Donald Trump News: डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर बड़ा दावा करते हुए कहा है कि अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडेन ने भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सत्ता से हटाने की साजिश रची थी। ट्रंप ने यह खुलासा वाशिंगटन में ‘रिपब्लिकन गवर्नर्स एसोसिएशन’ की बैठक में किया, जहां उन्होंने भारत को दी गई 2.1 करोड़ डॉलर की वित्तीय सहायता को एक ‘रिश्वत योजना’ करार दिया।
क्या था ट्रंप का खुलासा?
ट्रंप ने आरोप लगाया कि बाइडेन प्रशासन ने भारत में ‘मतदान प्रतिशत’ बढ़ाने के नाम पर एक छिपी हुई योजना बनाई थी, जिसका उद्देश्य भारतीय राजनीतिक परिदृश्य को प्रभावित करना था। उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा, “हम भारत के मतदान प्रतिशत की चिंता क्यों कर रहे हैं? हमारे पास खुद के देश में कई समस्याएं हैं, और हम अपने ही मतदान प्रतिशत को बढ़ाना चाहते हैं।” ट्रंप का दावा है कि यह फंडिंग वास्तव में किसी और को भारतीय सत्ता में लाने का एक प्रयास था।
भारत समेत दुनिया में मची हलचल
ट्रंप के इस बयान के बाद भारत समेत पूरी दुनिया में हलचल मच गई है। उन्होंने इससे पहले भी कई बार कहा था कि बाइडेन प्रशासन ‘USAID’ के माध्यम से भारत की मौजूदा सरकार को हटाने की साजिश कर रहा था। हालांकि, अब अमेरिका ने भारत में वोटर टर्नआउट बढ़ाने के नाम पर दी जाने वाली इस सहायता राशि को पूरी तरह से रद्द कर दिया है। ट्रंप का मानना है कि यह धनराशि भारतीय चुनाव प्रक्रिया में हस्तक्षेप का एक प्रयास था, जिसे अब रोक दिया गया है।
बाइडेन को क्यों थी भारत में मतदान की चिंता?
ट्रंप ने सवाल उठाया कि आखिर बाइडेन प्रशासन को भारत में मतदान प्रतिशत बढ़ाने की इतनी चिंता क्यों थी? उन्होंने कहा, “जब आपको यह भी नहीं पता कि हम किस चीज़ की बात कर रहे हैं, तो इसका सीधा मतलब है कि रिश्वत दी जा रही थी।” ट्रंप का यह बयान ऐसे समय आया है जब अमेरिका के अगले राष्ट्रपति चुनावों की तैयारी जोरों पर है, और वे लगातार बाइडेन प्रशासन की नीतियों पर हमला बोल रहे हैं।
भारत में सत्ता परिवर्तन का था प्रयास?
ट्रंप ने मियामी में ‘एफआईआई प्राथमिकता शिखर सम्मेलन’ को संबोधित करते हुए भी भारत को दी गई इस वित्तीय सहायता पर सवाल उठाए थे। उन्होंने आरोप लगाया कि भारत में “किसी और को निर्वाचित कराने” की योजना बनाई गई थी। उनकी टिप्पणी एलन मस्क के नेतृत्व वाले सरकारी दक्षता विभाग (डीओजीई) की उस रिपोर्ट के बाद आई, जिसमें यह खुलासा किया गया था कि अमेरिकी संस्था ‘यूएसएड’ ने भारत में मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए भारतीय निर्वाचन आयोग को 2.1 करोड़ डॉलर का योगदान दिया था।
क्या कहती है अमेरिकी सरकार?
अमेरिकी सरकार की ओर से इस पूरे मामले पर अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन ट्रंप के इन आरोपों ने वैश्विक राजनीति में हलचल जरूर मचा दी है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि भारत और अमेरिका के रिश्तों पर इस खुलासे का क्या असर पड़ता है और क्या बाइडेन प्रशासन इस पर कोई सफाई देगा या नहीं।