AajTak : Jul 22, 2020, 03:46 PM
Covid19: मुंह में लाल रैशेज जैसे धब्बेनुमा निशान भी कोरोना वायरस के लक्षण हो सकते हैं। स्पेन में की गई स्टडी में इस बात के संकेत मिले हैं। मैड्रिड के रिसर्चर्स ने ऐसे 21 मरीजों की जांच की जिनके शरीर पर रैशेज हो गए थे।
JAMA Dermatology में प्रकाशित स्टडी के मुताबिक, एक तिहाई मरीज Enanthem से पीड़ित मिले। आमतौर पर इस बीमारी में मरीज के मुंह में चकत्ते जैसे निशान हो जाते हैं। हालांकि, ये पहली बार नहीं है जब कोरोना मरीजों में स्किन रैशेज मिलने की बात सामने आई है। इससे पहले इटली के मरीजों में भी ऐसे लक्षण दिखे थे।रिसर्चर्स को यह भी पता चला कि जिन कोरोना मरीजों के हाथ और पैर पर रैशेज हुए हैं, उनमें से एक तिहाई लोगों के मुंह के ऊपरी हिस्से में भी निशान हो गए हैं।स्टडी के मुताबिक, पहली बार शरीर में कोरोना का कोई लक्षण दिखने के करीब 12 या 14 दिन बाद मरीज के मुंह में धब्बेनुमा निशान मौजूद होते हैं। मैड्रिड के रैमन वाई कैजल यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल की टीम का कहना है कि डॉक्टरों को कोरोना मरीजों के मुंह की भी जांच करनी चाहिए ताकि पता लगाया जा सके कि उनमें ये लक्षण हैं या नहीं।रिसर्चर्स का कहना है कि कई बार सुरक्षा कारणों से भी कोरोना मरीजों के मुंह की जांच नहीं की जाती रही है क्योंकि इससे वे अन्य लोगों को संक्रमित कर सकते हैं। बता दें कि WHO ने कोरोना के प्रमुख लक्षणों में फीवर, सूखा कफ और थकावट महसूस करने को शामिल किया है। वहीं, अन्य लक्षणों में शरीर में दर्द, नाक जाम होने, सिर दर्द, कन्जंक्टिवाइटिस, गला खराब होने, डायरिया, गंध व स्वाद पहचानने की शक्ति में कमी, स्किन रैश, अंगुलियों के रंग बदलने को शामिल किया गया है।
JAMA Dermatology में प्रकाशित स्टडी के मुताबिक, एक तिहाई मरीज Enanthem से पीड़ित मिले। आमतौर पर इस बीमारी में मरीज के मुंह में चकत्ते जैसे निशान हो जाते हैं। हालांकि, ये पहली बार नहीं है जब कोरोना मरीजों में स्किन रैशेज मिलने की बात सामने आई है। इससे पहले इटली के मरीजों में भी ऐसे लक्षण दिखे थे।रिसर्चर्स को यह भी पता चला कि जिन कोरोना मरीजों के हाथ और पैर पर रैशेज हुए हैं, उनमें से एक तिहाई लोगों के मुंह के ऊपरी हिस्से में भी निशान हो गए हैं।स्टडी के मुताबिक, पहली बार शरीर में कोरोना का कोई लक्षण दिखने के करीब 12 या 14 दिन बाद मरीज के मुंह में धब्बेनुमा निशान मौजूद होते हैं। मैड्रिड के रैमन वाई कैजल यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल की टीम का कहना है कि डॉक्टरों को कोरोना मरीजों के मुंह की भी जांच करनी चाहिए ताकि पता लगाया जा सके कि उनमें ये लक्षण हैं या नहीं।रिसर्चर्स का कहना है कि कई बार सुरक्षा कारणों से भी कोरोना मरीजों के मुंह की जांच नहीं की जाती रही है क्योंकि इससे वे अन्य लोगों को संक्रमित कर सकते हैं। बता दें कि WHO ने कोरोना के प्रमुख लक्षणों में फीवर, सूखा कफ और थकावट महसूस करने को शामिल किया है। वहीं, अन्य लक्षणों में शरीर में दर्द, नाक जाम होने, सिर दर्द, कन्जंक्टिवाइटिस, गला खराब होने, डायरिया, गंध व स्वाद पहचानने की शक्ति में कमी, स्किन रैश, अंगुलियों के रंग बदलने को शामिल किया गया है।