्ता की ओर से डेटा रिलीज करने पर रोक लगाने की मांग की गई थी.राज्य में OBC- ECB की हिस्सेदारी 63 फीसदीबता दें कि कल बिहार की नीतीश कुमार सरकार ने राज्य के जातिगत जनगणना के आंकड़े जारी कर दिए थे. इसमें बताया गया है कि राज्य में किस जाति और धर्म की आबादी की कितनी संख्या है. आंकड़ों के मुताबिक राज्य की जनसंख्या 13 करोड़ से ज्यादा है. कुल आबादी में अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) और अत्यंत पिछड़ा वर्ग (ECB) की हिस्सेदारी 63 फीसदी है. सामाजिक वर्ग ईबीसी की आबादी 36 फीसदी और ओबीसी की 27.13 फीसदी है.2020 में विधानसभा से पास हुआ था प्रस्तावगौरतलब है कि नीतीश सरकार ने 27 फरवरी साल 2020 में जातिगत जनगणना कराने का प्रस्ताव विधानसभा से पास कराया था. सरकार के इस फैसले को पटना हाई कोर्ट में चुनौती दी गई और कहा गया कि राज्य सरकार को जनगणना कराने का कोई अधिकार नहीं है. हाई कोर्ट ने पहले तो जनगणना पर रोक लगा दी थी, लेकिन बाद में सुप्रीम कोर्ट के दखल के बाद हाई कोर्ट ने सुनवाई कर इसपर से रोक हटा ली. अब मामला फिर से सुप्रीम कोर्ट में है.Caste Census in Bihar | Supreme Court says it will take up the matter on October 6. Petitioner's lawyer mentions before Supreme Court that the Bihar Government has published caste survey data. pic.twitter.com/8MJysRmKSP
— ANI (@ANI) October 3, 2023