AMAR UJALA : Sep 27, 2019, 11:34 AM
न्यूयॉर्क में भारतीय विदेश मंत्री जयशंकर बुधवार को यहां थिंक टैंक ‘काउंसिल ऑन फॉरेन रिलेशंस’ के एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान विदेश मंत्री ने भारत-पाकिस्तान के बीच क्रिकेट संबंधों पर भी अपनी राय रखीं।जयशंकर ने पाकिस्तान के साथ क्रिकेट रिश्तों को फिर शुरू करने की किसी भी कोशिश का विरोध किया। दरअसल, भारतीय विदेश मंत्री दोनों देशों ने साथ में क्रिकेट खेलना क्यों बंद कर दिया। इस सवाल का जवाब दे रहे थे।जयशंकर की माने तो यह संभव नहीं है कि पाकिस्तान आतंकवाद का समर्थन करता रहे और भारत उसके साथ क्रिकेट खेलने को राजी हो जाए। उन्होंने उरी, पठानकोट और पुलवामा का हवाला देते हुए कहा, ‘यदि किसी संबंध पर आतंकवाद, आत्मघाती हमले, हिंसा का विमर्श हावी हो और फिर आप कहें, ‘अच्छा चलिए, अब साथ में चाय पीते हैं, चलो क्रिकेट खेलते हैं। लोगों को बताने के लिहाज से यह बहुत ही कठिन बात होगी।’जयशंकर ने जोर देकर कहा कि भारत और पाकिस्तान का इतिहास कोई सामान्य इतिहास नहीं है। उन्होंने कहा, ‘किसी लोकतंत्र में जनभावना महत्व रखती है। और एक संदेश मैं नहीं देना चाहता हूं कि आप रात में आतंकवाद करते हैं और दिन में यह सामान्य दिनचर्या है और बदकिस्मती से यही संदेश होगा जो हम देंगे अगर हम भारत और पाकिस्तान के बीच क्रिकेट मैच की इजाजत देंगे।’याद हो कि भारत और पाकिस्तान के बीच आखिरी द्विपक्षीय क्रिकेट सीरीज 2012 में खेली गई थी, हालांकि, दोनों देश आईसीसी (इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल) या एसीसी (एशियन क्रिकेट काउंसिल) के टूर्नामेंट में एकदूसरे का सामना करते रहे हैं। आखिरी बार ये चिर प्रतिद्वंद्वी देश विश्व कप 2019 में टकराए थे, जहां हमेशा की तरह पाकिस्तान को भारत से मुंह की खानी पड़ी थी।